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2019/04/08

प्रश्न 4: आपकी बातों से मुझे एक बात समझ में आई है कि प्रभु की वापसी और आरोहण की हमारी उम्मीदें वाकई इंसानी मान्यताओं और कल्पनाओं की देन हैं। हम पहले ही प्रभु के वचनों को धोखा दे चुके हैं। ख़ैर, अब हम प्रभु की वापसी और आरोहण का इंतज़ार कैसे करें? इस पर थोड़ा और विस्तार से चर्चा कर लें?

उत्तर: आरोहित किए जाने की संतों की उम्मीदों का मुख्य आधार, स्वयं प्रभु यीशु के वचन हैं: "क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:2-3)। हम प्रभु यीशु के वचनों की व्याख्या अपनी कल्पनाओं के आधार पर करते हैं। हमें लगता है, चूँकि स्वर्ग में प्रभु यीशु का आरोहण एक बादल पर हुआ था, तो प्रभु ने मनुष्यों के लिये स्वर्ग में ही स्थान तैयार किया होगा। इसलिये हम लोग प्रभु यीशु की वापसी और स्वर्ग में उन्नत किये जाने का इंतज़ार कर रहे हैं।

2019/04/07

प्रश्न 3: बाइबल कहती है, "तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें; और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे" (1 थिस्सलुनीकियों 4:17)। हम इसकी व्याख्या कैसे करें?

उत्तर: हमें प्रभु की वापसी की आशा, उनकी भविष्यवाणियों के आधार पर करनी चाहिए। यही सही तरीका है। आप दरअसल, किनका हवाला दे रहीं हैं? प्रभु के वचनों का या इंसानों के वचनों का? "तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें;" ये बात किसने कही? क्या ये प्रभु यीशु के वचन हैं? प्रभु यीशु ने, ऐसी बात कभी नहीं कही। न ही पवित्र आत्मा ने कभी ऐसा कहा। आप जिन वचनों का हवाला दे रहीं हैं, वे पौलुस के वचन हैं। क्या पौलुस के वचन प्रभु यीशु के वचनों को दर्शाते हैं? क्या वे परमेश्वर का, प्रतिनिधित्व कर सकते हैं? इस रहस्य का जवाब सिर्फ परमेश्वर जानते हैं।

2019/04/06

प्रश्न 2: हम लोग अभी तक तय नहीं कर पाए हैं कि परमेश्वर का राज्य धरती पर है या स्वर्ग में। प्रभु यीशु ने "स्वर्ग का राज्य पास में हैं" और "स्वर्ग का राज्य आता है" के बारे में बात की थी। अगर यह "स्वर्ग का राज्य," है तो यह स्वर्ग में होना चाहिये। यह धरती पर कैसे हो सकता है?

उत्तर: हमें एक बात स्पष्ट होनी चाहिये कि "स्वर्ग" को हमेशा परमेश्वर के रूप में, देखते हैं। "स्वर्ग का राज्य" यानी परमेश्वर का राज्य। प्रकाशित-वाक्य में लिखा है, "परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है।" "जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया।" इसका मतलब है कि परमेश्वर का राज्य पृथ्वी पर स्थापित होगा। अंत में, पृथ्वी का राज्य परमेश्वर का राज्य बनेगा। महाविपदा में पुराने विश्व के तबाह होने के बाद, सहस्राब्दि राज्य प्रकट होगा। पृथ्वी के राज्य हमारे प्रभु और उनके मसीह के राज्य बनेंगे। तब, परमेश्वर की इच्छा पृथ्वी पर, पूरी होगी, जैसी कि यह स्वर्ग में है। इससे भविष्यवाणी पूरी तरह से सच हो जाएगी: नया यरूशलेम पृथ्वी पर आ जाएगा।

2019/04/05

प्रश्न 1: प्रभु ने काफी पहले हमें वचन दिया है: "क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:2-3)। प्रभु ने पहले ही हमारे लिये स्वर्ग में जगह तैयार कर दी है। जब वे वापस आएंगे, तो हमें स्वर्ग के राज्य में ले जाएँगे। अगर प्रभु वापस आ चुके हैं, तो उनके सारे संत अभी भी धरती पर क्यों हैं? हमें आरोहित क्यों नहीं किया गया है?

उत्तर: प्रभु ने अपने विश्वासियों के लिये एक जगह तैयार कर दी है। यह सच है। लेकिन यह जगह धरती पर है या स्वर्ग में? इस बारे हम यकीन से नहीं कह सकते। हमारा ख़्याल है कि स्वर्ग का राज्य स्वर्ग में है, लेकिन यह हमारी अपनी मान्यताओं और कल्पनाओं की बुनियाद पर है। लेकिन क्या यह वाकई सच है? आइये देखें प्रभु यीशु ने क्या कहा है: "हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो" (मत्ती 6:9-10)। प्रभु यीशु ने हमें साफ़ तौर पर बताया है परमेश्वर का राज्य धरती पर है, न कि स्वर्ग में। परमेश्वर की इच्छा जैसी स्वर्ग में है वैसी ही धरती पर पूरी की जाएगी।

2019/04/03

प्रश्न 1: प्रभु का वादा है कि वे फिर से हमें स्वर्ग के राज्य में ले जाने के लिए आएंगे, और फिर भी आप कहते हैं कि प्रभु अंत के दिनों में न्याय का कार्य करने के लिए पहले ही देहधारी हो चुके हैं। बाइबल साफ तौर पर यह भविष्यवाणी करती है कि प्रभु सामर्थ्य और महान महिमा के साथ बादलों पर देहधारी होंगे। यह उस बात से काफ़ी अलग है जिसकी आपने गवाही दी थी, कि प्रभु पहले ही देहधारण कर चुके हैं और गुप्त रूप से लोगों के बीच देहधारी हो चुके हैं।

उत्तर: आपका कहना है कि प्रभु ने इंसान से वादा किया था कि वे फिर से लोगों को स्वर्ग के राज्य में ले जाने के लिए आएंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है, क्योंकि प्रभु भरोसेमंद हैं, वे अपने वादों को बेशक पूरा करेंगे। मगर पहले हमें यह स्पष्ट करना होगा कि अंत के दिनों में न्याय का कार्य करने के लिए प्रभु का पुनः देहधारी रूप में आने का इस बात से सीधा संबंध है कि हम कैसे स्वर्ग के राज्य में स्वर्गारोहण करेंगे। अगर हम बाइबल का बारीकी से अध्ययन करें, तो इसका प्रमाण ढूंढना मुश्किल नहीं है। बाइबल के कई अलग-अलग अंशों में, साफ तौर पर यह भविष्यवाणी की गयी है कि दूसरी बार परमेश्वर का अवतरण होगा।

2019/03/15

25. पवित्र आत्मा का कार्य क्या है? पवित्र आत्मा का कार्य कैसे प्रकट किया जाता है?

25. पवित्र आत्मा का कार्य क्या है? पवित्र आत्मा का कार्य कैसे प्रकट किया जाता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जब पवित्र आत्मा कार्य करता है, तो लोग सक्रिय रूप से प्रवेश कर सकते हैं; वे निष्क्रिय नहीं होते और उन्हें बाध्य भी नहीं किया जाता, बल्कि वे सक्रिय रहते हैं। जब पवित्र आत्मा कार्य करता है तो लोग प्रसन्न और इच्छापूर्ण होते हैं, और वे आज्ञा मानने के लिए तैयार होते हैं, और स्वयं को दीन करने में प्रसन्न होते हैं, और यद्यपि भीतर से पीड़ित और दुर्बल होते हैं, फिर भी उनमें सहयोग करने का दृढ़ निश्चय होता है, वे ख़ुशी-ख़ुशी दुःख सह लेते हैं, वे आज्ञा मान सकते हैं, और वे मानवीय इच्छा से निष्कलंक रहते हैं, मनुष्य की विचारधारा से निष्कलंक रहते हैं, और निश्चित रूप से मानवीय अभिलाषाओं और अभिप्रेरणाओं से निष्कलंक रहते हैं।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...