आशीषें लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
आशीषें लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

2019/08/03

Hindi Christian Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | मानव जाति पर परमेश्वर की करुणा

Hindi Christian Song  | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | मानव जाति पर परमेश्वर की करुणा


"दया" को..... कई तरीकों से समझ सकते है इसका मतलब तो प्यार, सुरक्षा और देखभाल है "दया"... का मतलब प्रभु से लगाव है लेकिन ज्यादा स्नेह किसी के नुकसान के लिए नहीं है जो उसके प्यार और कोमलता का छाया मात्र है और इस भावना को हम कभी भी खोना नहीं चाहेंगे यह परमेश्वर का रहम और सहनशीलता है इंसानों पर जबकि परमेश्वर ने सभी के लिए एक ही शब्द का प्रयोग किया लेकिन इसमें उनके दिल की आवाज़ और नज़रिया है हमारे लिए जब परमेश्वर बोले तो सब कुछ प्रकाशित हुआ नीनवह की सड़के भी, सदोम की तरह, भ्रष्ट, बुरी और हिंसक थी लेकिन वो पछताए तो भगवान का दिल बदल गया और उनका विनाश भी माफ़ हुआ परमेश्वर के शब्द और शिक्षा के लिए उनका रवैया सदोम के लोगों से अलग था उनका समर्पण भगवान के लिए पूरा था और अपने पापों के लिए पश्चाताप भी सच्चा था वो हर तरीके से मेहनती और ईमानदार थे तो परमेश्वर ने एक बार फिर करुणा दिखाई और उन पर कृपा की। “वचन देह में प्रकट हुआ” से

अनुशंसित: परमेश्वर के भजन - नये युग में स्तुति - प्रभु की वापसी का स्वागत करें

2019/07/09

वही देख पाएँगे परमेश्वर को जिनमें सत्य को खोजने की तड़प है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • वही देख पाएँगे परमेश्वर को जिनमें सत्य को खोजने की तड़प है
  • I
  • नया कार्य किया है परमेश्वर ने; हो सकता है स्वीकार न करो तुम।
  • परमेश्वर का मशवरा है, अपनी स्वाभविकता न दिखलाओ तुम,
  • शायद अजीब लगे तुम्हें।
  • सत्य की खोज में हासिल कुछ नहीं होता,
  • कहा-सुनी से, तकरार से।
  • परिणाम हासिल हो सकता है सिर्फ़ खोजने पर शांति से।

2019/07/04

अध्याय 8 विभिन्न प्रकार के लोगों और मनुष्य को की गई परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अंत।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
क्या अब तुम समझ गए कि न्याय क्या है और सत्य क्या है? यदि तुम अब समझ गए हो, तो मैं तुम्हें न्याय के प्रति समर्पित होने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, अन्यथा तुम्हें कभी भी परमेश्वर की प्रशंसा पाने का या परमेश्वर द्वारा उसके राज्य में ले जाए जाने का अवसर नहीं मिलेगा। जो केवल न्याय को ग्रहण करते हैं परन्तु कभी भी शुद्ध नहीं हो सकते हैं, अर्थात्, जो न्याय के कार्य के मध्य ही भाग जाते हैं, वे हमेशा के लिए परमेश्वर द्वारा नफ़रत किए और अस्वीकार कर दिए जाएँगे।

2019/06/24

परमेश्वर उन्हें आशीष देता है जो ईमानदार हैं



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर उन्हें आशीष देता है जो ईमानदार हैं
  •  I
  • जब तुम ईश्वर को देते हो दिल और उसे धोखा नहीं देते हो,
  • जब तुम खुद से ऊँचे या नीचे लोगों को कभी नहीं छलते हो,
  • जब ईश्वर के प्रति साफ़दिल हो सब चीज़ों में,
  • जब तुम ईश्वर की चापलूसी वाले काम न करो,
  • है ये बनना ईमानदार।
  • ईमानदारी है अपने कार्यों और वचनों से अशुद्धि को दूर रखना,
  • और न ईश्वर न लोगों को ठगना।

2019/06/22

ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर
  • I
  • जो कार्य प्रदान करे सटीक वचन,
  • अनुसरण के लिये स्पष्ट लक्ष्य,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • वो कार्य सबसे ज़्यादा मूल्यवान है भ्रष्ट इंसान के लिये।
  • सिर्फ़ वास्तविक कार्य और मार्गदर्शन जो समय पर होता है,
  • ऐसे कार्य हैं जो इंसान की रुचि के सबसे अनुकूल होते हैं।
  • हाँ, असली कार्य ही इंसान को
  • बचाता है दुराचरण और उसके भ्रष्ट स्वभाव से।

2019/04/21

Hindi Christian Song | बेपर्दा हो चुके हैं रहस्य सारे | The Returned Lord Has Revealed All Mysteries

Hindi Christian Song | बेपर्दा हो चुके हैं रहस्य सारे | The Returned Lord Has Revealed All Mysteries


धार्मिकता का सर्वशक्तिमान परमेश्वर – सर्वशक्तिमान! कुछ भी छुपा नहीं है तुझसे, अनंत से अनंत तक हर रहस्य, जिसे प्रकट नहीं किया किसी इंसान ने, सब ज़ाहिर है, साफ है तेरे सामने। ज़रूरत नहीं खोजने की, टटोलने की, क्योंकि ज़ाहिर है व्यक्तित्व तेरा।

2019/04/20

Hindi Christian Song | राज्य गान (I) दुनिया में राज्य का अवतरण हुआ है | Kingdom of Christ Has Come

Hindi Christian Song | राज्य गान (I) दुनिया में राज्य का अवतरण हुआ है | Kingdom of Christ Has Come


परमेश्वर का राज्य धरती पर आ चुका है; परमेश्वर का व्यक्तित्व पूर्ण है समृद्ध है। कौन है जो शांत रहे और आनंद ना करे? कौन है जो शांत रहे और नाच ना करे? ओह सिय्योन, परमेश्वर के गुणगान के लिये, अपनी विजय-पताका उठाओ। जग में उसका पवित्र नाम फैलाने के लिये, अपना विजय-गीत गाओ। अनगिनत लोग ख़ुशी से परमेश्वर का यश-गान करते हैं, अनगिनत आवाज़ें उसके नाम की प्रशंसा करती हैं। वे उसके अद्भुत कर्मों को देखते हैं। अब उसका राज्य धरती पर आ चुका है।

2019/04/06

प्रश्न 2: हम लोग अभी तक तय नहीं कर पाए हैं कि परमेश्वर का राज्य धरती पर है या स्वर्ग में। प्रभु यीशु ने "स्वर्ग का राज्य पास में हैं" और "स्वर्ग का राज्य आता है" के बारे में बात की थी। अगर यह "स्वर्ग का राज्य," है तो यह स्वर्ग में होना चाहिये। यह धरती पर कैसे हो सकता है?

उत्तर: हमें एक बात स्पष्ट होनी चाहिये कि "स्वर्ग" को हमेशा परमेश्वर के रूप में, देखते हैं। "स्वर्ग का राज्य" यानी परमेश्वर का राज्य। प्रकाशित-वाक्य में लिखा है, "परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है।" "जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया।" इसका मतलब है कि परमेश्वर का राज्य पृथ्वी पर स्थापित होगा। अंत में, पृथ्वी का राज्य परमेश्वर का राज्य बनेगा। महाविपदा में पुराने विश्व के तबाह होने के बाद, सहस्राब्दि राज्य प्रकट होगा। पृथ्वी के राज्य हमारे प्रभु और उनके मसीह के राज्य बनेंगे। तब, परमेश्वर की इच्छा पृथ्वी पर, पूरी होगी, जैसी कि यह स्वर्ग में है। इससे भविष्यवाणी पूरी तरह से सच हो जाएगी: नया यरूशलेम पृथ्वी पर आ जाएगा।

2019/03/01

11. अपने कर्तव्य को करने और सेवा करने में क्या अंतर है?

11. अपने कर्तव्य को करने और सेवा करने में क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य का अपना कर्तव्य निभाना, वास्तव में, उस सबका निष्पादन है जो मनुष्य के भीतर अन्तर्निहित है, अर्थात्, जो मनुष्य के लिए संभव है, उसका निष्पादन है। यह इसके बाद ही है कि उसका कर्तव्य पूरा होता है। मनुष्य की सेवा के दौरान मनुष्य के दोष उसके प्रगतिशील अनुभवों और न्याय के अनुभव की उसकी प्रक्रिया के माध्यम से धीरे-धीरे कम होते जाते हैं; वे मनुष्य के कर्तव्य में बाधा हैं या प्रभाव नहीं डालते हैं। … मनुष्य के कर्तव्य और क्या वह धन्य या श्रापित है के बीच कोई सह-सम्बन्ध नहीं है। कर्तव्य वह है जो मनुष्य को पूरा करना चाहिए; यह उसका आवश्यक कर्तव्य है और प्रतिफल, परिस्थितियों या कारणों पर निर्भर नहीं होना चाहिए।

2019/01/14

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, आशीषें, विजयी, परमेश्वर का प्रेम,

मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना

मनुष्य आज के कार्य एवं भविष्य के कार्य के विषय में थोड़ा बहुत ही जानता है, परन्तु वह उस मंज़िल को नहीं समझता जिसमें मानवजाति प्रवेश करेगी। एक प्राणी होने के नाते, मनुष्य को एक प्राणी के कर्तव्य को निभाना चाहिएः जो कुछ परमेश्वर करता है उसमें उसे उसका अनुसरण करना चाहिए, और जो भी तरीका मैं आप लोगों को बताता हूँ उसमें आप सब को आगे बढ़ना चाहिए। आपके पास स्वयं के लिए इंतज़ाम करने का कोई तरीका नहीं है, और आप स्वयं का नियन्त्रण करने में असमर्थ हैं; सब कुछ परमेश्वर की दया पर छोड़ दिया जाना चाहिए, और हर एक चीज़ उसके हाथों के द्वारा नियन्त्रित होती है।

2018/12/24

2. अगर कोई केवल परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेता है, तो क्या यह परमेश्वर पर विश्वास की वास्तविक गवाही है?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, उद्धार, आशीषें, परमेश्वर का प्रेम,

XVIII. परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण क्या है और परमेश्वर में विश्वास की सच्ची गवाही क्या है, इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

2. अगर कोई केवल परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेता है, तो क्या यह परमेश्वर पर विश्वास की वास्तविक गवाही है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
शांतिमय पारिवारिक जीवन या भौतिक आशीषों के साथ, यदि तुम केवल परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेते हैं, तो तुमने परमेश्वर को प्राप्त नहीं किया है, और परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास पराजित हो गया है। परमेश्वर ने शरीर में अनुग्रह के कार्य के एक चरण को पहले ही पूरा कर लिया है, और मनुष्य को भौतिक आशीषें प्रदान कर दी हैं - परंतु मनुष्य को केवल अनुग्रह, प्रेम और दया के साथ सिद्ध नहीं किया जा सकता। मनुष्य के अनुभवों में वह परमेश्वर के कुछ प्रेम का अनुभव करता है, और परमेश्वर के प्रेम और उसकी दया को देखता है, फिर भी कुछ समय तक इसका अनुभव करने के बाद वह देखता है कि परमेश्वर का अनुग्रह और उसका प्रेम और उसकी दया मनुष्य को सिद्ध बनाने में असमर्थ हैं, और उसे प्रकट करने में भी असमर्थ है जो मनुष्य में भ्रष्ट है, और न ही वे मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से उसे आज़ाद कर सकते हैं, या उसके प्रेम और विश्वास को सिद्ध बना सकते हैं।

2018/12/15

2. यह क्यों कहा जाता है कि धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग सभी फरीसियों के मार्ग पर चल रहे हैं? उनका सार क्या है?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर को जानना, प्रार्थना, आशीषें

XV फरीसियों और परमेश्वर का विरोध करती धार्मिक दुनिया के सार को किस तरह पहचानें इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

2. यह क्यों कहा जाता है कि धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग सभी फरीसियों के मार्ग पर चल रहे हैं? उनका सार क्या है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"फिर वह दृष्‍टान्तों में उनसे बातें करने लगा: "किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा, और रस का कुण्ड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर परदेश चला गया। फिर फल के मौसम में उसने किसानों के पास एक दास को भेजा कि किसानों से दाख की बारी के फलों का भाग ले। पर उन्होंने उसे पकड़कर पीटा और छूछे हाथ लौटा दिया। फिर उसने एक और दास को उनके पास भेजा; उन्होंने उसका सिर फोड़ डाला और उसका अपमान किया। फिर उसने एक और को भेजा; उन्होंने उसे मार डाला। तब उसने और बहुतों को भेजा; उनमें से उन्होंने कुछ को पीटा, और कुछ को मार डाला। अब एक ही रह गया था, जो उसका प्रिय पुत्र था; अन्त में उसने उसे भी उनके पास यह सोचकर भेजा कि वे मेरे पुत्र का आदर करेंगे। पर उन किसानों ने आपस में कहा, 'यही तो वारिस है; आओ, हम इसे मार डालें, तब मीरास हमारी हो जाएगी।' और उन्होंने उसे पकड़कर मार डाला, और दाख की बारी के बाहर फेंक दिया। इसलिये दाख की बारी का स्वामी क्या करेगा? वह आकर उन किसानों का नाश करेगा, और दाख की बारी दूसरों को दे देगा"" (मरकुस 12:1-9)।
"झूठे भविष्यद्वक्‍ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेस में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में वे फाड़नेवाले भेड़िए हैं" (मत्ती 7:15)।
"हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! … हे साँपो, हे करैतों के बच्‍चो, तुम नरक के दण्ड से कैसे बचोगे?" (मत्ती 23:29, 33)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
कुछ लोगों में अपनी ओर ध्यान खींचने की विशेष प्रवृत्ति होती है। अपने भाई-बहनों की उपस्थिति में, वह कहता है कि वह परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ है, परंतु उनकी पीठ पीछे, वह सत्य का अभ्यास नहीं करता है और पूरी तरह से अन्यथा करता है।

2018/12/13

2. परमेश्वर केवल उस कलीसिया को आशीष क्यों देता है जो उसके कार्य को स्वीकार कर उसका अनुपालन करती है? वह धार्मिक संगठनों को क्यों शाप देता है?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर का प्रेम, आशीषें

XIV. परमेश्वर की कलीसिया और धार्मिक संस्थाओं के बीच रही भिन्नता पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

2. परमेश्वर केवल उस कलीसिया को आशीष क्यों देता है जो उसके कार्य को स्वीकार कर उसका अनुपालन करती है? वह धार्मिक संगठनों को क्यों शाप देता है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
क्योंकि ऐसे लोग जो किसी धर्म में हैं वे परमेश्वर के नए कार्य को स्वीकार करने में असमर्थ हैं, और वे केवल भूतकाल के पुराने कार्य को ही थामे रहते हैं, इस प्रकार परमेश्वर ने इन लोगों को छोड़ दिया है, और उन लोगों पर अपना कार्य करता है जो उसके नए कार्य को स्वीकार करते हैं। ये ऐसे लोग हैं जो उसके नए कार्य में उसका सहयोग करते हैं, और केवल इसी रीति से ही उसके प्रबंधन को पूरा किया जा सकता है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर का कार्य एवं मनुष्य का रीति व्यवहार" से
वे सभी जो पवित्र आत्मा की मुख्य धारा के भीतर हैं वे पवित्र आत्मा की उपस्थिति एवं अनुशासन के अधीन हैं, और ऐसे लोग जो पवित्र आत्मा की मुख्य धारा में नहीं हैं वे शैतान के नियन्त्रण में हैं, और वे पवित्र आत्मा के किसी भी कार्य से रहित हैं। वे लोग जो पवित्र आत्मा की मुख्य धारा में हैं वे ऐसे लोग हैं जो परमेश्वर के नए कार्य को स्वीकार करते हैं, वे ऐसे मनुष्य हैं जो परमेश्वर के नए कार्य में सहयोग करते हैं।

2018/10/22

चैबीसवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन,परमेश्वर की इच्छा,परमेश्वर को जानना,आशीषें

चैबीसवाँ कथन


मेरी ताड़नाएँ सभी लोगों पर आती हैं, फिर भी यह सभी लोगों से दूर भी रहती हैं। हर व्यक्ति का संपूर्ण जीवन मेरे प्रति प्रेम और नफ़रत से भरा हुआ है, और किसी ने भी मुझे कभी नहीं जाना है—और इस प्रकार मेरे प्रति मनुष्य की प्रवृत्ति कभी हाँ कभी ना करना की होती है, और सामान्य होने में अक्षम है। फिर भी मैंने हमेशा से मनुष्य की परवाह और सुरक्षा की है। यह केवल उसकी मूर्खता के कारण है कि वह मेरे सभी कर्मों को देखने और मेरे प्रबल अभिप्रायों को समझने में असमर्थ है।

2018/10/21

बाईसवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, परमेश्वर की इच्छा, परमेश्वर को जानना, आशीषें

बाईसवाँ कथन


मनुष्य प्रकाश के बीच जीता है, फिर भी वह प्रकाश की बहुमूल्यता से अनभिज्ञ है। वह प्रकाश के सार तथा प्रकाश के स्रोत से, और इसके अतिरिक्त, वह इस बात से अनजान है कि यह किस का है। जब मैंने मनुष्य के बीच प्रकाश प्रदान किया, तब मैंने तुरन्त ही मनुष्यों के बीच की स्थितियों का निरीक्षण किया प्रकाश के कारण सभी लोग बदल रहे हैं और पनप रहे हैं और उन्होंने अन्धकार को छोड़ दिया है।

2018/10/17

ग्यारहवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, यीशु का दूसरा आगमन, वचन, आशीषें

ग्यारहवाँ कथन


मानवजाति में प्रत्येक व्यक्ति को मेरे आत्मा के अवलोकन को स्वीकार करना चाहिए, अपने हर वचन और कार्य की बारीकी से जाँच करनी चाहिए, और इसके अलावा, मेरे चमत्कारिक कर्मों पर विचार करना चाहिए। पृथ्वी पर राज्य के आगमन के समय तुम लोग कैसा महसूस करते हो? जब मेरे पुत्र एवं लोग मेरे सिंहासन की ओर वापिस प्रवाहित होते हैं, तो मैं महान सफेद सिंहासन के सम्मुख औपचारिक रूप से न्याय आरम्भ करता हूँ।

2018/10/12

मार्ग ... (8)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, आशीषें, परमेश्वर की इच्छा, परमेश्वर से प्रेम

मार्ग ... (8)


जब परमेश्वर मानव जाति से मिलने-जुलने, उसके साथ जीवन व्यतीत करने के लिए आता है, तो वह केवल एक या दो दिनों के लिए नहीं आता है। हो सकता है कि इस समय तक लोग परमेश्वर को थोड़ा या ज़्यादा पहचानने लगे हों, और हो सकता है कि उन्हें परमेश्वर की सेवा करने के बारे में काफ़ी महत्वपूर्ण अंतर्ज्ञान प्राप्त हो चुका हो, और वे परमेश्वर पर अपने विश्वास में पक्के हो चुके हों। स्थिति चाहे जो भी हो, लोग काफ़ी हद तक परमेश्वर के स्वभाव को समझते हैं, और मानवीय स्वभाव की सभी अभिव्यक्तियों के प्रकार बहुत भिन्न होते हैं।

2018/10/11

मार्ग... (7)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, परमेश्वर की इच्छा, परमेश्वर को जानना, आशीषें

मार्ग... (7)


हम सबने अपने व्यावहारिक अनुभवों में यह देखा है कि कई बार परमेश्वर ने निजी तौर पर हमारे लिए एक राह खोली है, ताकि हम एक ऐसी राह पर चल पाएं जो अधिक दृढ़ और अधिक वास्तविक हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह राह वही है जिसे परमेश्वर ने हमारे लिए समय के प्रारंभ से खोली और हज़ारों सालों के बाद हमारी पीढ़ी तक पहुँचाई। इसलिए हम अपने पूर्वजों के काम को आगे बढ़ा रहे हैं, जो इस मार्ग पर अंत तक नहीं चले थे; वे हम लोग हैं जिन्हें इस सड़क के अंतिम भाग पर चलने के लिए परमेश्वर ने चुना है।

2018/10/10

मार्ग ... (6)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, परमेश्वर की इच्छा, आशीषें, परमेश्वर को महिमा

मार्ग ... (6)


यह परमेश्वर के कार्य के कारण ही है कि हमें इस दिन तक लाए गए हैं अतः, हम सभी परमेश्वर की प्रबन्धनयोजना में जीवित बचे हुए लोग हैं, और हमें इस वर्तमान दिवस में ला दिया गया है, और हम इस दिन तक सुरक्षित रह सके, यह परमेश्वर की ओर से एक बड़ा उत्थान है। परमेश्वर की योजना के अनुसार, बड़े लाल अजगर का देश नष्ट हो जाना चाहिए, परन्तु मैं सोचता हूँ कि उसने सम्भवतः एक अन्य योजना बना ली है, या वह अपने कार्य के अन्य भाग को करना चाहता है।

2018/10/09

मार्ग … (4)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, परमेश्वर की इच्छा, परमेश्वर को जानना, आशीषें

मार्ग … (4)


यह बात कि लोग परमेश्वर की सुंदरता की खोजने में, इस युग में परमेश्वर को प्यार करने का तरीका तलाश करने में सक्षम हैं, और यह कि वे आज के राज्य के प्रशिक्षण को स्वीकार करने के इच्छुक हैं—यह सब परमेश्वर का अनुग्रह है और इससे भी ज़्यादा, वही है जो मानव जाति का उत्थान कर रहा है। जब भी मैं इस बारे में सोचता हूँ, तो मुझे दृढ़ता से परमेश्वर की सुंदरता महसूस होती है। यह सच है कि परमेश्वर हमें प्यार करता है।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...