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2019/06/25

सभी चीज़ें हैं प्रकटीकरण सृष्टिकर्ता के अधिकार का



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • सभी चीज़ें हैं प्रकटीकरण सृष्टिकर्ता के अधिकार का
  •  I
  • इस नये जहाँ में, मानवता से भी पहले,
  • सृष्टिकर्ता ने बनाया सांझ-सवेरा।
  • आकाश, धरती और सागर बनाये,
  • और बनाये घास-फूस, पेड़-पौधे सारे।
  • दिन और साल, मौसम और प्रकाश बनाये उसने
  • उस नये जीवन के लिए, जो थे जल्द ही रचे जाने वाले।
  • सृष्टिकर्ता द्वारा रची गयी हर नई चीज़,
  • थी उसके अधिकार और सामर्थ्य की अभिव्यक्ति।

2019/06/22

ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर
  • I
  • जो कार्य प्रदान करे सटीक वचन,
  • अनुसरण के लिये स्पष्ट लक्ष्य,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • वो कार्य सबसे ज़्यादा मूल्यवान है भ्रष्ट इंसान के लिये।
  • सिर्फ़ वास्तविक कार्य और मार्गदर्शन जो समय पर होता है,
  • ऐसे कार्य हैं जो इंसान की रुचि के सबसे अनुकूल होते हैं।
  • हाँ, असली कार्य ही इंसान को
  • बचाता है दुराचरण और उसके भ्रष्ट स्वभाव से।

2019/06/19

परमेश्वर के विश्वासियों को किस प्रकार की पीड़ा अवश्य सहनी चाहिए और पीड़ा का अर्थ।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज अधिकाँश लोग यह महसूस नहीं करत: वे मानते हैं कि दुःख उठाने का कोई महत्व नहीं है, वे संसार के द्वारा त्यागे जाते हैं, उनके पारिवारिक जीवन में परेशानी होती है, वे परमेश्वर के प्रिय भी नहीं होते, और उनकी अपेक्षाएँ काफी निराशापूर्ण होती हैं। कुछ लोगों के कष्ट एक विशेष बिंदु तक पहुँच जाते हैं, और उनके विचार मृत्यु की ओर मुड़ जाते हैं।

2019/06/18

परमेश्वर पर विश्वास केवल शान्ति और आशीषों को खोजने के लिए ही नहीं होना चाहिए।


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज, आपको सही रास्ते पर नियत अवश्य होना चाहिए क्योंकि तुम व्यावहारिक परमेश्वर में विश्वास करते हो। परमेश्वर में विश्वास करके, तुम्हें सिर्फ़ आशीषों को ही नहीं खोजना चाहिए, बल्कि परमेश्वर को प्रेम करने और परमेश्वर को जानने की कोशिश करनी चाहिए। इस प्रबुद्धता और तुम्हारी स्वयं की खोज के माध्यम से, तुम उसके वचन को खा और पी सकते हो, परमेश्वर के बारे में एक सच्ची समझ को विकसित कर सकते हो, और परमेश्वर के लिए एक सच्चा प्रेम रख सकते हो जो तुम्हारे हृदय से आता है।

2019/06/12

बाहरी अच्छे कर्मों और स्वभाव में परिवर्तनों के बीच अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
धर्म के दायरे में, बहुत से लोग सारा जीवन निरर्थकता से कष्ट भोगते हैं, अपने शरीर को नियंत्रित करते हुए या अपना बोझ उठाते हुए, यहाँ तक कि अपनी अंतिम सांस तक पीड़ा सहते हुए! कुछ लोग अपनी मृत्यु की सुबह में भी उपवास रखते हैं। वे अपने पूर्ण जीवन के दौरान स्वयं को अच्छे भोजन और अच्छे कपड़े से दूर रखते हैं, और केवल पीड़ा पर ज़ोर देते हैं। वे अपने शरीर को वश में कर पाते हैं और अपने शरीर को त्याग पाते हैं।

2019/06/11

परमेश्वर का अनुसरण करने और लोगों का अनुसरण करने में अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का अनुसरण करने में प्रमुख महत्व इस बात का है कि हर चीज परमेश्वर के वास्तविक वचनों के अनुसार होनी चाहिए: चाहे तुम जीवन में प्रवेश कर रहे हो या परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति, सब कुछ परमेश्वर के वास्तविक वचनों के आस-पास ही केंद्रित होना चाहिए। यदि तुम्हारा समागम और अनुसरण परमेश्वर के वास्तविक शब्दों के आसपास केंद्रित नहीं होते हैं, तो तुम परमेश्वर के शब्दों के लिए एक अजनबी हो, और पवित्र आत्मा के कार्य से पूरी तरह से वंचित हो।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और परमेश्वर के चरण-चिन्हों का अनुसरण करो" से

2019/06/09

तुम सच्चे मसीह और झूठे मसीहों के बीच अंतर को कैसे बता सकते हो?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर देहधारी हुआ और मसीह कहलाया, और इसलिए वह मसीह, जो लोगों को सत्य दे सकता है, परमेश्वर कहलाता है। इसके बारे में और कुछ भी अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह परमेश्वर के तत्व को स्वयं में धारण किए रहता है, और अपने कार्य में परमेश्वर के स्वभाव और बुद्धि को धारण करता है, और ये चीजें मनुष्य के लिये अप्राप्य हैं। जो अपने आप को मसीह कहते हैं, फिर भी परमेश्वर का कार्य नहीं कर सकते, वे सभी धोखेबाज़ हैं। मसीह पृथ्वी पर केवल परमेश्वर की अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि वह देह है जिसे धारण करके परमेश्वर लोगों के बीच रहकर कार्य पूर्ण करता है।

2019/06/08

तुम्हें पवित्र आत्मा के और दुष्ट आत्माओं के कार्य के बीच में कैसे विभेद करना चाहिए?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
पवित्र आत्मा का कार्य कुल मिलाकर लोगों को इस योग्य बनाना है कि वे लाभ प्राप्त कर सकें; यह कुल मिलाकर लोगों की उन्नति के विषय में है; ऐसा कोई कार्य नहीं है जो लोगों को लाभान्वित न करता हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि सत्य गहरा है या उथला, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उन लोगों की क्षमता किसके समान है जो सत्य को स्वीकार करते हैं, जो कुछ भी पवित्र आत्मा करता है, यह सब लोगों के लिए लाभदायक है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" से

2019/06/07

तुम्हें परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य में कैसे विभेद करना चाहिए?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
अनुग्रह के युग में, यीशु ने भी काफ़ी बातचीत की और काफ़ी कार्य किया। वह यशायाह से किस प्रकार भिन्न था? वह दानिय्येल से किस प्रकार भिन्न था? क्या वह कोई भविष्यद्वक्ता था? ऐसा क्यों कहा जाता है कि वह मसीहा है? उनके मध्य क्या भिन्न्ताएँ हैं? वे सभी मनुष्य थे जिन्होंने वचन बोले थे, और मनुष्य को उनके वचन लगभग एक से प्रतीत होते थे। उन सभी ने बातें की और कार्य किए। पुराने विधान के भविष्यवद्क्ताओं ने भविष्यवाणियाँ की, और उसी तरह से, यीशु भी वैसा ही कर सका।

2019/06/05

परमेश्वर द्वारा इस्तेमाल के योग्य कैसे हों



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • पूर्ण किये जाने के लिये परमेश्वर से सामान्य संबंध बनाओ
  •  I
  • जब रिश्ता सामान्य होगा तुम्हारा परमेश्वर से,
  • तभी तुम पा सकोगे पूर्णता परमेश्वर से,
  • तब तुम्हारे अंदर परमेश्वर का अनुशासन, शुद्धिकरण
  • और काट-छाँट लाएगा मनचाहा परिणाम।
  • अपने दिल में जगह रख पाते हो तुम परमेश्वर के लिये,
  • नहीं खोजते फ़ायदे अपने, नहीं सोचते भविष्य के बारे में।
  • बल्कि उठाते हो भार जीवन में प्रवेश का,
  • समर्पित होते हो परमेश्वर के कार्य को, अनुसरण करते उसके सत्य का।

2019/06/02

मानवजाति पर परमेश्वर की दया



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • मानवजाति पर परमेश्वर की दया
  •  
  • I
  • दया का अर्थ हो सकता है, दिल से प्रेम करना।
  • दया का अर्थ हो सकता है, प्रेम और रक्षा करना।
  • दया का अर्थ हो सकता है, चोट न देना चाहना।
  • दया का अर्थ हो सकता है, कोमलता महसूस करना।
  • II
  • दया दिखा सकती है कोमल प्रेम और अनुराग।
  • दया का अर्थ हो सकता है हार मानना न चाहना।
  • दया है इन्सान के प्रति परमेश्वर की कृपा और सहनशीलता।

2019/05/29

तुम्हें परमेश्वर देह बना के महत्व को अवश्य जानना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
इस बार, परमेश्वर कार्य करने आत्मिक देह में नहीं, बल्कि एक एकदम साधारण देह में आया है। यह न केवल परमेश्वर के दूसरी बार देहधारण की देह है, बल्कि यह वही देह है जिसमें वह लौटकर आया है। यह बिलकुल साधारण देह है। इस देह में दूसरों से अलग कुछ भी नहीं है, परंतु तुम उससे वह सत्य ग्रहण कर सकते हो जिसके विषय में तुमने पहले कभी नहीं सुना होगा।

2019/05/28

देहधारण क्या है? देहधारण का सार क्या है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
पहला देहधारी परमेश्वर पृथ्वी पर साढ़े तैंतीस साल रहा, फिर भी उसने अपनी सेवकाई को उन सालों में से केवल साढ़े तीन साल तक ही किया। अपना कार्य करने के दौरान और अपना कार्य आरम्भ करने से पहले, इन दोनों समयों में, वह अपनी सामान्य मानवता को धारण किए हुए था। वह अपनी साधारण मानवता में साढ़े तैंतीस साल तक रहा। पूरे साढ़े तीन साल तक उसने अपने आप को देहधारी परमेश्वर के रूप में प्रकट किया।

2019/05/26

परमेश्वर का न्याय आ चुका है पूरी तरह



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर का न्याय आ चुका है पूरी तरह
  •  
  • धार्मिक है, निष्ठावान है परमेश्वर।
  • वो जाँचता है इंसान के दिल और उसके अंतर में क्या है।
  • परमेश्वर प्रकट कर देगा, कौन सच्चा, कौन झूठा है।
  • लिहाज़ा घबराओ मत, परमेश्वर के अनुरूप हर चीज़ काम करती है।

2019/05/24

परमेश्वर के विजय-कार्य का प्रधान लक्ष्य



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर के विजय-कार्य का प्रधान लक्ष्य
  •  I
  • तुम सबका पतन हो चुका है अंधेरे में,
  • गहरी चोट खा चुके हो तुम सब।
  • जानो तुम सब इंसानी प्रकृति,
  • और जिओ सत्य को, है लक्ष्य परमेश्वर के काम का।
  • अंधेरे से तुम बच सको अगर,
  • मैली चीज़ों से ख़ुद को दूर रख सको अगर,
  • पवित्र तुम बन सको अगर,
  • हैं इसके मायने कि है सत्य तुम्हारे पास।

2019/05/22

परमेश्वर के परीक्षणों और शुद्धिकरण के कार्य का महत्व।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
लोगों की कौन सी आंतरिक स्थिति पर यह सब परीक्षणों को लक्ष्य किया जाता है? ये लोगों के विद्रोही स्वभाव को लक्षित करती हैं जो परमेश्वर को संतुष्ट करने के अयोग्य है। लोगों के भीतर बहुत सी अशुद्ध बातें हैं, और बहुत सा पांखड भरा हुआ है, और इसलिए परमेश्वर उन्हें परीक्षाओं के आधीन करता है ताकि उन्हें शुद्ध बना सके।… परमेश्वर का सच्चा प्रेम उसके सम्पूर्ण स्वभाव में निहित है, और जब परमेश्वर का सम्पूर्ण स्वभाव तेरे ऊपर प्रकट होता है, तो यह तेरे देह पर क्या लेकर आता है? जब परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव तुझे दिखाया जाता है, तेरा देह अनिवार्य रूप से अत्याधिक कष्ट सहेगा।

2019/05/19

मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है।





परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके।

2019/05/14

ऐसा क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है?


परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है

मानवजाति का प्रबंधन करने के कार्य को तीन चरणों में बाँटा जाता है, जिसका अर्थ यह है कि मानवजाति को बचाने के कार्य को तीन चरणों में बाँटा जाता है। इन चरणों में संसार की रचना का कार्य समाविष्ट नहीं है, बल्कि ये व्यवस्था के युग, अनुग्रह के युग और राज्य के युग के कार्य के तीन चरण हैं।

2019/05/12

परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों में से प्रत्येक के उद्देश्य और महत्व को जानना।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
सूत्रपात करने के लिए थे, जो, इस्राएल को इसका केन्द्र लेते हुए, धीरे-धीरे अन्य जाति-राष्ट्रों में फैलते हैं। यही वह सिद्धांत है जिसके अनुसार वह तमाम विश्व में कार्य करता है—एक प्रतिमान स्थापना करना, और तब तक उसे फैलाना जब तक कि विश्व के सभी लोग उसके सुसमाचार को ग्रहण न कर लें। प्रथम इस्राएली नूह के वंशज थे। इन लोगों को केवल यहोवा की श्वास प्रदान की गई थी, और वे जीवन की मूल आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से समझते थे, किन्तु वे नहीं जानते थे कि यहोवा किस प्रकार का परमेश्वर है, या मनुष्य के लिए उसकी इच्छा को नहीं जानते थे, और यह तो बिलकुल भी नहीं जानते थे कि समस्त सृष्टि के प्रभु का सम्मान कैसे करें।

2019/05/11

तुम्हें परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के लक्ष्य को अवश्य जानना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
कार्य के तीन चरणों का उद्देश्य समस्त मानवजाति का उद्धार है—जिसका अर्थ है शैतान के अधिकार क्षेत्र से मनुष्य का पूर्ण उद्धार। यद्यपि कार्य के इन तीन चरणों में से प्रत्येक का एक भिन्न उद्देश्य और महत्व है, किन्तु प्रत्येक मानवजाति को बचाने के कार्य का हिस्सा है, और उद्धार का एक भिन्न कार्य है जो मानवजाति की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है।
जब परमेश्वर के प्रबंधन का सम्पूर्ण कार्य समाप्ति के निकट होगा, तो परमेश्वर प्रत्येक वस्तुओं को उनके प्रकार के आधार पर श्रेणीबद्ध करेगा।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...