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2019/09/21


Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे 
अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र

उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की मानव जाति,
न होगी अधीन शैतान के अब, होगा उनका उद्धार और होंगे वे शुद्ध।
ये मानव जाति, गुज़र चुकी है दंड से,
ये मानव जाति, की जा चुकी है पवित्र।
ये अलग हैं उस प्राचीन वंश से, आदम हव्वा के प्राचीन वंश से,
ये अलग हैं उस प्राचीन वंश से, आदम हव्वा के प्राचीन वंश से,
इतने अलग कि मानो है एक, बिल्कुल नई जाति।
ये होंगे उनमें से जिन्हें किया है शैतान ने भ्रष्ट,
अटल होंगे परमेश्वर के अंतिम निर्णय में,
ये है वो अंतिम समूह, जो हैं परमेश्वर के संग,
कर सकता है प्रवेश अंतिम विश्राम में।

2019/09/17

Hindi Gospel Song | परमेश्वर के प्रबंधन का उद्देश्य मानव जाति को बचाना है



Hindi Gospel Song | परमेश्वर के प्रबंधन का उद्देश्य मानव जाति को बचाना है

परमेश्वर के प्रबंधन का उद्देश्य मानव जाति को बचाना है
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
परमेश्वर के प्रबंधन की
एक-एक चीज़ में दिखता है
उसका प्रेम और उसकी दया।
उसका प्रेम और उसकी दया।
मनुष्य को उसकी दयालु मंशा का एहसास हो न हो,
वो बिना थके और रुके अपना कार्य करता रहता है।
मनुष्य को उसके प्रबंधन की समझ हो न हो,
परमेश्वर का कार्य हरेक को मदद और लाभ पहुँचाता रहता है।

2019/09/13

Hindi Christian Song | प्रभु हर युग में नए कार्य करते हैं | God's Work Is Always New and Never Old

  

    Hindi Christian Song | प्रभु हर युग में नए कार्य करते हैं | God's Work Is Always New and Never Old

बदलती नहीं कभी बुद्धि परमेश्वर की, बदलता नहीं कभी चमत्कार परमेश्वर का, बदलती नहीं कभी धार्मिकता परमेश्वर की, बदलता नहीं कभी प्रताप परमेश्वर का। बदलता नहीं कभी सार-तत्व परमेश्वर का, बदलता नहीं कभी स्वरुप परमेश्वर का, और कार्य उसका आगे बढ़ रहा है, गहरा हो रहा है; कभी पुराना नहीं होता, सदा नया रहता है परमेश्वर। नया नाम, नया काम, नई इच्छा, नया स्वभाव होता है हर युग में। नया नाम, नया काम, नई इच्छा, नया स्वभाव होता है हर युग में। लोग अगर न देख पाए इस स्वभाव को, तो चढ़ा देंगे सूली पर, सीमांकित कर देंगे परमेश्वर को! कार्य परमेश्वर का नया होता है सदा, कभी पुराना नहीं होता, मगर स्वरूप परमेश्वर का कभी परिवर्तित नहीं होता। परिभाषित कर नहीं सकते तुम गतिहीन भाषा में, 6,000 साल परमेश्वर के काम के। जितना समझते हो तुम उतना सरल नहीं है परमेश्वर, युगयुगांतर तक चलता है काम उसका। यहोवा से यीशु बदल गया नाम उसका। युगयुगान्तर में देखो बदल गया काम उसका! नया नाम, नया काम, नई इच्छा, नया स्वभाव होता है हर युग में। अग्रसर हो रहा है इतिहास, और आगे बढ़ रहा है। 6,000 साल की योजना का अंत करने, काम परमेश्वर का सदा आगे बढ़ रहा है। मगर अभी भी हर दिन, हर वर्ष, करने के लिये है नया काम। नए मार्ग, नया काल, नई चीज़ें और ज़्यादा बड़े काम। अटका नहीं है परमेश्वर पुराने तरीकों पर, सदा अविरल चल रहा है नया काम। नया नाम, नया काम, नई इच्छा, नया स्वभाव होता है हर युग में। नया नाम, नया काम, नई इच्छा, नया स्वभाव होता है हर युग में। "मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना" से


अनुशंसित: ईसाई गीत——चुने हुए भजनों को सूची——यह वास्तव में हृदय से गाया गया गीत है।

2019/07/30

Hindi Christian Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | कैसे परमेश्वर करते हैं सब पर राज

Hindi Christian Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | कैसे परमेश्वर करते हैं सब पर राज

जिस पल तुम आये दुनिया पर, रोते हुए, उस पल से ही तुम कर्त्तव्य सारा, निभाते गए, मानते हुए परमेश्वर के हर विधान, और योजना, तुम समझ लिए, हर काम अपना, और किया शुरू इस जीवन का सफर... जो भी हो तेरा कल, या हो सफर आगे का, कोई नहीं बच सकता है, स्वर्ग के आयोजन से,

2019/07/27

अंत के दिनों में देहधारी परमेश्वर करता है परमेश्वर के प्रबन्धन का अंत




  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • अंत के दिनों में देहधारी परमेश्वर करता है परमेश्वर के प्रबन्धन का अंत
  •  
  • I
  • इंसान से बेहतर जुड़ने और उसे जीतने के लिए
  • देह में कार्य करता है, बोलता है परमेश्वर।
  • पहली बार देहधारी हुए परमेश्वर ने,
  • काम किये इंसान के छुटकारे, पाप-क्षमा के।
  • अब करने हैं काम, इंसान को जीतने और पाने के।
  •  
  • आख़िरी बार जब देहधारी होता है परमेश्वर,
  • अंत के दिनों के कामों को ख़त्म करेगा,
  • सभी लोगों को उनकी किस्मों में बांटेगा।

2019/07/18

लोगों के इस समूह को पूरा करने का संकल्प लिया है परमेश्वर ने



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • लोगों के इस समूह को पूरा करने का संकल्प लिया है परमेश्वर ने
  •  
  • I
  • शायद ही कोई इन्सान है ऐसा
  • जो समझ सके परमेश्वर के दिल की तीव्र इच्छा,
  • क्योंकि इन्सान की क्षमता बहुत कम है,
  • उसकी आध्यात्मिक अनुभूति भी मंद है,
  • इन्सान कभी ध्यान नहीं देता परमेश्वर के कार्य पर।
  • इसलिए उसकी चिंता करता रहता है परमेश्वर।
  • इन्सान की जंगली प्रकृति,
  • सामने आ सकती है कभी भी।

2019/07/12

देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है
  •  
  • I
  • मसीह ही है देहधारी परमेश्वर।
  • परमेश्वर के आत्मा ने ही रूप धरा है मसीह का।
  • ये देह नहीं है मांस के इंसान जैसा,
  • माँस और ख़ून का नहीं, देहधारी आत्मा है वो।
  • इंसान भी है, पूरी तरह दिव्य भी है वो।
  • सामान्य मानवता उसकी बनाये रखती है इंसानी ज़िंदगी उसकी;
  • परमेश्वर का कार्य करती है दिव्यता उसकी।

2019/07/01

सृष्टिकर्ता के अधिकार के तहत हर चीज़ अत्युत्तम है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • सृष्टिकर्ता के अधिकार के तहत हर चीज़ अत्युत्तम है
  • I
  • परमेश्वर ने बनायीं हैं जो सभी चीज़ें,
  • चल-अचल सभी चीज़ें,
  • जैसे मछली, पक्षी, फूल और पेड़-पौधे,
  • पशुधन, जंगली जीव और कीड़े-मकौड़े,
  • परमेश्वर की नज़रों में वे भले थे,
  • थे परमेश्वर की नजरों में, उसकी योजना के हिसाब से
  • अपनी पूर्णता की चोटी पे,
  • परमेश्वर चाहता था जो, उस दर्जे को वे पा चुके थे।
  • II
  • कदम-दर-कदम उसने काम किया,
  • उसकी योजना में था जो वो सब किया।
  • एक एक कर प्रकट हुईं वो चीज़ें,
  • जिन्हें बनाने का उसने इरादा किया था।
  • हर एक चीज़ है अभिव्यक्ति उसके अधिकार की और है उसका नतीजा।
  • और इसके कारण ही, सभी प्राणी
  • हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी,
  • हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी।
  • III
  • जैसे जैसे स्पष्ट होने लगे,
  • अद्भुत कर्म परमेश्वर के,
  • ये जहाँ, एक एक कर भर गया
  • परमेश्वर द्वारा बनाई गयी चीज़ों से।
  • बदल गया ये जहाँ,
  • अव्यवस्था से स्पष्टता में,
  • अंधकार से उजाले में,
  • स्थिरता से सजीवता में,
  • मौत सी स्थिरता से, अनंत जीवन चेतना में।
  • IV
  • सृष्टि की सारी चीज़ों में,
  • सबसे बड़ी से सबसे छोटी तक,
  • छोटी से बहुत ही छोटी तक,
  • नहीं थी ऐसी कोई चीज़ जो बनाई न गयी,
  • परमेश्वर के अधिकार से, परमेश्वर के सामर्थ्य से।
  • हर एक प्राणी के अस्तित्व के पीछे,
  • थी एक अनूठी, निहित ज़रूरत और महत्व।
  • चाहे हो कोई भी रूप या आकार उनका,
  • उसके अधिकार के तहत ही अस्तित्व है सभी का।
  • V
  • सृष्टिकर्ता के अधिकार में,
  • सभी प्राणी उसकी प्रभुता के लिए नई धुन बजायेंगे, बजायेंगे,
  • नये दिन के उसके कार्य से पर्दा उठाएंगे, उठाएंगे।
  • और इसी क्षण में,
  • अपने प्रबन्धन के कार्य में,
  • सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।
  • हाँ, सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।
  • VI
  • सृष्टिकर्ता द्वारा निश्चित,
  • बसंत के अंकुरण, गर्मी की परिपक्वता,
  • शरद की कटनी और सर्दी के संचय
  • की व्यवस्था के अनुसार सभी चीज़ें,
  • परमेश्वर की प्रबन्धन योजना से गूंजेंगी,
  • अपने नये दिन का, नई शुरुआत का,
  • नये जीवन पथक्रम का स्वागत करेंगीं।
  • जल्द ही पीढ़ी दर पीढ़ी प्रजनन करेंगीं,
  • ताकि परमेश्वर के अधिकार की प्रभुता के अधीन,
  • वे करें स्वागत हर नये दिन का।
  • सब कुछ अत्युत्तम है।
  • सब कुछ अत्युत्तम है।
  •  "वचन देह में प्रकट होता है" से
अनुशंसित:परमेश्वर के भजन - चुने हुए भजनों को सूची - परमेश्वर प्रेम को ब्यक्त करना

2019/06/14

परमेश्वर पर विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत तुम्हें अवश्य मालूम होना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य के द्वारा परमेश्वर का विरोध करने का कारण, एक ओर मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से, और दूसरी ओर, परमेश्वर के प्रति अज्ञानता और परमेश्वर के कार्य के सिद्धांतों की और मनुष्य के प्रति उनकी इच्छा की समझ की कमी से उत्पन्न होता है। इन दोनों पहलुओं का, परमेश्वर के प्रति मनुष्य के प्रतिरोध के इतिहास में विलय होता है। नौसिखिए विश्वासी परमेश्वर का विरोध करते हैं क्योंकि ऐसा विरोध उनकी प्रकृति में होता है, जबकि कई वर्षों से विश्वास वाले लोगों में परमेश्वर का विरोध, उनके भ्रष्ट स्वभाव के अलावा, परमेश्वर के प्रति उनकी अज्ञानता का परिणाम है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "वे सब जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वे ही परमेश्वर का विरोध करते हैं" से

2019/06/12

बाहरी अच्छे कर्मों और स्वभाव में परिवर्तनों के बीच अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
धर्म के दायरे में, बहुत से लोग सारा जीवन निरर्थकता से कष्ट भोगते हैं, अपने शरीर को नियंत्रित करते हुए या अपना बोझ उठाते हुए, यहाँ तक कि अपनी अंतिम सांस तक पीड़ा सहते हुए! कुछ लोग अपनी मृत्यु की सुबह में भी उपवास रखते हैं। वे अपने पूर्ण जीवन के दौरान स्वयं को अच्छे भोजन और अच्छे कपड़े से दूर रखते हैं, और केवल पीड़ा पर ज़ोर देते हैं। वे अपने शरीर को वश में कर पाते हैं और अपने शरीर को त्याग पाते हैं।

2019/06/08

तुम्हें पवित्र आत्मा के और दुष्ट आत्माओं के कार्य के बीच में कैसे विभेद करना चाहिए?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
पवित्र आत्मा का कार्य कुल मिलाकर लोगों को इस योग्य बनाना है कि वे लाभ प्राप्त कर सकें; यह कुल मिलाकर लोगों की उन्नति के विषय में है; ऐसा कोई कार्य नहीं है जो लोगों को लाभान्वित न करता हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि सत्य गहरा है या उथला, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उन लोगों की क्षमता किसके समान है जो सत्य को स्वीकार करते हैं, जो कुछ भी पवित्र आत्मा करता है, यह सब लोगों के लिए लाभदायक है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम" से

2019/06/07

तुम्हें परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य में कैसे विभेद करना चाहिए?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
अनुग्रह के युग में, यीशु ने भी काफ़ी बातचीत की और काफ़ी कार्य किया। वह यशायाह से किस प्रकार भिन्न था? वह दानिय्येल से किस प्रकार भिन्न था? क्या वह कोई भविष्यद्वक्ता था? ऐसा क्यों कहा जाता है कि वह मसीहा है? उनके मध्य क्या भिन्न्ताएँ हैं? वे सभी मनुष्य थे जिन्होंने वचन बोले थे, और मनुष्य को उनके वचन लगभग एक से प्रतीत होते थे। उन सभी ने बातें की और कार्य किए। पुराने विधान के भविष्यवद्क्ताओं ने भविष्यवाणियाँ की, और उसी तरह से, यीशु भी वैसा ही कर सका।

2019/05/26

परमेश्वर का न्याय आ चुका है पूरी तरह



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर का न्याय आ चुका है पूरी तरह
  •  
  • धार्मिक है, निष्ठावान है परमेश्वर।
  • वो जाँचता है इंसान के दिल और उसके अंतर में क्या है।
  • परमेश्वर प्रकट कर देगा, कौन सच्चा, कौन झूठा है।
  • लिहाज़ा घबराओ मत, परमेश्वर के अनुरूप हर चीज़ काम करती है।

2019/05/24

परमेश्वर के विजय-कार्य का प्रधान लक्ष्य



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर के विजय-कार्य का प्रधान लक्ष्य
  •  I
  • तुम सबका पतन हो चुका है अंधेरे में,
  • गहरी चोट खा चुके हो तुम सब।
  • जानो तुम सब इंसानी प्रकृति,
  • और जिओ सत्य को, है लक्ष्य परमेश्वर के काम का।
  • अंधेरे से तुम बच सको अगर,
  • मैली चीज़ों से ख़ुद को दूर रख सको अगर,
  • पवित्र तुम बन सको अगर,
  • हैं इसके मायने कि है सत्य तुम्हारे पास।

2019/05/20

परमेश्वर के विजय के कार्य का महत्व।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज का विजय कार्य उस सम्पूर्ण साक्ष्य और उस सम्पूर्ण प्रताप को पुनः प्राप्त करने, और सभी मनुष्यों से परमेश्वर की आराधना करवाने के लिए है, जिससे सृष्ट वस्तुओं में साक्ष्य हो। कार्य के इस पड़ाव में यही किए जाने की आवश्यकता है। मनुष्यजाति को किस प्रकार जीता जाए? मनुष्य को सम्पूर्ण रीति से कायल करने के लिए यह वचनों के इस कार्य का प्रयोग कया जायेगा; उसे पूर्णत: अधीन बनाने के लिए, न्याय, ताड़ना, निर्दयी श्राप और प्रकटीकरण का प्रयोग किया जायेगा; और मनुष्य के विद्रोहीपन को ज़ाहिर करने और उसके विरोध का न्याय करने के द्वारा किया जाएगा; जिससे वह मानवता की अधार्मिकता और अशुद्धता को जान सके, जिसका प्रयोग परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव की विशिष्टता दर्शाने के लिए किया जाएगा। मुख्यतः, यह इन वचनों का प्रयोग होगा, जो मनुष्य को जीतते और उसे पूर्णत: कायल करते हैं। शब्द मनुष्यजाति को अन्तिम रूप से जीत लेने के साधन हैं, और वे सभी जो इस जीत लिए जाने को स्वीकार करते हैं, उन्हें इन वचनों के प्रहार और न्याय को भी स्वीकार करना आवश्यक है।

2019/05/19

मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है।





परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके।

2019/05/18

बदली नहीं हैं परमेश्वर की उम्मीदें इंसान के लिये



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • बदली नहीं हैं परमेश्वर की उम्मीदें इंसान के लिये
  •  I
  • जब इसहाक को पेश किया बलिदान के लिये अब्राहम ने,
  • तो देखी परमेश्वर ने आज्ञाकारिता और ईमानदारी उसकी,
  • कामयाब रहा वो परमेश्वर के इम्तहान में।
  • परमेश्वर का विश्वासपात्र बनने, उसे जानने की योग्यता से
  • अभी भी दूर था मगर वो।
  • देख नहीं सका परमेश्वर का स्वभाव वो।

2019/05/17

परमेश्वर का कार्य कितना कठिन है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर का कार्य कितना कठिन है
  •  I
  • पृथ्वी पर ईश्वर के कार्य के चरणों में बड़ी कठिनाई है।
  • मानव की कमज़ोरी, कमियाँ, अज्ञानता,
  • मानव का बचपना और मानव का सब कुछ
  • ईश्वर द्वारा ध्यान से योजनाबद्ध और विचार किया गया है।
  • मानव जैसे काग़ज़ी बाघ है, कोई उसे उकसाने की हिम्मत नहीं करता।

2019/05/16

अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है, उसे पूर्ण करता है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है, उसे पूर्ण करता है
  • I
  • अंत के दिनों में देहधारण किया परमेश्वर ने ख़ास तौर से बोलने के लिये,
  • क्या है इंसानी ज़िंदगी की ज़रूरत,
  • कहाँ प्रवेश करना चाहिये उसे, ये दिखाने के लिये,
  • परमेश्वर के कर्म और सर्वशक्तिमत्ता दिखाने के लिये,
  • परमेश्वर की चमत्कारिता और बुद्धि दिखाने के लिये।
  • जिन बहुत से तरीकों से परमेश्वर बोलता है,
  • इंसान परमेश्वर की सर्वोच्चता, विशालता को देखता है,
  • इंसान परमेश्वर की दीनता, छिपाव को देखता,
  • कि सबसे बड़ा परमेश्वर, सबसे छोटा बन सकता है।

2019/05/15

परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है
  •  
  • I
  • आज, मानव को व्यावहारिक परमेश्वर और
  • देहधारण के अर्थ का ज्ञान कम है।
  • जब बात हो ईश्वर के देह की, उसके कार्य और वचनों के द्वारा
  • लोग देखते हैं कि ईश्वर का आत्मा सम्पन्न और प्रशस्त है।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...