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2019/07/27

अंत के दिनों में देहधारी परमेश्वर करता है परमेश्वर के प्रबन्धन का अंत




  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • अंत के दिनों में देहधारी परमेश्वर करता है परमेश्वर के प्रबन्धन का अंत
  •  
  • I
  • इंसान से बेहतर जुड़ने और उसे जीतने के लिए
  • देह में कार्य करता है, बोलता है परमेश्वर।
  • पहली बार देहधारी हुए परमेश्वर ने,
  • काम किये इंसान के छुटकारे, पाप-क्षमा के।
  • अब करने हैं काम, इंसान को जीतने और पाने के।
  •  
  • आख़िरी बार जब देहधारी होता है परमेश्वर,
  • अंत के दिनों के कामों को ख़त्म करेगा,
  • सभी लोगों को उनकी किस्मों में बांटेगा।

2019/07/12

देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है
  •  
  • I
  • मसीह ही है देहधारी परमेश्वर।
  • परमेश्वर के आत्मा ने ही रूप धरा है मसीह का।
  • ये देह नहीं है मांस के इंसान जैसा,
  • माँस और ख़ून का नहीं, देहधारी आत्मा है वो।
  • इंसान भी है, पूरी तरह दिव्य भी है वो।
  • सामान्य मानवता उसकी बनाये रखती है इंसानी ज़िंदगी उसकी;
  • परमेश्वर का कार्य करती है दिव्यता उसकी।

2019/06/23

परमेश्वर की एकमात्र ख़्वाहिश धरती पर



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर की एकमात्र ख़्वाहिश धरती पर
  •  
  • देहधारण किया है परमेश्वर ने इस बार,
  • निमंत्रण पर
  • इंसान के हालात को देखकर,
  • आपूर्ति करने इंसान को उसकी, जिसकी उसे ज़रूरत है।
  • I
  • आ रहा है वो हर इंसान को,
  • चाहे इंसान की काबिलियत या परवरिश कुछ भी हो,
  • परमेश्वर के वचन दिखाने,
  • उनमें परमेश्वर के अस्तित्व और
  • परमेश्वर की अभिव्यक्ति को दिखाने,
  • वचनों से परमेश्वर की पूर्णता को स्वीकार कराने।
  • उम्मीद है परमेश्वर को
  • बदलेगा विचार और धारणाएँ इंसान अपनी,
  • ताकि बस जाए मज़बूती से परमेश्वर का सच्चा चेहरा
  • इंसान के दिल की गहराइयों में।

2019/06/22

ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर
  • I
  • जो कार्य प्रदान करे सटीक वचन,
  • अनुसरण के लिये स्पष्ट लक्ष्य,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • वो कार्य सबसे ज़्यादा मूल्यवान है भ्रष्ट इंसान के लिये।
  • सिर्फ़ वास्तविक कार्य और मार्गदर्शन जो समय पर होता है,
  • ऐसे कार्य हैं जो इंसान की रुचि के सबसे अनुकूल होते हैं।
  • हाँ, असली कार्य ही इंसान को
  • बचाता है दुराचरण और उसके भ्रष्ट स्वभाव से।

2019/06/01

देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
देहधारण का महत्व यह है कि वह साधारण, सामान्य मनुष्य परमेश्वर स्वयं के कार्यों को करता है; अर्थात्, कि परमेश्वर अपने दिव्य कार्य को मानवता में करता है और उसके द्वारा शैतान को परास्त करता है। देहधारण का अर्थ है कि परमेश्वर का आत्मा देह बन जाता है, अर्थात्, परमेश्वर देह बन जाता है; जो कार्य वह देह में करता है वह पवित्रात्मा का कार्य होता है, जो देह में प्राप्त होता है, देह द्वारा अभिव्यक्त होता है।

2019/05/31

भ्रष्ट मनुष्यजाति को देहधारी परमेश्वर के उद्धार की अधिक आवश्यकता है

भ्रष्ट मनुष्यजाति को देहधारी परमेश्वर के उद्धार की अधिक आवश्यकता है
परमेश्वर देहधारी इसलिए बना क्योंकि उसके कार्य का लक्ष्य शैतान की आत्मा, या कोई अभौतिक चीज़ नहीं, बल्कि मनुष्य है, जो माँस से बना है और जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया है। ऐसा निश्चित रूप से मनुष्य की देह को भ्रष्ट कर देने की वजह से है कि परमेश्वर ने हाड़-माँस के मनुष्य को अपने कार्य का लक्ष्य बनाया है; इसके अतिरिक्त, क्योंकि मनुष्य भ्रष्टता का लक्ष्य है, इसलिए उसने उद्धार के अपने कार्य के समस्त चरणों के दौरान मनुष्य को अपने कार्य का एकमात्र लक्ष्य बनाया है। मनुष्य एक नश्वर प्राणी है, और वह हाड़-माँस तथा लहू से बना है, और एकमात्र परमेश्वर ही है जो मनुष्य को बचा सकता है।

2019/05/29

तुम्हें परमेश्वर देह बना के महत्व को अवश्य जानना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
इस बार, परमेश्वर कार्य करने आत्मिक देह में नहीं, बल्कि एक एकदम साधारण देह में आया है। यह न केवल परमेश्वर के दूसरी बार देहधारण की देह है, बल्कि यह वही देह है जिसमें वह लौटकर आया है। यह बिलकुल साधारण देह है। इस देह में दूसरों से अलग कुछ भी नहीं है, परंतु तुम उससे वह सत्य ग्रहण कर सकते हो जिसके विषय में तुमने पहले कभी नहीं सुना होगा।

2019/05/28

देहधारण क्या है? देहधारण का सार क्या है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
पहला देहधारी परमेश्वर पृथ्वी पर साढ़े तैंतीस साल रहा, फिर भी उसने अपनी सेवकाई को उन सालों में से केवल साढ़े तीन साल तक ही किया। अपना कार्य करने के दौरान और अपना कार्य आरम्भ करने से पहले, इन दोनों समयों में, वह अपनी सामान्य मानवता को धारण किए हुए था। वह अपनी साधारण मानवता में साढ़े तैंतीस साल तक रहा। पूरे साढ़े तीन साल तक उसने अपने आप को देहधारी परमेश्वर के रूप में प्रकट किया।

2019/05/15

परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है
  •  
  • I
  • आज, मानव को व्यावहारिक परमेश्वर और
  • देहधारण के अर्थ का ज्ञान कम है।
  • जब बात हो ईश्वर के देह की, उसके कार्य और वचनों के द्वारा
  • लोग देखते हैं कि ईश्वर का आत्मा सम्पन्न और प्रशस्त है।

2019/02/14

प्रश्न 36: धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों की धार्मिक संसार में सत्ता बनी हुई है और ज्यादातर लोग उनका पालन और अनुसरण करते हैं—यह एक सच्चाई है। तुम कहते हो कि धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं कि परमेश्वर ने देह-धारण किया है, कि वे देह-धारी परमेश्वर द्वारा प्रकट सत्य पर विश्वास नहीं करते और वे फरीसियों के मार्ग पर चल रहे हैं, और हम इस बात से सहमत हैं। लेकिन तुम यह क्यों कहते हो कि सारे धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग पाखंडी फरीसी हैं, कि वे सभी मसीह-शत्रु हैं जो अंतिम दिनों में देह-धारी परमेश्वर के कार्य से उघाड़ दिए गए हैं, और वे अंत में विनाश में डूब जाएँगे? हम इस समय इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते। तुम अपना यह दावा कि इन लोगों को नहीं बचाया जा सकता है और उन सभी को विनाश में डूबना चाहिए, किस बात पर आधारित करते हो, इस पर कृपया सहभागिता करो।

उत्तर:
धार्मिक मंडलों के लोग परमेश्वर की अवहेलना कैसे करते हैं इसका सार केवल देहधारी मसीह के आगमन के बाद ही प्रकट और विश्लेषित किया जा सकता है। कोई भी भ्रष्ट मनुष्य धार्मिक मंडलों द्वारा परमेश्वर की अवहेलना की सच्चाई और उसके सार को नहीं जान सकता है, क्योंकि भ्रष्ट मनुष्यों में कोई सच्चाई नहीं होती है। वे तो केवल झूठे चरवाहों और मसीह-विरोधी राक्षसों द्वारा बुराई करने में शामिल होने के लिए नियंत्रित, भ्रमित और चालाकी से काम में लाये जा सकते हैं, और परमेश्वर की अवहेलना करने में शैतान के दास और साथी बन सकते हैं। यह स्वाभाविक है।

2019/02/08

प्रश्न 29: तुम यह प्रमाण देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में लौट चुका है, वह उस संपूर्ण सत्य को अभिव्यक्त करता है जो मानवता को शुद्ध बनाता और उसे बचाता है और वह परमेश्वर के परिवार से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को करता है, तो हमें परमेश्वर की आवाज़ को कैसे पहचाननी चाहिए और हमें कैसे इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर वास्तव में लौटा हुआ प्रभु यीशु ही है?

प्रश्न 29: तुम यह प्रमाण देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में लौट चुका है, वह उस संपूर्ण सत्य को अभिव्यक्त करता है जो मानवता को शुद्ध बनाता और उसे बचाता है और वह परमेश्वर के परिवार से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को करता है, तो हमें परमेश्वर की आवाज़ को कैसे पहचाननी चाहिए और हमें कैसे इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर वास्तव में लौटा हुआ प्रभु यीशु ही है?

उत्तर:
आपलोगों ने अभी-अभी जो प्रश्न पूछा वह सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकारने और परमेश्वर के प्रकटन को देखने के लिए, हमें यह जानना होगा कि परमेश्वर की आवाज की पहचान कैसे की जाए। वास्तव में, परमेश्वर की आवाज पहचानने का अर्थ है परमेश्वर के वचनों और कथनों को पहचानना, और सृष्टिकर्ता के वचनों की विशेषताओं को पहचानना। चाहे वे देहधारी परमेश्वर के वचन हों, या परमात्मा के कथन हों, वे सभी ऊपर आकाश से परमेश्वर द्वारा मानवजाति को कहे गए वचन हैं। परमेश्वर के वचनों का सुर एवं विशेषता कुछ ऐसी ही होती है। परमेश्वर के अधिकार एवं पहचान स्पष्ट रूप से प्रकट होते हैं। कहा जा सकता है कि यह ऐसा अद्वितीय माध्यम है जिसके द्वारा सृष्टिकर्ता बोलते हैं।

2019/01/30

प्रश्न 16: तुम यह प्रमाण देते हो कि परमेश्वर ने सच्चाई को व्यक्त करने के लिए और आखिरी दिनों में मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य को करने के लिए वापस देह-धारण किया है, लेकिन धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का विश्वास है कि परमेश्वर बादलों के साथ वापस लौटेगा, और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, वे एक पल में रूपांतरित हो जाएँगे और बादलों में परमेश्वर के साथ मिलने के लिए स्वर्गारोहित होंगे, जैसा कि पौलुस ने कहा था: "पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहाँ से आने की बाट जोह रहे हैं। वह अपनी शक्‍ति के उस प्रभाव के अनुसार जिसके द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा" (फिली 3:20-21)। परमेश्वर सर्वशक्तिमान है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकता है। परमेश्वर हमें बदल देगा और हमें पवित्र बना देगा, वह सिर्फ एक ही वचन के साथ इसे प्राप्त कर लेगा। तो फिर उसे सच्चाई व्यक्त करने और मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य के एक चरण को पूरा करने के लिए अब भी देह बनने की आवश्यकता क्यों है?

प्रश्न 16: तुम यह प्रमाण देते हो कि परमेश्वर ने सच्चाई को व्यक्त करने के लिए और आखिरी दिनों में मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य को करने के लिए वापस देह-धारण किया है, लेकिन धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का विश्वास है कि परमेश्वर बादलों के साथ वापस लौटेगा, और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, वे एक पल में रूपांतरित हो जाएँगे और बादलों में परमेश्वर के साथ मिलने के लिए स्वर्गारोहित होंगे, जैसा कि पौलुस ने कहा था: "पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहाँ से आने की बाट जोह रहे हैं। वह अपनी शक्‍ति के उस प्रभाव के अनुसार जिसके द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा" (फिली 3:20-21)। परमेश्वर सर्वशक्तिमान है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकता है। परमेश्वर हमें बदल देगा और हमें पवित्र बना देगा, वह सिर्फ एक ही वचन के साथ इसे प्राप्त कर लेगा। तो फिर उसे सच्चाई व्यक्त करने और मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य के एक चरण को पूरा करने के लिए अब भी देह बनने की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर:
परमेश्वर का कार्य सदा अथाह होता है। परमेश्वर की भविष्यवाणियों को कोई भी स्पष्टता से नहीं समझा सकता। मनुष्य साकार होने पर ही किसी भविष्यवाणी को समझ सकता है। इसका क्या अर्थ है? इसका अर्थ है कि कोई भी परमेश्वर की बुद्धिमत्ता और सर्वशक्तिमत्ता की थाह नहीं पा सकता। जब अनुग्रह के युग में कार्य करने के लिए प्रभु यीशु प्रकट हुए, कोई भी उनकी थाह नहीं पा सका। जब राज्य के युग में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों का न्याय कार्य करते हैं, तो कोई भी पहले से उसको भी नहीं जान सकता। इसलिए, मानवजाति, परमेश्वर द्वारा अंत के दिनों में सत्य व्यक्त करने और न्याय कार्य के लिए देहधारण कर लेने की बात की कदापि कल्पना नहीं कर सकती।परंतु परमेश्वर का कार्य पूरा हो जाने पर महाविपत्ति आयेगी।

2019/01/26

प्रश्न 11: तुमने प्रमाण दिया कि परमेश्वर वापस आया है और अंतिम दिनों में परमेश्वर के घर से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को करता है। यह प्रकाशित वाक्य में लिखित महान श्वेत सिंहासन के न्याय से अलग लगता है। धर्म में ज्यादातर लोग जो सोचते हैं वो यह है कि महान श्वेत सिंहासन का न्याय उन गैर-विश्वासियों पर लक्षित होता है जो शैतान के लोग होते हैं। जब प्रभु आएगा, तो विश्वासियों को स्वर्ग में उठा लिया जाएगा, और फिर वह गैर-विश्वासियों को नष्ट करने के लिए विपत्ति को भेजेगा। यह महान श्वेत सिंहासन के सामने होने वाला न्याय है। तुम अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय की शुरुआत की गवाही देते हो, लेकिन हमने परमेश्वर को गैर-विश्वासियों को नष्ट करने के लिए विपत्ति लाते हुए नहीं देखा है। तो फिर यह कैसे महान श्वेत सिंहासन का न्याय हो सकता है?

प्रश्न 11: तुमने प्रमाण दिया कि परमेश्वर वापस आया है और अंतिम दिनों में परमेश्वर के घर से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को करता है। यह प्रकाशित वाक्य में लिखित महान श्वेत सिंहासन के न्याय से अलग लगता है। धर्म में ज्यादातर लोग जो सोचते हैं वो यह है कि महान श्वेत सिंहासन का न्याय उन गैर-विश्वासियों पर लक्षित होता है जो शैतान के लोग होते हैं। जब प्रभु आएगा, तो विश्वासियों को स्वर्ग में उठा लिया जाएगा, और फिर वह गैर-विश्वासियों को नष्ट करने के लिए विपत्ति को भेजेगा। यह महान श्वेत सिंहासन के सामने होने वाला न्याय है। तुम अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय की शुरुआत की गवाही देते हो, लेकिन हमने परमेश्वर को गैर-विश्वासियों को नष्ट करने के लिए विपत्ति लाते हुए नहीं देखा है। तो फिर यह कैसे महान श्वेत सिंहासन का न्याय हो सकता है?

उत्तर:
वे सभी लोग जो वास्तव में बाइबल को समझते हैं जानते हैं कि प्रकाशितवाक्य की किताब में भविष्यवाणी किया गया बड़ा श्‍वेत सिंहासन का न्याय अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य का एक दर्शन है। देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर, भ्रष्ट मानवजाति की शुद्धि करना और उसे बचाना शुरू करते हुए, अंत के दिनों में सत्य को व्यक्त करने और अपना न्याय का कार्य करने के लिए आया। इसका अर्थ है कि बड़े श्वेत सिंहासन का न्याय पहले ही शुरू हो चुका है। न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है। परमेश्वर सबसे पहले आपदा से पूर्व विजेताओं का एक समूह बनाएगा। फिर, परमेश्वर महान आपदाएँ गिराएगा और भले लोगों को पुरस्कृत और बुरे लोगों को दंडित करना शुरू करेगा, जब तक कि यह बुरा युग नष्ट नहीं हो जाता है।

2019/01/24

प्रश्न 9: यह स्पष्ट रूप से बाइबल में लिखा है कि प्रभु यीशु मसीह है, परमेश्वर का पुत्र है, और वे सभी लोग जो प्रभु में विश्वास करते हैं, वे भी मानते हैं कि प्रभु यीशु मसीह है और वह परमेश्वर का पुत्र है। और फिर भी तुम यह गवाही दे रहे हो कि देहधारी मसीह परमेश्वर का प्रकटन है, कि वह खुद परमेश्वर है। तुम कृपया हमें यह बताओगे कि क्या देहधारी मसीह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र है, या स्वयं परमेश्वर है?

प्रश्न 9: यह स्पष्ट रूप से बाइबल में लिखा है कि प्रभु यीशु मसीह है, परमेश्वर का पुत्र है, और वे सभी लोग जो प्रभु में विश्वास करते हैं, वे भी मानते हैं कि प्रभु यीशु मसीह है और वह परमेश्वर का पुत्र है। और फिर भी तुम यह गवाही दे रहे हो कि देहधारी मसीह परमेश्वर का प्रकटन है, कि वह खुद परमेश्वर है। तुम कृपया हमें यह बताओगे कि क्या देहधारी मसीह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र है, या स्वयं परमेश्वर है?

उत्तर:
क्या देहधारी मसीह स्वयं परमेश्वर हैं या परमेश्वर के पुत्र हैं? यह है ठीक वही सवाल है जिसे ज्यादातर विश्वासियों को समझने में परेशानी होती है। जब देहधारी प्रभु यीशु मानवजाति के छुटकारे का कार्य करने के लिए आये थे, तो लोगों के बीच प्रकट होकर कार्य करते हुए, परमेश्वर मनुष्य के पुत्र बन गए। उन्होंने न केवल अनुग्रह के युग का आरंभ किया, बल्कि एक नए युग की भी शुरुआत की जिसमें परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से मनुष्यों के बीच रहने के लिए मनुष्यों की दुनिया में आये। पूरी श्रद्धा के साथ, मनुष्य ने प्रभु यीशु को मसीह यानी परमेश्वर का पुत्र कहा। उस समय, पवित्र आत्मा ने भी इस तथ्य की गवाही दी कि प्रभु यीशु परमेश्वर के प्रिय पुत्र हैं, और प्रभु यीशु स्‍वर्ग के परमेश्‍वर को पिता कहते थे।

2019/01/23

प्रश्न 8: अनुग्रह के युग में, परमेश्वर मानवजाति की पाप-बलि के रूप में सेवा करने के लिए देह बना, और पापों से उन्हें बचा लिया। अंतिम दिनों में परमेश्वर सच्चाई को प्रकट करने और न्याय के अपने कार्य को करने के लिए देह फिर से बन गया है, ताकि मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध किया जा सके और बचाया जा सके। तो मानव जाति को बचाने का कार्य करने के लिए परमेश्वर को दो बार देह-धारण की आवश्यकता क्यों पड़ती है? और परमेश्वर का दो बार देह-धारण करने का वास्तविक महत्व क्या है?

प्रश्न 8: अनुग्रह के युग में, परमेश्वर मानवजाति की पाप-बलि के रूप में सेवा करने के लिए देह बना, और पापों से उन्हें बचा लिया। अंतिम दिनों में परमेश्वर सच्चाई को प्रकट करने और न्याय के अपने कार्य को करने के लिए देह फिर से बन गया है, ताकि मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध किया जा सके और बचाया जा सके। तो मानव जाति को बचाने का कार्य करने के लिए परमेश्वर को दो बार देह-धारण की आवश्यकता क्यों पड़ती है? और परमेश्वर का दो बार देह-धारण करने का वास्तविक महत्व क्या है?

उत्तर:
ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को मानवजाति को बचाने का कार्य करने के लिए दो बार देह धारण करना चाहिये? हमें पहले यह बात स्पष्ट होनी चाहिए: मनुष्य के उद्धार के संबंध में, परमेश्वर के दो देहधारणों का गहरा और अगाध अर्थ है। क्योंकि, चाहे हम छुटकारे की बात करें या फिर अंत के दिनों के न्याय एवं शुद्धिकरण की, उद्धार का कार्य मनुष्य के द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता। इसके लिए परमेश्वर का देह धारण करना और अपना कार्य स्वयं पूरा करना आवश्यक है। अनुग्रह के युग में, परमेश्वर ने प्रभु यीशु के रूप में देह धारण की थी, यानी परमेश्वर की आत्मा ने अपने आपको एक पवित्र और पापरहित शरीर में प्रस्तुत किया था, और पाप की भेंट के रूप में काम करने के लिए उन्हें सूली पर लटका दिया गया था, जिसने मनुष्य को उसके पापों से छुटकारा दिलाया।

2019/01/22

प्रश्न 7: व्यवस्था के युग का कार्य करने के लिए परमेश्वर ने मूसा का उपयोग किया, तो अंतिम दिनों में परमेश्वर अपने न्याय के कार्य को करने के लिए लोगों का इस्तेमाल क्यों नहीं करता है, बल्कि इस कार्य को उसे खुद करने के लिए देह बनने की ज़रूरत क्यों है?

प्रश्न 7: व्यवस्था के युग का कार्य करने के लिए परमेश्वर ने मूसा का उपयोग किया, तो अंतिम दिनों में परमेश्वर अपने न्याय के कार्य को करने के लिए लोगों का इस्तेमाल क्यों नहीं करता है, बल्कि इस कार्य को उसे खुद करने के लिए देह बनने की ज़रूरत क्यों है?

उत्तर:
ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को अंत के दिनों में न्याय का कार्य करने के लिए देहधारण करने की ज़रूरत है, जिनको सत्‍य को जानने की तीव्र अभिलाषा है और जो परमेश्वर के प्रकटन की खोज करना चाहते हैं, उनको इस प्रश्‍न में अत्‍यधिक दिलचस्‍पी है। यह एक ऐसा सवाल भी है जिसका संबंध इस बात से है कि क्या हमें स्वर्ग के राज्य में आरोहित किया जा सकता है या नहीं। इसलिए, सत्‍य के इस पहलू को समझना बहुत ज़रूरी है। ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को अंत के दिनों में अपने न्याय के कार्य के लिए स्वयं देहधारण करना होगा, बजाय इसके कि वे अपना कार्य करने के लिए मनुष्य को इस्तेमाल करें? यह न्याय के कार्य के स्वभाव से तय होता है।

2019/01/21

प्रश्न 6: परमेश्वर यीशु देहधारी परमेश्वर था और कोई भी इस से इन्कार नहीं कर सकता। अब तुम यह गवाही दे रहे हो कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही देह में लौटा हुआ प्रभु यीशु है, परन्तु धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का कहना है कि तुम जिसमें विश्वास करते हो वह सिर्फ एक व्यक्ति है, वे कहते हैं कि तुम लोगों को धोखा दिया गया है, और हम इसका भेद समझ नहीं पाते हैं। उस समय जब प्रभु यीशु देह बना और छुटकारे का कार्य करने के लिए आया, यहूदी फरीसियों ने भी कहा कि प्रभु यीशु केवल एक व्यक्ति था, कि जो कोई भी उस पर विश्वास करता था, वह धोखा खा रहा था। इसलिए, हम देह-धारण के बारे में सच्चाई के इस पहलू का अनुसरण करना चाहते हैं। वास्तव में देह-धारण क्या होता है? और देह-धारण का सार क्या है? कृपया हमारे लिए इस बारे में सहभागिता करो।

प्रश्न 6: परमेश्वर यीशु देहधारी परमेश्वर था और कोई भी इस से इन्कार नहीं कर सकता। अब तुम यह गवाही दे रहे हो कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही देह में लौटा हुआ प्रभु यीशु है, परन्तु धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का कहना है कि तुम जिसमें विश्वास करते हो वह सिर्फ एक व्यक्ति है, वे कहते हैं कि तुम लोगों को धोखा दिया गया है, और हम इसका भेद समझ नहीं पाते हैं। उस समय जब प्रभु यीशु देह बना और छुटकारे का कार्य करने के लिए आया, यहूदी फरीसियों ने भी कहा कि प्रभु यीशु केवल एक व्यक्ति था, कि जो कोई भी उस पर विश्वास करता था, वह धोखा खा रहा था। इसलिए, हम देह-धारण के बारे में सच्चाई के इस पहलू का अनुसरण करना चाहते हैं। वास्तव में देह-धारण क्या होता है? और देह-धारण का सार क्या है? कृपया हमारे लिए इस बारे में सहभागिता करो।

उत्तर:
परमेश्वर के देह धारण के रूप में प्रभु यीशु में आप लोगों का विश्वास झूठा नहीं है। लेकिन आप लोग प्रभु यीशु में विश्वास क्यों करते हैं? क्या आप लोगों को सचमुच लगता है कि प्रभु यीशु परमेश्वर हैं? आप लोग बाइबल में दर्ज़ बातों के कारण और पवित्र आत्मा के कार्य के कारण प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं। लेकिन इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप लोग क्या कहते हैं, अगर आप लोगों ने प्रभु यीशु को आमने-सामने नहीं देखा है, तो क्या आप सचमुच यह कहने की हिम्मत करते हैं कि आप लोग प्रभु यीशु को जानते हैं?

2019/01/20

प्रश्न 5: धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग अक्सर विश्वासियों के लिए ऐसा प्रचार करते हैं कि कोई भी उपदेश जो कहता है कि प्रभु देह में आ गया है, वह झूठा है। वे बाइबल की इन पंक्तियों को इसका आधार बनाते हैं: "उस समय यदि कोई तुम से कहे, 'देखो, मसीह यहाँ है!' या 'वहाँ है!' तो विश्‍वास न करना। क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें" (मत्ती 24: 23-24)। अब हमें कुछ पता नहीं है कि हमें सच्चे मसीह को झूठों से कैसे अलग पहचानना चाहिए, इसलिए कृपया इस प्रश्न का उत्तर दो।

प्रश्न 5: धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग अक्सर विश्वासियों के लिए ऐसा प्रचार करते हैं कि कोई भी उपदेश जो कहता है कि प्रभु देह में आ गया है, वह झूठा है। वे बाइबल की इन पंक्तियों को इसका आधार बनाते हैं: "उस समय यदि कोई तुम से कहे, 'देखो, मसीह यहाँ है!' या 'वहाँ है!' तो विश्‍वास न करना। क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें" (मत्ती 24: 23-24)। अब हमें कुछ पता नहीं है कि हमें सच्चे मसीह को झूठों से कैसे अलग पहचानना चाहिए, इसलिए कृपया इस प्रश्न का उत्तर दो।

उत्तर:
प्रभु यीशु ने वास्तव में यह भविष्यवाणी की थी कि अंत के दिनों में झूठे मसीहा और झूठे पैगम्बर सामने आएँगे। यह एक सच्चाई है। लेकिन प्रभु यीशु ने कई बार यह भी स्पष्ट रूप से भविष्यवाणी की है कि वे वापस लौटेंगे। पक्के तौर पर, क्या हम इसमें विश्वास करते हैं? प्रभु यीशु की वापसी की भविष्यवाणियों को परखते समय, बहुत से लोग झूठे मसीहों और झूठे पैगम्बरों से सावधान होने को प्राथमिकता दे देते हैं। और इस बात पर जरा भी विचार नहीं करते कि जब दूल्हे का आगमन होगा तो उसका स्वागत कैसे करेंगे, और उसकी आवाज कैसे सुनेंगे।

2019/01/19

प्रश्न 2: तुम यह प्रमाणित करते हो कि परमेश्वर ने देह-धारण किया है और अंतिम दिनों में न्याय का कार्य करने के लिए मनुष्य का पुत्र बन चुका है, और फिर भी अधिकांश धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि परमेश्वर बादलों के साथ लौटेगा, और वे इसका आधार मुख्यतः बाइबल की इन पंक्तियों पर रखते हैं: "यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा"। (प्रेरितों, 1:11)। "देखो, वह बादलों के साथ आने वाला है; और हर एक आँख उसे देखेगी" (प्रकाशित वाक्य 1:7)। और इसके अलावा, धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों ने हमें यह भी निर्देश दिया है कि कोई भी प्रभु यीशु जो बादलों के साथ नहीं आता है, वह झूठा है और उसे छोड़ दिया जाना चाहिए। इसलिए हम निश्चित नहीं हो पा रहे हैं कि यह नज़रिया बाइबल के अनुरूप है या नहीं; इसे सच मान लेना उचित है या नहीं?

प्रश्न 2: तुम यह प्रमाणित करते हो कि परमेश्वर ने देह-धारण किया है और अंतिम दिनों में न्याय का कार्य करने के लिए मनुष्य का पुत्र बन चुका है, और फिर भी अधिकांश धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि परमेश्वर बादलों के साथ लौटेगा, और वे इसका आधार मुख्यतः बाइबल की इन पंक्तियों पर रखते हैं: "यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा"। (प्रेरितों, 1:11)। "देखो, वह बादलों के साथ आने वाला है; और हर एक आँख उसे देखेगी" (प्रकाशित वाक्य 1:7)। और इसके अलावा, धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों ने हमें यह भी निर्देश दिया है कि कोई भी प्रभु यीशु जो बादलों के साथ नहीं आता है, वह झूठा है और उसे छोड़ दिया जाना चाहिए। इसलिए हम निश्चित नहीं हो पा रहे हैं कि यह नज़रिया बाइबल के अनुरूप है या नहीं; इसे सच मान लेना उचित है या नहीं?

उत्तर:
जब प्रभु के लिए बादलों के साथ अवतरण की प्रतीक्षा करने की बात आती है, हमें मनुष्यों के विचारों और कल्पनाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए! फरीसियों ने मसीहा के आगमन की प्रतीक्षा करने में बड़ी गलती की थी। उन्होंने निश्चित रूप से मनुष्य के विचारों और कल्पनाओं के अनुसार प्रभु यीशु को आंका जो कि पहले ही आ चुके थे। अंत में, उन्होंने प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया था। क्या यह एक तथ्य नहीं है? क्या प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा करना इतना ही सरल है जितना कि हम सोचते हैं? यदि प्रभु वापस आते हैं और मनुष्यों के बीच उसी तरह कार्य करते हैं जैसे प्रभु यीशु ने देह में किया था, और हम उन्हें पहचानते नहीं है, तो क्या हम भी फरीसियों के समान उनकी आलोचना और निंदा करेंगे और उन्हें फिर से सूली पर चढ़ा देंगे? क्या यह एक संभावना है? प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी की थी कि वे वापस आएंगे और इसके बारे में कई वचन कहे थे, लेकिन आप केवल उस भविष्यवाणी को पकड़े हैं कि प्रभु बादलों के साथ अवतरित होंगे और प्रभु द्वारा कही गयी अन्य महत्वपूर्ण भविष्यवाणियों की खोज या जांच नहीं करते हैं।

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