- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- अंत के दिनों में देहधारी परमेश्वर करता है परमेश्वर के प्रबन्धन का अंत
- I
- इंसान से बेहतर जुड़ने और उसे जीतने के लिए
- देह में कार्य करता है, बोलता है परमेश्वर।
- पहली बार देहधारी हुए परमेश्वर ने,
- काम किये इंसान के छुटकारे, पाप-क्षमा के।
- अब करने हैं काम, इंसान को जीतने और पाने के।
- आख़िरी बार जब देहधारी होता है परमेश्वर,
- अंत के दिनों के कामों को ख़त्म करेगा,
- सभी लोगों को उनकी किस्मों में बांटेगा।
घर
- घर
- वचन देह में प्रकट होता है
- परमेश्वर के वचन के पाठ
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- परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य
- सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन
सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीजों को बनाया है
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2019/07/27
अंत के दिनों में देहधारी परमेश्वर करता है परमेश्वर के प्रबन्धन का अंत
2019/07/24
उम्मीद करता है परमेश्वर कि इंसान उसके वचनों के प्रति निष्ठावान बन सके
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- उम्मीद करता है परमेश्वर कि इंसान उसके वचनों के प्रति निष्ठावान बन सके
- I
- तुम्हारी मंज़िल और नियति तुम्हारी,
- तुम्हें लगती है सबसे अहम।
- ऐसा मानते हो तुम ना रहे ख़बरदार अगर
- तो तबाह कर दोगे तुम लोग उन्हें।
- II
- तमाम कोशिशें तुम्हारी बेकार हैं
- अपनी मंज़िल के लिये,
- क्या एहसास है तुम्हें?
- कपट हैं, धोखा हैं वो।
2019/07/21
इंसान को बचाने के लिये ख़ामोशी से कार्य करता है देहधारी परमेश्वर
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- इंसान को बचाने के लिये ख़ामोशी से कार्य करता है देहधारी परमेश्वर
- I
- देहधारण कर, अपना नया काम करने की ख़ातिर,
- हमें भ्रष्टता से बचाने की ख़ातिर,
- इंसानों के बीच छिपकर रहता,
- कोई सफ़ाई नहीं देता है, परमेश्वर।
- अपनी बनाई योजनाओं के मुताबिक,
- कदम-दर-कदम काम करता है परमेश्वर।
- दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं उसके वचन,
- तसल्ली देते हैं, डाँटते हैं, ख़बरदार करते हैं उसके वचन।
- कोमल, करुणामय से लेकर, प्रखर और प्रतापी हैं उसके वचन।
- दया दिखाते हैं, भय से कंपाते भी हैं उसके वचन।
- हमारे गहरे राज़ उजागर करके,
- शर्मिंदा कर सकते हैं, बेध सकते हैं हमें उसके वचन।
- आपूर्ति अनंत है उसके जीवन-जल की।
2019/07/18
लोगों के इस समूह को पूरा करने का संकल्प लिया है परमेश्वर ने
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- लोगों के इस समूह को पूरा करने का संकल्प लिया है परमेश्वर ने
- I
- शायद ही कोई इन्सान है ऐसा
- जो समझ सके परमेश्वर के दिल की तीव्र इच्छा,
- क्योंकि इन्सान की क्षमता बहुत कम है,
- उसकी आध्यात्मिक अनुभूति भी मंद है,
- इन्सान कभी ध्यान नहीं देता परमेश्वर के कार्य पर।
- इसलिए उसकी चिंता करता रहता है परमेश्वर।
- इन्सान की जंगली प्रकृति,
- सामने आ सकती है कभी भी।
2019/07/15
अपने हृदय को परमेश्वर के आगे शांत करने के तरीके
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- अपने हृदय को परमेश्वर के आगे शांत करने के तरीके
- I
- परमेश्वर के आगे हृदय को शांत करने के हैं ये तरीके:
- हटा लो दिल अपना बाहरी चीज़ों से, हो जाओ शांत सामने परमेश्वर के,
- अखंड हृदय से प्रार्थना करो परमेश्वर से।
- खाओ-पियो परमेश्वर के वचन, आनंद लो उनका, आनंद लो उनका,
- परमेश्वर के आगे शांत हृदय से।
- चिंतन करो परमेश्वर के प्रेम पर, मनन करो उसके कार्य पर अपने हृदय में।
- प्रार्थना से आरंभ करो पहले।
2019/07/12
देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है
- I
- मसीह ही है देहधारी परमेश्वर।
- परमेश्वर के आत्मा ने ही रूप धरा है मसीह का।
- ये देह नहीं है मांस के इंसान जैसा,
- माँस और ख़ून का नहीं, देहधारी आत्मा है वो।
- इंसान भी है, पूरी तरह दिव्य भी है वो।
- सामान्य मानवता उसकी बनाये रखती है इंसानी ज़िंदगी उसकी;
- परमेश्वर का कार्य करती है दिव्यता उसकी।
2019/07/01
सृष्टिकर्ता के अधिकार के तहत हर चीज़ अत्युत्तम है
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- सृष्टिकर्ता के अधिकार के तहत हर चीज़ अत्युत्तम है
- I
- परमेश्वर ने बनायीं हैं जो सभी चीज़ें,
- चल-अचल सभी चीज़ें,
- जैसे मछली, पक्षी, फूल और पेड़-पौधे,
- पशुधन, जंगली जीव और कीड़े-मकौड़े,
- परमेश्वर की नज़रों में वे भले थे,
- थे परमेश्वर की नजरों में, उसकी योजना के हिसाब से
- अपनी पूर्णता की चोटी पे,
- परमेश्वर चाहता था जो, उस दर्जे को वे पा चुके थे।
- II
- कदम-दर-कदम उसने काम किया,
- उसकी योजना में था जो वो सब किया।
- एक एक कर प्रकट हुईं वो चीज़ें,
- जिन्हें बनाने का उसने इरादा किया था।
- हर एक चीज़ है अभिव्यक्ति उसके अधिकार की और है उसका नतीजा।
- और इसके कारण ही, सभी प्राणी
- हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी,
- हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी।
- III
- जैसे जैसे स्पष्ट होने लगे,
- अद्भुत कर्म परमेश्वर के,
- ये जहाँ, एक एक कर भर गया
- परमेश्वर द्वारा बनाई गयी चीज़ों से।
- बदल गया ये जहाँ,
- अव्यवस्था से स्पष्टता में,
- अंधकार से उजाले में,
- स्थिरता से सजीवता में,
- मौत सी स्थिरता से, अनंत जीवन चेतना में।
- IV
- सृष्टि की सारी चीज़ों में,
- सबसे बड़ी से सबसे छोटी तक,
- छोटी से बहुत ही छोटी तक,
- नहीं थी ऐसी कोई चीज़ जो बनाई न गयी,
- परमेश्वर के अधिकार से, परमेश्वर के सामर्थ्य से।
- हर एक प्राणी के अस्तित्व के पीछे,
- थी एक अनूठी, निहित ज़रूरत और महत्व।
- चाहे हो कोई भी रूप या आकार उनका,
- उसके अधिकार के तहत ही अस्तित्व है सभी का।
- V
- सृष्टिकर्ता के अधिकार में,
- सभी प्राणी उसकी प्रभुता के लिए नई धुन बजायेंगे, बजायेंगे,
- नये दिन के उसके कार्य से पर्दा उठाएंगे, उठाएंगे।
- और इसी क्षण में,
- अपने प्रबन्धन के कार्य में,
- सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।
- हाँ, सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।
- VI
- सृष्टिकर्ता द्वारा निश्चित,
- बसंत के अंकुरण, गर्मी की परिपक्वता,
- शरद की कटनी और सर्दी के संचय
- की व्यवस्था के अनुसार सभी चीज़ें,
- परमेश्वर की प्रबन्धन योजना से गूंजेंगी,
- अपने नये दिन का, नई शुरुआत का,
- नये जीवन पथक्रम का स्वागत करेंगीं।
- जल्द ही पीढ़ी दर पीढ़ी प्रजनन करेंगीं,
- ताकि परमेश्वर के अधिकार की प्रभुता के अधीन,
- वे करें स्वागत हर नये दिन का।
- सब कुछ अत्युत्तम है।
- सब कुछ अत्युत्तम है।
- "वचन देह में प्रकट होता है" से
2019/06/28
परमेश्वर द्वारा इन लोगों के चुने जाने का महान अर्थ
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- परमेश्वर द्वारा इन लोगों के चुने जाने का महान अर्थ
- I
- इस धारा के व्यक्ति के रूप में,
- तुम सबको वास्तव में ईश्वर की
- महान योजना का, उसकी पूरी प्रबंधन योजना का,
- उद्देश्य जानना चाहिए,
- तथ्य जानो जो वो पहले ही पूरा कर चुका,
- उसने क्यों लोगों के एक समूह को चुना,
- इसके लक्ष्य और अर्थ क्या हैं,
- और ईश्वर तुममें क्या पाना चाहता है।
- बड़े लाल अजगर की भूमि में,
- ईश्वर ने साधारण लोगों के एक समूह को ऊँचा उठाया है,
- कई तरह से उनका परीक्षण लेते, पूर्ण करते हुए।
- उसने अनगिनत वचन कहे और कार्य किए,
- सेवा के लिए कई वस्तुएँ भेजते हुए।
- परमेश्वर के कार्य का अर्थ महान है,
- तुम लोग अब भी नहीं समझ सकते हो इसे पूरी तरह से।
- II
- परमेश्वर ने जो कार्य तुम लोगों पर किया है
- उसे साधारण न समझो।
- ईश्वर ने आज जो दिखाया है पर्याप्त है वो,
- विचारने और समझने के लिए।
- गर तुम लोग अच्छी तरह समझते हो इसे,
- ज़्यादा गहराई से इसका अनुभव करोगे।
- और सिर्फ़ इसी तरह से
- अपने जीवन में प्रगति कर सकते हो।
- बड़े लाल अजगर की भूमि में,
- ईश्वर ने साधारण लोगों के एक समूह को ऊँचा उठाया है,
- कई तरह से उनका परीक्षण लेते, पूर्ण करते हुए।
- उसने अनगिनत वचन कहे और कार्य किए,
- सेवा के लिए कई वस्तुएँ भेजते हुए।
- परमेश्वर के कार्य का अर्थ महान है,
- तुम लोग अब भी नहीं समझ सकते हो इसे पूरी तरह से।
- III
- लोग जो समझ सकते हैं
- और कर रहे हैं अभी वो बहुत कम है।
- ये ईश्वर के प्रयोजनों को संतुष्ट,
- नहीं कर सकता पूरी तरह से।
- ये मनुष्य की अपूर्णता है,
- वो अपना कर्तव्य निभाने में विफल है।
- यही कारण है कि जो परिणाम
- अब तक प्राप्त होना चाहिए था
- नहीं हो पाया है।
- बड़े लाल अजगर की भूमि में,
- ईश्वर ने साधारण लोगों के एक समूह को ऊँचा उठाया है,
- कई तरह से उनका परीक्षण लेते, पूर्ण करते हुए।
- उसने अनगिनत वचन कहे और कार्य किए,
- सेवा के लिए कई वस्तुएँ भेजते हुए।
- परमेश्वर के कार्य का अर्थ महान है,
- तुम लोग अब भी नहीं समझ सकते हो इसे पूरी तरह से, पूरी तरह से।
- "वचन देह में प्रकट होता है" से
2019/05/16
अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है, उसे पूर्ण करता है
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- अंत के दिनों में परमेश्वर अपने वचनों से इंसान का न्याय करता है, उसे पूर्ण करता है
- I
- अंत के दिनों में देहधारण किया परमेश्वर ने ख़ास तौर से बोलने के लिये,
- क्या है इंसानी ज़िंदगी की ज़रूरत,
- कहाँ प्रवेश करना चाहिये उसे, ये दिखाने के लिये,
- परमेश्वर के कर्म और सर्वशक्तिमत्ता दिखाने के लिये,
- परमेश्वर की चमत्कारिता और बुद्धि दिखाने के लिये।
- जिन बहुत से तरीकों से परमेश्वर बोलता है,
- इंसान परमेश्वर की सर्वोच्चता, विशालता को देखता है,
- इंसान परमेश्वर की दीनता, छिपाव को देखता,
- कि सबसे बड़ा परमेश्वर, सबसे छोटा बन सकता है।
2019/05/15
परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- परमेश्वर का देहधारण विशेष रूप से उसके वचन को व्यक्त करने के लिए है
- I
- आज, मानव को व्यावहारिक परमेश्वर और
- देहधारण के अर्थ का ज्ञान कम है।
- जब बात हो ईश्वर के देह की, उसके कार्य और वचनों के द्वारा
- लोग देखते हैं कि ईश्वर का आत्मा सम्पन्न और प्रशस्त है।
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