2019/05/15

परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है
  •  
  • I
  • आज, मानव को व्यावहारिक परमेश्वर और
  • देहधारण के अर्थ का ज्ञान कम है।
  • जब बात हो ईश्वर के देह की, उसके कार्य और वचनों के द्वारा
  • लोग देखते हैं कि ईश्वर का आत्मा सम्पन्न और प्रशस्त है।
  • पवित्रात्मा के देहधारण का वास्तविक अर्थ है कि
  • परमेश्वर के साथ मानव जुड़ सकता है,
  • उस पर आश्रित हो सकता है और ज्ञान प्राप्त कर सकता है ईश्वर का,
  • ईश्वर का।
  • II
  • आज तुम करते हो इस व्यक्ति की आराधना,
  • पर दरअसल तुम ईश्वर के आत्मा की आराधना कर रहे हो।
  • ये वो न्यूनतम है जिसका पता लोगों को
  • देहधारी ईश्वर के बारे में होना चाहिए,
  • देह के माध्यम से पवित्रात्मा के तत्व को जानना,
  • देह में किए गये उसके दिव्य और मानवीय कार्य को जानना,
  • पवित्रात्मा के वचनों को स्वीकारना, और देखना कैसे पवित्रात्मा
  • देह को निर्देशित करता है, देह में अपनी सामर्थ्य दर्शाता है।
  • पवित्रात्मा के देहधारण का वास्तविक अर्थ है कि
  • परमेश्वर के साथ मानव जुड़ सकता है,
  • उस पर आश्रित हो सकता है और ज्ञान प्राप्त कर सकता है ईश्वर का,
  • ईश्वर का।
  • III
  • ईश्वर आया स्वर्ग से धरती पर ईश्वर के वचनों को देह द्वारा
  • व्यक्त करने, पूर्ण करने को पवित्रात्मा का कार्य।
  • देह द्वारा मानव जान पाता है पवित्रात्मा को,
  • ईश्वर का प्रकटन मानव के बीच,
  • अज्ञात ईश्वर को उनके विचार से हटाता है।
  • व्यावहारिक परमेश्वर की आराधना करने लोग लौटते हैं,
  • ईश्वर के प्रति अपनी आज्ञाकारिता को बढ़ा कर।
  • और उसके दिव्य और मानवीय कार्य से,
  • मानव पाता है पालन-पोषण, प्रकाशन और स्वभाव में बदलाव।
  • पवित्रात्मा के देहधारण का वास्तविक अर्थ है कि
  • परमेश्वर के साथ मानव जुड़ सकता है,
  • उस पर आश्रित हो सकता है और ज्ञान प्राप्त कर सकता है ईश्वर का,
  • ईश्वर का।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से
  • अनुशंसित: 

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