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2019/05/09

परमेश्वर को भिन्न-भिन्न युगों में भिन्न-भिन्न नामों से क्यों पुकारा जाता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

प्रत्येक युग में,परमेश्वर नया कार्य करता है और उसे एक नए नाम से बुलाया जाता है;वह भिन्न-भिन्न युगों में एक ही कार्य कैसे कर सकता है?वह पुराने सेकैसे चिपका रह सकता है? यीशु का नाम छुटकारे के कार्यहेतु लिया गया था, तो क्या जब वह अंत के दिनों में लौटेगा तो तब भी उसे उसी नाम से बुलाया जाएगा?क्या वह अभी भी छुटकारे का कार्य करेगा? ऐसा क्यों है कि यहोवा और यीशु एक ही हैं, फिर भी उन्हें भिन्न-भिन्न युगों में भिन्न-भिन्न नामों से बुलाया जाता है? क्या यह इसलिए नहीं कि उनके कार्य के युग भिन्न-भिन्न हैं? क्या केवल एक ही नाम परमेश्वर का उसकी संपूर्णता में प्रतिनिधित्व कर सकता है? इस तरह, भिन्न युग में परमेश्वर को भिन्न नाम के द्वारा अवश्य बुलाया जाना चाहिए, उसे युग को परिवर्तित करने और युग का प्रतिनिधित्व करने के लिए नाम का उपयोग अवश्य करना चाहिए, क्योंकि कोई भी एक नाम पूरी तरह से परमेश्वर स्वयं का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।

2019/05/03

परमेश्वर नामों को क्यों अपनाता है, क्या एक ही नाम परमेश्वर की सम्पूर्णता का प्रतिनिधित्व कर सकता है?

अध्याय 2 तुम्हें परमेश्वर के नामों की सच्चाईयों को अवश्य जानना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
क्या यीशु का नाम, "परमेश्वर हमारे साथ," परमेश्वर के स्वभाव को उसकी समग्रता से व्यक्त कर सकता है? क्या यह पूरी तरह से परमेश्वर को स्पष्ट कर सकता है? यदि मनुष्य कहता है कि परमेश्वर को केवल यीशु कहा जा सकता है, और उसका कोई अन्य नाम नहीं हो सकता है क्योंकि परमेश्वर अपना स्वभाव नहीं बदल सकता है, तो ऐसे वचन ईशनिन्दा हैं! क्या तुम मानते हो कि यीशु नाम, परमेश्वर हमारे साथ, परमेश्वर का समग्रता से प्रतिनिधित्व कर सकता है? परमेश्वर को कई नामों से बुलाया जा सकता है, किन्तु इन कई नामों के बीच, एक भी ऐसा नहीं है जो परमेश्वर के स्वरूप को सारगर्भित रूप से व्यक्त कर सकता हो, एक भी ऐसा नहीं जो परमेश्वर का पूरी तरह से प्रतिनिधित्व कर सकता हो।

2019/03/23

34. क्या वह हर व्यक्ति जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार नहीं करता है, वास्तव में विपत्ति में पड़ जाएगा?

34. क्या वह हर व्यक्ति जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार नहीं करता है, वास्तव में विपत्ति में पड़ जाएगा?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मैं तुम लोगों बता दूँ, कि जो परमेश्वर में संकेतों की वजह से विश्वास करते हैं वे निश्चित रूप से उस श्रेणी के होंगे जो विनाश को झेलेगी। वे जो देह में लौटे यीशु के वचनों को स्वीकार करने में अक्षम हैं वे निश्चित रूप से नरक के वंशज, महान फ़रिश्ते के वंशज हैं, उस श्रेणी के हैं जो अनंत विनाश के अधीन की जाएगी। कई लोग मैं क्या कहता हूँ इसकी परवाह नहीं करते हैं, किंतु मैं ऐसे हर तथाकथित संत को बताना चाहता हूँ जो यीशु का अनुसरण करते हैं, कि जब तुम लोग यीशु को एक श्वेत बादल पर स्वर्ग से उतरते हुए अपनी आँखों से देखो, तो यह धार्मिकता के सूर्य का सार्वजनिक प्रकटन होगा।

2019/02/01

प्रश्न 20: बाइबल में यह लिखा गया है: "यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक–सा है" (इब्रा 13:8)। तो परमेश्वर का नाम कभी नहीं बदलता है! लेकिन तुम कहते हो कि जब परमेश्वर अंतिम दिनों में फिर से आएगा तो वह एक नया नाम लेगा और उसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहा जाएगा। तुम इसे कैसे समझा सकते हो?

प्रश्न 20: बाइबल में यह लिखा गया है: "यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक–सा है" (इब्रा 13:8)। तो परमेश्वर का नाम कभी नहीं बदलता है! लेकिन तुम कहते हो कि जब परमेश्वर अंतिम दिनों में फिर से आएगा तो वह एक नया नाम लेगा और उसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहा जाएगा। तुम इसे कैसे समझा सकते हो?

उत्तर:
जब से हम प्रभु यीशु में विश्वास करने लगे, हमने उसके नाम से प्रार्थना करना, रोग को ठीक करना और राक्षसों को बाहर निकालना शुरू किया। इसके अलावा, उसके नाम के कारण, हमने शांति और आशीर्वाद को प्राप्त किया, और उसके नाम के कारण ही हमने अनगिनत अनुग्रह प्राप्त किये। यही कारण है कि परमेश्वर यीशु का नाम हमारे दिलों पर गहराई से अंकित है और हम भी उसके नाम को संजोये रखते हैं, ठीक उसी तरह जैसे कि इस्राएल के लोग यहोवा के नाम को संजोये रखते थे। तदनुसार, जब कुछ भाई और बहन सुनते हैं कि परमेश्वर पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में देह में वापस आ चुका है, तो वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते, और कहते हैं: "यह प्रेरितों के काम 4:12 में कहा गया है: किसी भी दूसरे में उद्धार निहित नहीं है।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...