33. विपत्ति के पहले स्वर्गारोहण क्या है? ऐसा विजयी किसे कहते हैं जिसे विपत्ति से पहले पूर्ण किया जाता हो?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जिन लोगों को परमेश्वर जीतने वाले रूप में संदर्भित करता है ये वे लोग हैं जो अभी भी गवाह बनने, और शैतान के प्रभाव में होने और शैतान की घेराबंदी में होने पर, अर्थात्, जब अंधकार की शक्तियों के भीतर हों, तो अपना आत्मविश्वास और अपनी भक्ति बनाए रखने में सक्षम हैं। यदि तुम अभी भी परमेश्वर के लिए पवित्र दिल और अपने वास्तविक प्यार को बनाए रखने में सक्षम हो, तो चाहे कुछ हो जाए, तुम परमेश्वर के सामने गवाह बनते हो, और यही वह है जिसे परमेश्वर एक विजेता होने के रूप में संदर्भित करता है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "तुम्हें परमेश्वर के प्रति अपनी भक्ति अवश्य बनाए रखनी चाहिए" से
परमेश्वर पर विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में, तुम को यह समझना चाहिए कि, आज, इन अंतिम दिनों में परमेश्वर का कार्य और तुम में परमेश्वर की योजना के सारे कार्य को पाने में, तुमने परमेश्वर की ओर से उत्कर्ष और उद्धार को वास्तव में पा लिया है। समस्त ब्रम्हांड में परमेश्वर के सारे कार्य ने इसी एक जनसमूह पर ध्यान केंद्रित किया है। उसने अपने सभी प्रयास तुम लोगों के लिये समर्पित किये और तुम्हारे लिये सब कुछ बलिदान किया है, उसने फिर से दावा किया है और समस्त ब्रम्हांड में तुम लोगों के लिये पवित्रा आत्मा के सभी काम दिये हैं। यही कारण है कि मैं कहता हूं, तुम सभी सौभाग्यशाली हो। और यही नहीं, अपनी महिमा को इस्राएल से, अर्थात उसके चुने हुए लोगों से हटाया है, और तुम लोगों को दिया है, ताकि उसकी योजना के उद्देश्यों को तुम्हारे जनसमूह के द्वारा पूर्ण रूप से प्रकट करे। इस कारण तुम सभी वे लोग हो जो परमेश्वर की विरासत को पाएंगे, और इससे भी अधिक परमेश्वर की महिमा के वारिस ठहरेंगे। संभवतः तुम सबको ये वचन स्मरण होंगे: "क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।" अतीत में तुम सबने यह बात सुनी है तो भी किसी ने इन वचनों का सही अर्थ नहीं समझा। आज, तुम सभी अच्छे से जानते हो कि उनका वास्तविक महत्व क्या है। ये वह वचन है जिन्हें परमेश्वर अंतिम दिनों में पूरा करेगा। और ये वचन उन में पूरे होंगे जो विशाल लाल अजगर द्वारा निर्दयतापूर्वक पीड़ित किये गए हैं, उस देश में जहां वह रहता है। यह बड़ा लाल अजगर परमेश्वर को सताता है और परमेश्वर का शत्रु है, इसलिए इस देश में, जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं उन्हें अपमानित किया जाता और सताया जाता है। इस कारण ये शब्द तुम्हारे समूह के लोगों में वास्तविकता बन जाएंगे। जब उस देश में परमेश्वर का कार्य किया जाता है जहाँ परमेश्वर का विरोध होता है, उसके सारे कामों में अत्यधिक बाधा आती है, और उसके बहुत से वचन सही समय पर पूरे नहीं किये जा सकते; अतः, परमेश्वर के वचनों के कारण लोग शुद्ध किये जाते हैं। यह भी पीड़ा का एक तत्व है। परमेश्वर के लिए विशाल लाल अजगर के देश में अपना कार्य करना बहुत कठिन है, परन्तु ऐसी कठिनाईयों के बीच में अपनी बुद्धि और अद्भुत कामों को प्रकट करने के लिए परमेश्वर अपने काम का मंचन करता है। परमेश्वर इस अवसर के द्वारा इस जनसमूह के लोगों को पूर्ण करता है। इस अशुद्ध देश में लोगों के सताये जाने के कारण, उनकी क्षमता और उनके पूरे शैतानी स्वभाव का परमेश्वर शुद्धिकरण करता और जीतता है ताकि, इससे, वह महिमा प्राप्त करे और उन्हें भी जो उसके कामों के गवाह बनते हैं। परमेश्वर ने इस जनसूमह के लोगों के लिए जो बलिदान किये हैं यह उन सभी का संपूर्ण महत्व है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?" से
राज्य के युग में मनुष्य को पूरी तरह से पूर्ण किया जाएगा। विजय के कार्य के पश्चात्, मनुष्य को परिष्करण एवं क्लेश के अधीन किया जाएगा। ऐसे लोग जो विजय प्राप्त कर सकते हैं और इस क्लेश के दौरान गवाह के रूप में खड़े हो सकते हैं वे ऐसे मनुष्य हैं जिन्हें अन्ततः पूर्ण बनाया जाएगा; वे विजय प्राप्त करनेवाले लोग हैं। इस क्लेश के दौरान, मनुष्य से अपेक्षा की जाती है कि वह इस परिष्करण को स्वीकार करे, और यह परिष्करण परमेश्वर के कार्य की अन्तिम घटना है। यह वह अंतिम समय है जब परमेश्वर के प्रबंधन के समस्त कार्य के समापन से पहले मनुष्य को परिष्कृत किया जाएगा, और वे सब जो परमेश्वर का अनुसरण करते हैं उन्हें इस अंतिम परीक्षा को स्वीकार करना होगा, और इस अंतिम परिष्करण को स्वीकार करना होगा। ऐसे लोग जो क्लेश के द्वारा परेशान हो जाते हैं वे पवित्र आत्मा के कार्य एवं परमेश्वर के मार्गदर्शन से रहित हैं, किन्तु ऐसे लोग जिन्हें सचमुच में जीत लिया गया है और जो सचमुच में परमेश्वर की खोज करते हैं वे अंततः दृढ़ता से स्थिर रहेंगे; वे ऐसे मनुष्य हैं जो विनम्रता एवं दीनता धारण करते हैं, और जो सचमुच में परमेश्वर से प्रेम करते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि परमेश्वर क्या करता है, इन विजयी मनुष्यों को दर्शनों से वंचित नहीं किया जाएगा और वे अपनी गवाही में असफल हुए बिना अब भी सत्य को अभ्यास में लाएंगे। ये ऐसे मनुष्य हैं जो अंततः बड़े क्लेश से उभर कर निकलेंगे।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" से
मैं पहले कह चुका हूँ कि पूर्व दिशा से जीतने वालों का एक समूह प्राप्त किया जाता है, ऐसे जीतने वाले जो महान क्लेश से गुजर कर आते हैं। ऐसे वचनों का क्या अर्थ है? उनका अर्थ है कि न्याय और ताड़ना, और व्यवहार और काँट-छाँट, और सभी प्रकार के शुद्धिकरण से गुजरने के बाद केवल ये प्राप्त कर लिए गए लोग ही वास्तव में आज्ञापालन करते थे। ऐसे व्यक्तियों का विश्वास अस्पष्ट और अमूर्त नहीं है, बल्कि वास्तविक है। उन्होंने किन्हीं भी संकेतों और चमत्कारों, या अचम्भों को नहीं देखा है; वे गूढ़ अक्षरों और सिद्धान्तों, या गहन अंर्तदृष्टि की बातें नहीं करते हैं; इसके बजाय उनके पास वास्तविकता और परमेश्वर के वचन, और परमेश्वर की वास्तविकता का सच्चा ज्ञान है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है" से
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