- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है
- I
- मसीह ही है देहधारी परमेश्वर।
- परमेश्वर के आत्मा ने ही रूप धरा है मसीह का।
- ये देह नहीं है मांस के इंसान जैसा,
- माँस और ख़ून का नहीं, देहधारी आत्मा है वो।
- इंसान भी है, पूरी तरह दिव्य भी है वो।
- सामान्य मानवता उसकी बनाये रखती है इंसानी ज़िंदगी उसकी;
- परमेश्वर का कार्य करती है दिव्यता उसकी।
- II
- स्वर्गिक पिता की इच्छा को हैं समर्पित दोनों।
- दिव्य है मसीह, सार है आत्मा उसका।
- इस तरह स्वयं परमेश्वर का सार है उसका;
- ये सार रोकेगा नहीं उसके कार्य को।
- कभी न करेगा वो कुछ ऐसा, जो तबाह करे उसके कार्य को।
- अपनी ही इच्छा के विरुद्ध, कुछ न बोलेगा वो।
- समझनी है ये बात हर इंसान को।
- आत्मा हो या देह हो,
- एक ही इच्छा को पूरी करने, कार्य करते दोनों।
- एक ही कार्य को करते दोनों।
- आत्मा और देह के गुण
- भले ही अलग हों,
- सार दोनों का एक ही है:
- दोनों में सार स्वयं परमेश्वर का है।
- दोनों में पहचान परमेश्वर की है।
- III
- पवित्र आत्मा का कार्य है इंसान को बचाना,
- है ये परमेश्वर के अपने प्रबंधन के लिये।
- मसीह का कार्य भी है इंसान को बचाना,
- है ये परमेश्वर की अपनी इच्छा के लिये।
- चूँकि देहधारी बनता है परमेश्वर, उसका सार है देह के भीतर,
- इसलिये काफ़ी है देह उसका, वो जो करना चाहता है,
- उस कार्य का ज़िम्मा लेने के लिये।
- IV
- है यही वजह देहधारण के समय कार्य मसीह का,
- ले लेता है परमेश्वर के आत्मा के कार्य की जगह।
- कार्य मसीह का मुख्य होता है देहधारण के समय।
- दूसरे युग के कार्य को शामिल नहीं किया जा सकता इसमें।
- कर सकता है उद्धार का कार्य परमेश्वर का आत्मा;
- इंसान बनकर भी कर सकता है ऐसे कार्य परमेश्वर।
- कुछ भी हो, ख़ुद ही करता है अपने कार्य परमेश्वर।
- आत्मा हो या देह हो,
- एक ही इच्छा को पूरी करने, कार्य करते दोनों।
- एक ही कार्य को करते दोनों।
- आत्मा और देह के गुण
- भले ही अलग हों,
- सार दोनों का एक ही है:
- दोनों में सार स्वयं परमेश्वर का है।
- दोनों में पहचान परमेश्वर की है।
- न रोकता, न दख़ल देता है परमेश्वर।
- कोई टकराव नहीं उसके कार्य में, क्योंकि दोनों एक-से हैं:
- आत्मा ने जो कार्य किया उसका सार,
- देह ने जो कार्य किया उसका सार।
- आत्मा हो या देह हो,
- एक ही इच्छा को पूरी करने, कार्य करते दोनों।
- एक ही कार्य को करते दोनों।
- आत्मा और देह के गुण
- भले ही अलग हों,
- सार दोनों का एक ही है:
- दोनों में सार स्वयं परमेश्वर का है।
- दोनों में पहचान परमेश्वर की है।
- "वचन देह में प्रकट होता है" से
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सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीजों को बनाया है
2019/07/12
देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है
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