लोग परमेश्वर की जय-जयकार करते हैं, लोग परमेश्वर की स्तुति करते हैं; सभी अपने मुख से एकमात्र सच्चे परमेश्वर का नाम लेते हैं, सभी लोगों की दृष्टि परमेश्वर के कर्मों को देखने के लिए उठती है। राज्य जगत में अवतरित होता है, परमेश्वर का मानव समृद्ध और उदार है। (समृद्ध और उदार) इसका उत्सव कौन न मनाएगा? (इसका उत्सव कौन न मनाएगा?) कौन है जो इसके लिए आनंदित हो, नृत्य न करेगा? ( कौन है जो इसके लिए आनंदित हो, नृत्य न करेगा?) ओह, सिय्योन! (ओह, सिय्योन!) ओह, सिय्योन! (ओह, सिय्योन!) परमेश्वर का जश्न मनाने के लिए अपनी विजयी-पताका उठाओ! जीत का अपना विजय-गीत गाओ और परमेश्वर का पवित्र नाम फैलाओ! पृथ्वी की समस्त वस्तुओ! परमेश्वर को अर्पण करने के लिए स्वयं को शुद्ध करो! आसमान के तारो! अब अपने स्थानों पर लौट जाओ और नभ-मंडल में परमेश्वर की महानता दिखाओ! परमेश्वर पृथ्वी पर लोगों की उन आवाज़ों को सुन रहा हूं, जो अपने गायन में परमेश्वर के लिए असीम प्रेम और श्रद्धा प्रकट कर रही हैं! इस दिन, जबकि सभी चीजों में ऊर्जा का संचार हो रहा है, परमेश्वर पृथ्वी पर अपने कदम रख रहा है। इस पल, फूल खिल रहे हैं, पक्षी गा रहे हैं, हर चीज़ पूरे उल्लास से भरी हुई है! पक्षी गा रहे हैं, हर चीज़ पूरे उल्लास से भरी हुई है! राज्य के अभिनंदन की ध्वनि में, शैतान का राज्य ध्वस्त हो गया है, राज्य-गान के प्रतिध्वनित होते समूह-गान में नष्ट हो गया है। और ये अब फिर कभी सिर नहीं उठाएगा! पृथ्वी पर कौन है जो सिर उठाने और विरोध करने का साहस करे? जब परमेश्वर पृथ्वी पर आता है तो ज्वलन, क्रोध, और तमाम विपदाएं लाता है, और तमाम विपदाएं लाता है। पृथ्वी के सारे राज्य अब परमेश्वर के राज्य हैं! ऊपर आकाश में बादल अस्त-व्यस्त और तरंगित होते हैं; आकाश के नीचे (आकाश के नीचे) आकाश के नीचे (आकाश के नीचे) झीलें और नदियाँ हिलोरे मारती हैं और उनमें मंथन होता है,जिससे मधुर संगीत निकलता है। अपनी मांद में विश्राम करते जीव-जंतु बाहर निकलते हैं और जो लोग उनींदी अवस्था में थे, उन्हें भी परमेश्वर जगा देता है। जिस दिन का सभी लोगों को इंतजार था, आखिरकार आ गया है! वे परमेश्वर को सर्वाधिक सुंदर गीत भेंट करते हैं! परमेश्वर को! परमेश्वर को! (II)परमेश्वर आ चुका है और परमेश्वर राज्य करता है इस खूबसूरत पल में, इस रोमांचक समय में, ऊपर आकाश में और आकाश के नीचे सब स्तुति करते हैं। इसके लिए कौन उल्लसित न होगा? इसके लिए कौन उल्लसित न होगा? इसके लिए कौन आनंदित न होगा? इस अवसर पर कौन खुशी के आँसू न बहाएगा? अब यह वही आकाश नहीं है, अब यह राज्य का आकाश है। अब यह वही पृथ्वी नहीं है, बल्कि अब यह पवित्र पृथ्वी है। घनघोर वर्षा के बाद, मलिन जीर्ण विश्व पूरी तरह से बदल गया है। घनघोर वर्षा के बाद, मलिन जीर्ण विश्व पूरी तरह से बदल गया है। पर्वत बदल रहे हैं ... जलस्रोत बदल रहे हैं ... इन्सान भी बदल रहे हैं ... हर चीज बदल रही है ... शांत पर्वतो! परमेश्वर के लिए नृत्य करो! स्थिर जलस्रोतो! स्वतंत्र रूप से प्रवाहमान रहो! उनींदे मनुष्यो! उठो और अपने लक्ष्य में जुट जाओ! उठो और अपने लक्ष्य में जुट जाओ! परमेश्वर आ गया है ... और परमेश्वर का ही आधिपत्य है ... परमेश्वर आ गया है ... और परमेश्वर का ही आधिपत्य है ... सब लोग अपनी आँखों से परमेश्वर का चेहरा देखेंगे, सब लोग अपने कानों से परमेश्वर की आवाज सुनेंगे, स्वयं राज्य में जीवन का अनुभव करेंगे... इतना मधुर ... इतना सुंदर ... इतना मधुर ... इतना सुंदर ... अविस्मरणीय ... अविस्मरणीय ... …
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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