परमेश्वर के प्रबंधन का उद्देश्य मानव जाति को बचाना है
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
मनुष्य को उसकी दयालु मंशा का एहसास हो न हो,
वो बिना थके और रुके अपना कार्य करता रहता है।
मनुष्य को उसके प्रबंधन की समझ हो न हो,
परमेश्वर का कार्य हरेक को मदद और लाभ पहुँचाता रहता है।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
शायद तुम्हें परमेश्वर के प्रेम और उसके दिए जीवन का एहसास न हो,
लेकिन अगर तुम उस पर अपना विश्वास रखो,
अगर तुम सत्य की तलाश में अटल रहो,
एक दिन तुम ज़रूर देख पाओगे परमेश्वर की मुस्कुराहट।
क्योंकि अपने प्रबंधन में परमेश्वर का उद्देश्य है
कि वो शैतान के चंगुल से मानवता को निकाले,
और उन्हें न त्यागे जिन्हें शैतान ने दूषित किया,
और उन्हें न त्यागे जो उसकी मंशा के विपरीत हैं।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
"वचन देह में प्रकट होता है" से
एक-एक चीज़ में दिखता है।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
मनुष्य को उसकी दयालु मंशा का एहसास हो न हो,
वो बिना थके और रुके अपना कार्य करता रहता है।
मनुष्य को उसके प्रबंधन की समझ हो न हो,
परमेश्वर का कार्य हरेक को मदद और लाभ पहुँचाता रहता है।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
शायद तुम्हें परमेश्वर के प्रेम और उसके दिए जीवन का एहसास न हो,
लेकिन अगर तुम उस पर अपना विश्वास रखो,
अगर तुम सत्य की तलाश में अटल रहो,
एक दिन तुम ज़रूर देख पाओगे परमेश्वर की मुस्कुराहट।
क्योंकि अपने प्रबंधन में परमेश्वर का उद्देश्य है
कि वो शैतान के चंगुल से मानवता को निकाले,
और उन्हें न त्यागे जिन्हें शैतान ने दूषित किया,
और उन्हें न त्यागे जो उसकी मंशा के विपरीत हैं।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
"वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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