2019/07/12

देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • देह और आत्मा का कार्य एक ही सार का है
  •  
  • I
  • मसीह ही है देहधारी परमेश्वर।
  • परमेश्वर के आत्मा ने ही रूप धरा है मसीह का।
  • ये देह नहीं है मांस के इंसान जैसा,
  • माँस और ख़ून का नहीं, देहधारी आत्मा है वो।
  • इंसान भी है, पूरी तरह दिव्य भी है वो।
  • सामान्य मानवता उसकी बनाये रखती है इंसानी ज़िंदगी उसकी;
  • परमेश्वर का कार्य करती है दिव्यता उसकी।
  • II
  • स्वर्गिक पिता की इच्छा को हैं समर्पित दोनों।
  • दिव्य है मसीह, सार है आत्मा उसका।
  • इस तरह स्वयं परमेश्वर का सार है उसका;
  • ये सार रोकेगा नहीं उसके कार्य को।
  • कभी न करेगा वो कुछ ऐसा, जो तबाह करे उसके कार्य को।
  • अपनी ही इच्छा के विरुद्ध, कुछ न बोलेगा वो।
  • समझनी है ये बात हर इंसान को।
  •  
  • आत्मा हो या देह हो,
  • एक ही इच्छा को पूरी करने, कार्य करते दोनों।
  • एक ही कार्य को करते दोनों।
  • आत्मा और देह के गुण
  • भले ही अलग हों,
  • सार दोनों का एक ही है:
  • दोनों में सार स्वयं परमेश्वर का है।
  • दोनों में पहचान परमेश्वर की है।
  • III
  • पवित्र आत्मा का कार्य है इंसान को बचाना,
  • है ये परमेश्वर के अपने प्रबंधन के लिये।
  • मसीह का कार्य भी है इंसान को बचाना,
  • है ये परमेश्वर की अपनी इच्छा के लिये।
  • चूँकि देहधारी बनता है परमेश्वर, उसका सार है देह के भीतर,
  • इसलिये काफ़ी है देह उसका, वो जो करना चाहता है,
  • उस कार्य का ज़िम्मा लेने के लिये।
  • IV
  • है यही वजह देहधारण के समय कार्य मसीह का,
  • ले लेता है परमेश्वर के आत्मा के कार्य की जगह।
  • कार्य मसीह का मुख्य होता है देहधारण के समय।
  • दूसरे युग के कार्य को शामिल नहीं किया जा सकता इसमें।
  • कर सकता है उद्धार का कार्य परमेश्वर का आत्मा;
  • इंसान बनकर भी कर सकता है ऐसे कार्य परमेश्वर।
  • कुछ भी हो, ख़ुद ही करता है अपने कार्य परमेश्वर।
  •  
  • आत्मा हो या देह हो,
  • एक ही इच्छा को पूरी करने, कार्य करते दोनों।
  • एक ही कार्य को करते दोनों।
  • आत्मा और देह के गुण
  • भले ही अलग हों,
  • सार दोनों का एक ही है:
  • दोनों में सार स्वयं परमेश्वर का है।
  • दोनों में पहचान परमेश्वर की है।
  •  
  • न रोकता, न दख़ल देता है परमेश्वर
  • कोई टकराव नहीं उसके कार्य में, क्योंकि दोनों एक-से हैं:
  • आत्मा ने जो कार्य किया उसका सार,
  • देह ने जो कार्य किया उसका सार।
  •  
  • आत्मा हो या देह हो,
  • एक ही इच्छा को पूरी करने, कार्य करते दोनों।
  • एक ही कार्य को करते दोनों।
  • आत्मा और देह के गुण
  • भले ही अलग हों,
  • सार दोनों का एक ही है:
  • दोनों में सार स्वयं परमेश्वर का है।
  • दोनों में पहचान परमेश्वर की है।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से
     अनुशंसित: परमेश्वर के भजन - चुने हुए भजनों को सूची - परमेश्वर प्रेम को ब्यक्त करना

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