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2019/03/31

45. जो लोग बचाए और पूर्ण किये गए हैं उनके लिए परमेश्वर के क्या वादे हैं?

45. जो लोग बचाए और पूर्ण किये गए हैं उनके लिए परमेश्वर के क्या वादे हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
अब मैं निर्बाध अपने लोगों के मध्य चल रहा हूं, मेरे लोगों के मध्य में रहता हूं। आज, जो मेरे लिए वास्तविक प्रेम रखते हैं, ऐसे लोग ही धन्य हैं; जो मुझे समर्पित रहते हैं वे धन्य हैं, वे निश्चय ही मेरे राज्य में रहेंगे; जो मुझे जानते हैं वे धन्य हैं, वे निश्चय ही मेरे राज्य में शक्ति प्राप्त करेंगे; जो मेरा अनुसरण करते हैं वे धन्य हैं, वे निश्चय ही शैतान के बंधनों से स्वतंत्र होंगे और मेरी आशीषों का आनन्द लेंगे; वे लोग धन्य हैं जो अपने आप को मेरे लिए त्यागते हैं, वे निश्चय ही मेरे राज्य को प्राप्त करेंगे और मेरे राज्य का उपहार पाएंगे। जो लोग मेरे खातिर मेरे चारों ओर दौड़ते हैं उनके लिए मैं उत्सव बनाऊंगा, जो लोग मेरे लिए अपने आप को समर्पित करते हैं मैं उन्हें आनन्द से गले लगाऊंगा, जो लोग मुझे भेंट देते हैं मैं उन्हें आनन्द दूंगा।

2019/03/30

44. परमेश्वर की प्रजा में कौन होते हैं? सेवाकर्त्ता कौन होते हैं?

44. परमेश्वर की प्रजा में कौन होते हैं? सेवाकर्त्ता कौन होते हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
ऐसा होने के कारण अब एक नया दृष्टिकोण होगा: जो लोग मेरा वचन पढ़ते हैं और इसे अपने जीवन के ही रूप में स्वीकार करते हैं, वे मेरे राज्य के लोग हैं। चूंकि वे मेरे राज्य में हैं, इसलिए राज्य में वे मेरी प्रजा हैं। क्योंकि वे मेरे वचनों के द्वारा निर्देशित होते हैं, हालांकि उन्हें मेरी प्रजा के रूप में संदर्भित किया जाता है, यह पदवी किसी भी तरह मेरे "पुत्रों" की तरह बुलाये जाने से कम नहीं है। मेरी प्रजा के रूप में, सभी को मेरे राज्य में वफ़ादार होना चाहिए और उन्हें अपने कर्तव्यों को पूरा करना चाहिए, और वे जो मेरे प्रशासनिक आदेशों का अनादर करते हैं, उनको मेरी सजा मिलनी ही चाहिए।

2019/03/29

43. किसी व्यक्ति के अंत का निर्णय परमेश्वर किस बात पर आधारित करता है?

43. किसी व्यक्ति के अंत का निर्णय परमेश्वर किस बात पर आधारित करता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
अब वह समय है जब मैं प्रत्येक व्यक्ति का अंत करने का निश्चय करता हूँ, उस चरण का नहीं जिस पर मैंने मनुष्यों पर कार्य आरंभ किया था। मैं अपनी अभिलेख पुस्तक में प्रत्येक व्यक्ति के वचनों और कार्यों को, एक-एक करके, और साथ ही मेरा अनुसरण करने में उनके मार्ग को, उनके अंतर्निहित अभिलक्षणों को। और उनके अंतिम प्रदर्शन को लिखता हूँ। इस तरह, किसी भी प्रकार का मनुष्य मेरे हाथ से नहीं बचेगा, और सभी अपने स्वयं के प्रकार के लोगों के साथ होंगे, जैसा मैं उन्हें नियत करूँगा।

2019/03/28

42. परमेश्वर किन लोगों को बचाता है? वह किन लोगों को हटा देता है?

42. परमेश्वर किन लोगों को बचाता है? वह किन लोगों को हटा देता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जो शैतान से संबंधित होते हैं वे परमेश्वर के वचनों को नहीं समझते हैं और जो परमेश्वर से संबंधित होते हैं वे परमेश्वर की आवाज़ को सुन सकते हैं। वे सभी लोग जो मेरे द्वारा बोले गए वचनों को महसूस करते और समझते हैं ऐसे लोग हैं जो बचाए जाएँगे, और परमेश्वर की गवाही देंगे; वे सभी लोग जो मेरे द्वारा बोले गए वचनों को नहीं समझते हैं परमेश्वर की गवाही नहीं दे सकते हैं, और ऐसे लोग हैं जो निकाल दिए जाएँगे।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है" से
परमेश्वर उन्हें बचाता है जो जीवित हो सकते हैं, जो परमेश्वर के उद्धार को देख सकते हैं, जो परमेश्वर के प्रति निष्ठावान हैं और जो परमेश्वर को खोजने के इच्छुक हैं। परमेश्वर उन्हें बचाता है जो परमेश्वर के अवतरण में विश्वास करते हैं और उसके प्रकटन में विश्वास करते हैं।

2019/03/27

41. बुरे कर्म क्या हैं? बुरे कर्मों की अभिव्यक्तियाँ क्या हैं?

41. बुरे कर्म क्या हैं? बुरे कर्मों की अभिव्यक्तियाँ क्या हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
भाइयों और बहनों के बीच जो हमेशा अपनी नकारात्मकता का गुबार निकालते रहते हैं, वे शैतान के अनुचर हैं और वे कलीसिया को परेशान करते हैं। ऐसे लोगों को अवश्य ही एक दिन निकाल और हटा दिया जाना चाहिए। परमेश्वर में अपने विश्वास को लेकर, अगर लोगों के अंदर परमेश्वर के प्रति श्रद्धा-भाव से भरा दिल नहीं है, अगर ऐसा दिल नहीं है जो परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी है, तो ऐसे लोग न सिर्फ परमेश्वर के लिये कोई कार्य कर पाने में असमर्थ होंगे, बल्कि वे ऐसे लोग बन जायेंगे जो परमेश्वर के कार्य में बाधा उपस्थित करते हैं और उनकी उपेक्षा करते हैं।

2019/03/26

40. अच्छे कर्म क्या हैं? अच्छे कर्मों की अभिव्यक्तियाँ क्या हैं?

40. अच्छे कर्म क्या हैं? अच्छे कर्मों की अभिव्यक्तियाँ क्या हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि तुम सत्य को धारण करते हो, तो तुम परमेश्वर का अनुसरण कर सकते हो। यदि तुम जीवन जीते हो, तो तुम परमेश्वर के वचन की अभिव्यक्ति हो सकते हो। यदि तुम्हारे पास जीवन है तो तुम परमेश्वर की आशीषों का आनन्द ले सकते हो। जो लोग सत्य को धारण करते हैं वे परमेश्वर के आशीष का आनन्द ले सकते हैं। परमेश्वर उनके कष्टों का निवारण सुनिश्चित करता है जो उसे सम्पूर्ण हृदय से प्रेम करते हैं और साथ ही कठिनाईयों और पीड़ाओं को सहते हैं, उनके नहीं जो केवल अपने आप से प्रेम करते हैं और शैतान के धोखों का शिकार हो चुके हैं।

2019/03/25

36. कितने धर्मी लोग विपत्तिओं में परमेश्वर के पास वापस आ जाएँगे?

36. कितने धर्मी लोग विपत्तिओं में परमेश्वर के पास वापस आ जाएँगे?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जैसे ही मैं बोलने के लिए विश्व की तरफ अपने चेहरे को घुमाता हूँ, सारी मानवजाति मेरी आवाज़ को सुनती है, और उसके बाद उन सभी कार्यों को देखती है जिसे मैंने समूचे ब्रह्माण्ड में गढ़ा है। वे जो मेरी इच्छा के विरूद्ध जाते हैं, अर्थात्, जो मनुष्य के कार्यों से मेरा विरोध करते हैं, वे मेरी ताड़ना के अधीन नीचे गिर जाएँगे। मैं स्वर्ग के असंख्य तारों को लूँगा और उन्हें फिर से नया कर दूँगा, और मेरे कारण सूर्य और चन्द्रमा को नया बना दिया जाएगा-आकाश अब और वैसा नहीं रहेगा जैसा वह था; पृथ्वी पर बेशुमार चीज़ों को फिर से नया बना दिया जाएगा।

2019/03/24

35. परमेश्वर उन लोगों को क्यों विपत्तियों में डाल देगा जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने से इनकार करते हैं?

35. परमेश्वर उन लोगों को क्यों विपत्तियों में डाल देगा जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने से इनकार करते हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
वे सभी जिनसे मैं प्रेम करता हूँ वे निश्चय ही अनन्त काल तक जीवित रहेंगे, और वे सभी जो मेरे विरूद्ध खड़े होते हैं उन्हें निश्चय ही मेरे द्वारा अनन्त काल तक ताड़ना दी जाएगी। क्योंकि मैं एक ईर्ष्यालु परमेश्वर हूँ, मैं उन सब के कारण जो मनुष्यों ने किया है उन्हें हल्के में नहीं छोडूँगा। मैं पूरी पृथ्वी पर निगरानी रखूँगा, और, संसार की पूर्व दिशा में धार्मिकता, प्रताप, कोप और ताड़ना के साथ प्रकट हो जाऊँगा, और मैं मानवता के असंख्य मेज़बानों पर स्वयं को प्रकट करूँगा!
"वचन देह में प्रकट होता है" से
मैं प्रत्येक व्यक्ति की मंज़िल आयु, वरिष्ठता, पीड़ा की मात्रा, और सबसे कम, दुर्दशा के अंश जिसे वे आमंत्रित करते हैं के आधार पर नहीं, बल्कि इस बात के अनुसार तय करता हूँ कि वे सत्य को धारण करते हैं या नहीं।

2019/03/23

34. क्या वह हर व्यक्ति जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार नहीं करता है, वास्तव में विपत्ति में पड़ जाएगा?

34. क्या वह हर व्यक्ति जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार नहीं करता है, वास्तव में विपत्ति में पड़ जाएगा?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मैं तुम लोगों बता दूँ, कि जो परमेश्वर में संकेतों की वजह से विश्वास करते हैं वे निश्चित रूप से उस श्रेणी के होंगे जो विनाश को झेलेगी। वे जो देह में लौटे यीशु के वचनों को स्वीकार करने में अक्षम हैं वे निश्चित रूप से नरक के वंशज, महान फ़रिश्ते के वंशज हैं, उस श्रेणी के हैं जो अनंत विनाश के अधीन की जाएगी। कई लोग मैं क्या कहता हूँ इसकी परवाह नहीं करते हैं, किंतु मैं ऐसे हर तथाकथित संत को बताना चाहता हूँ जो यीशु का अनुसरण करते हैं, कि जब तुम लोग यीशु को एक श्वेत बादल पर स्वर्ग से उतरते हुए अपनी आँखों से देखो, तो यह धार्मिकता के सूर्य का सार्वजनिक प्रकटन होगा।

2019/03/22

33. विपत्ति के पहले स्वर्गारोहण क्या है? ऐसा विजयी किसे कहते हैं जिसे विपत्ति से पहले पूर्ण किया जाता हो?

33. विपत्ति के पहले स्वर्गारोहण क्या है? ऐसा विजयी किसे कहते हैं जिसे विपत्ति से पहले पूर्ण किया जाता हो?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जिन लोगों को परमेश्वर जीतने वाले रूप में संदर्भित करता है ये वे लोग हैं जो अभी भी गवाह बनने, और शैतान के प्रभाव में होने और शैतान की घेराबंदी में होने पर, अर्थात्, जब अंधकार की शक्तियों के भीतर हों, तो अपना आत्मविश्वास और अपनी भक्ति बनाए रखने में सक्षम हैं। यदि तुम अभी भी परमेश्वर के लिए पवित्र दिल और अपने वास्तविक प्यार को बनाए रखने में सक्षम हो, तो चाहे कुछ हो जाए, तुम परमेश्वर के सामने गवाह बनते हो, और यही वह है जिसे परमेश्वर एक विजेता होने के रूप में संदर्भित करता है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "तुम्हें परमेश्वर के प्रति अपनी भक्ति अवश्य बनाए रखनी चाहिए" से
परमेश्वर पर विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में, तुम को यह समझना चाहिए कि, आज, इन अंतिम दिनों में परमेश्वर का कार्य और तुम में परमेश्वर की योजना के सारे कार्य को पाने में, तुमने परमेश्वर की ओर से उत्कर्ष और उद्धार को वास्तव में पा लिया है।

2019/03/19

29. दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना क्या है? दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना कैसे प्रकट होता है?

29. दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना क्या है? दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना कैसे प्रकट होता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मुझे बताओ, क्या तुम जानते हो तुम सब किस आत्मा के हो? क्या तुम अपनी आत्मा को महसूस करने के योग्य हो? क्या तुम अपनी आत्मा को छूने के योग्य हो? क्या तुम सब यह जानने के योग्य हो कि तुम सब की आत्मा क्या कर रही है? तुम सब नहीं जानते हो, है ना? यदि तुम ऐसी बातों को महसूस करने और समझने के योग्य हो, तो यह तुम्हारे भीतर एक अन्य आत्मा बलपूर्वक कुछ करवा रहा है-तुम्हारे कार्यों और शब्दों को नियन्त्रित कर रहा है। तुम में यह कुछ बाहर का है-यह तुम्हारा नहीं है।

2019/03/18

28. पवित्र आत्मा के कार्य और बुरी आत्माओं के काम के बीच क्या अंतर है?

28. पवित्र आत्मा के कार्य और बुरी आत्माओं के काम के बीच क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि यह पवित्र आत्मा का कार्य है, तो मनुष्य हमेशा से अधिक सामान्य बन जाता है, और उसकी मानवता हमेशा से अधिक सामान्य बन जाती है। मनुष्य को अपने स्वभाव का, जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया है और मनुष्य के सार का बढ़ता हुआ ज्ञान होता है, और उसकी सत्य के लिए हमेशा से अधिक ललक होती है। अर्थात्, मनुष्य का जीवन अधिकाधिक बढ़ता जाता है और मनुष्य का भ्रष्ट स्वभाव अधिकाधिक बदलावों में सक्षम हो जाता है - जिस सब का अर्थ है परमेश्वर का मनुष्य का जीवन बनना।

2019/03/17

27. बुरी आत्माओं का क्या काम है? बुरी आत्माओं का काम कैसे प्रकट होता है?

27. बुरी आत्माओं का क्या काम है? बुरी आत्माओं का काम कैसे प्रकट होता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
शैतान की ओर से कौनसे कार्य आते हैं? उस कार्य में जो शैतान की ओर से आता है, ऐसे लोगों में दर्शन अस्पष्ट और धुंधले होते हैं, और वे सामान्य मनुष्यत्व के बिना होते हैं, उनमें उनके कार्यों के पीछे की प्रेरणाएँ गलत होती हैं, और यद्यपि वे परमेश्वर से प्रेम करना चाहते हैं, फिर भी उनके भीतर सैदव दोषारोपण रहते हैं, और ये दोषारोपण और विचार उनमें सदैव हस्तक्षेप करते रहते हैं, जिससे वे उनके जीवन की बढ़ोतरी को सीमित कर देते हैं और परमेश्वर के समक्ष सामान्य परिस्थितियों को रखने से उन्हें रोक देते हैं।

2019/03/16

26. पवित्र आत्मा के कार्य को कोई कैसे प्राप्त कर सकता है?

26. पवित्र आत्मा के कार्य को कोई कैसे प्राप्त कर सकता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
पवित्र आत्मा का कार्य दिन ब दिन बदलता जाता है, हर एक कदम के साथ ऊँचा उठता जाता है; आने वाले कल का प्रकाशन आज से भी कहीं ज़्यादा ऊँचा होता है, कदम दर कदम और ऊपर चढ़ता जाता है। जिस कार्य के द्वारा परमेश्वर मनुष्य मनुष्य को सिद्ध करता है वह ऐसा ही है। यदि मनुष्य उस गति से चल न पाए, तो उसे किसी भी समय पीछे छोड़ा सकता है। यदि मनुष्य के पास आज्ञाकारी हृदय न हो, तो वह अंत तक अनुसरण नहीं कर सकता है। पूर्व का युग गुज़र गया है; यह एक नया युग है। और नए युग में, नया कार्य करना होगा। विशेषकर अंतिम युग में जिसमें मनुष्य को सिद्ध किया जाएगा, परमेश्वर पहले से ज़्यादा तेजी से नया कार्य करेगा।

2019/03/14

24. एक अच्छे नौकर और एक बुरे नौकर के बीच क्या अंतर है?

24. एक अच्छे नौकर और एक बुरे नौकर के बीच क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जो परमेश्वर की सेवा करते हैं वे परमेश्वर के अंतरंग होने चाहिए, वे परमेश्वर के प्यारे होने चाहिए, और उन्हें परमेश्वर के प्रति अत्यंत वफादारी के लिए सक्षम होना चाहिए। इस बात की परवाह किए बिना कि तुम लोगों के पीठ पीछे कार्यकलाप करते हो या उनके सामने, तुम परमेश्वर के सामने परमेश्वर के आनन्द को प्राप्त करने में समर्थ हो, तुम परमेश्वर के सामने अडिग रहने में समर्थ हो, और इस बात की परवाह किए बिना कि अन्य लोग तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार करते हैं, तुम हमेशा अपने स्वयं के मार्ग पर चलते हो, और परमेश्वर की ज़िम्मेदारी का पूरा ध्यान रखते हो। केवल यह ही परमेश्वर का एक अंतरंग है।

2019/03/12

23. गेहूं और जंगली पौधे के बीच क्या अंतर है?

23. गेहूं और जंगली पौधे के बीच क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उन्हें किस प्रकार परखा जाता है, उन लोगों की स्वामी भक्ति अपरिवर्तनीय बनी रहती है जिनके हृदय में परमेश्वर है, किन्तु उनके लिए जिनके हृदय में परमेश्वर नहीं है, जब एक बार परमेश्वर का कार्य उनकी देह के लिए फायदेमन्द नहीं होता है, तो वे परमेश्वर के विषय में अपने दृष्टिकोण को बदल देते हैं, और यहाँ तक कि परमेश्वर को छोड़कर चले जाते हैं। इस प्रकार के लोग ऐसे मनुष्य हैं जो अंत में दृढ़ता से स्थिर नहीं रहेंगे, जो केवल परमेश्वर की आशीषों को ही खोजते हैं और उनके पास परमेश्वर के लिए अपने आपको विस्तृत करने और उसके प्रति अपने आपका समर्पण करने की कोई इच्छा नहीं होती है।

22. मनुष्य का अनुसरण करना किसे कहते हैं?

22. मनुष्य का अनुसरण करना किसे कहते हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
8. जो लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं, उन्हें परमेश्वर की आज्ञा माननी चाहिए और उसकी आराधना करनी चाहिए। तुम्हें किसी व्यक्ति को ऊँचा नहीं ठहराना चाहिए या किसी व्यक्ति पर श्रद्धा नहीं रखनी चाहिए; तुम्हें पहला स्थान परमेश्वर को, दूसरा स्थान उन लोगों को जिनकी तुम श्रद्धा करते हो, और तीसरा स्थान अपने आपको नहीं देना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को तुम्हारे हृदय में कोई स्थान नहीं लेना चाहिए, और तुम्हें लोगों को—विशेष रूप से उन्हें जिनका तुम सम्मान करते हो—परमेश्वर के समतुल्य, उसके बराबर नहीं मानना चाहिए। यह परमेश्वर के लिए असहनीय है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "दस प्रशासनिक आज्ञाएँ जिनका परमेश्वर के चयनित लोगों द्वारा राज्य के युग में पालन अवश्य किया जाना चाहिए" से
कुछ लोग सत्य में आनन्द नहीं मनाते हैं, न्याय की तो ही दूर है। बल्कि वे शक्ति और धन में आनन्द मनाते हैं; इस प्रकार के लोग मिथ्याभिमानी समझे जाते हैं।

2019/03/11

21. परमेश्वर का अनुसरण करना किसे कहते हैं?

21. परमेश्वर का अनुसरण करना किसे कहते हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का अनुसरण करने में प्रमुख महत्व इस बात का है कि हर चीज परमेश्वर के वास्तविक वचनों के अनुसार होनी चाहिए: चाहे तुम जीवन में प्रवेश कर रहे हो या परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति, सब कुछ परमेश्वर के वास्तविक वचनों के आस-पास ही केंद्रित होना चाहिए। यदि तुम्हारा समागम और अनुसरण परमेश्वर के वास्तविक शब्दों के आसपास केंद्रित नहीं होते हैं, तो तुम परमेश्वर के शब्दों के लिए एक अजनबी हो, और पवित्र आत्मा के कार्य से पूरी तरह से वंचित हो।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और परमेश्वर के चरण-चिन्हों का अनुसरण करो" से
पवित्र आत्मा का कार्य दिन ब दिन बदलता जाता है, हर एक कदम के साथ ऊँचा उठता जाता है; आने वाले कल का प्रकाशन आज से भी कहीं ज़्यादा ऊँचा होता है, कदम दर कदम और ऊपर चढ़ता जाता है।

2019/03/10

20. एक अविश्वासी व्यक्ति क्या होता है?

20. एक अविश्वासी व्यक्ति क्या होता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मैं कहता हूं कि जो लोग सत्य को महत्व नहीं देते हैं वे अविश्वासी और सत्य के विश्वासघाती हैं ऐसे लोग मसीह के अनुमोदन को प्राप्त नहीं कर पायेंगे।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "क्या तुम परमेश्वर के एक सच्चे विश्वासी हो?" से
वे सभी जो परमेश्वर के वचनों की गलत समझ रखते हैं, वे सभी अविश्वासी हैं। उनमें कोई भी वास्तविक ज्ञान नहीं है, वास्तविक कद-काठी का तो सवाल ही नहीं है; वे वास्तविकता रहित अज्ञानी लोग हैं। कहने का अर्थ यह है कि, वे सभी जो परमेश्वर के वचनों के ज्ञान से बाहर जीवन जीते हैं, वे सभी अविश्वासी हैं।

2019/03/09

19. पाखंड क्या है?

19. पाखंड क्या है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
कुछ लोगों में अपनी ओर ध्यान खींचने की विशेष प्रवृत्ति होती है। अपने भाई-बहनों की उपस्थिति में, वह कहता है कि वह परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ है, परंतु उनकी पीठ पीछे, वह सत्य का अभ्यास नहीं करता है और पूरी तरह से अन्यथा करता है। क्या यह उन धार्मिक फरीसियों जैसा नहीं है? एक व्यक्ति जो सच में परमेश्वर से प्यार करता है और जिसमें सत्य है वह एक है जो परमेश्वर के प्रति निष्ठावान है, परंतु वह बाहर से ऐसा प्रकट नहीं करता है। परिस्थिति उत्पन्न होने पर पर वह सत्य का अभ्यास करने को तैयार रहता है और अपने विवेक के विरुद्ध जा कर बोलता या क्रिया नहीं करता है।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...