परमेश्वर का वचन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
परमेश्वर का वचन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

2019/08/15

Hindi Gospel Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | सिर्फ ईश्वर के पास ही जीवन का मार्ग है

Hindi Gospel Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | सिर्फ ईश्वर के पास ही जीवन का मार्ग है


आचरण जीवन का है कोई ऐसी चीज़ नहीं, जिसे कोई भी अपने अधिकार में रख ले ये कोई ऐसी चीज़ नहीं जिसे कोई भी हासिल कर ले, ये ज़िन्दगी तो मिलती है बस ईश्वर से सिर्फ ईश्वर के पास ही स्वयं जीवन का सत्व है सिर्फ ईश्वर के पास ही जीवन जीने का ढंग है इस तरह सिर्फ ईश्वर ही जीवन के स्त्रोत हैं, और निरंतर बहने वाले जीवन-अमृत का झरना हैं। जब से उसने इस संसार को रचा, ईश्वर ने सम्पन्न किये बहुत से काम इसमे शामिल है जीवन की वो प्राण शक्ति, जो जीवन देती है इंसानो को उन्होंने बड़ी कीमत चुकाई मानव जीवन के लिये, वो ईश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन हैं, हैं ईश्वर ही वो प्रतिमान जिससे मानव पाता है नवजीवन।

2019/07/24

उम्मीद करता है परमेश्वर कि इंसान उसके वचनों के प्रति निष्ठावान बन सके




  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • उम्मीद करता है परमेश्वर कि इंसान उसके वचनों के प्रति निष्ठावान बन सके
  •  
  • I
  • तुम्हारी मंज़िल और नियति तुम्हारी,
  • तुम्हें लगती है सबसे अहम।
  • ऐसा मानते हो तुम ना रहे ख़बरदार अगर
  • तो तबाह कर दोगे तुम लोग उन्हें।
  • II
  • तमाम कोशिशें तुम्हारी बेकार हैं
  • अपनी मंज़िल के लिये,
  • क्या एहसास है तुम्हें?
  • कपट हैं, धोखा हैं वो।

2019/05/19

मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है।





परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके।

2019/05/08

2019 Best Hindi Christian Song | सत्य को स्वीकारने वाले ही परमेश्वर की वाणी सुन सकते हैं

2019 Best Hindi Christian Song | सत्य को स्वीकारने वाले ही परमेश्वर की वाणी सुन सकते हैं 


जहाँ परमेश्वर का प्रकटन है, वहाँ सत्य की अभिव्यक्ति है, परमेश्वर की वाणी है। वही सुन सकते हैं परमेश्वर की वाणी, वही देख सकते हैं प्रकटन परमेश्वर का, सत्य को जो करते हैं स्वीकार। नामुमकिन जैसे विचार कर दो दरकिनार। नामुमकिन जैसे विचारों का मुमकिन होना सम्भव है। स्वर्ग से ऊँची है परमेश्वर की बुद्धि की उड़ान। उसके ख़्याल और काम बहुत परे हैं, इंसान के सारे ख़्यालों से। कोई चीज़ होती है नामुमकिन जितनी, होता उतना ही ज़्यादा सत्य वहाँ खोज के लिये।

2019/05/04

Hindi Gospel Song | परमेश्वर को बेहतर जान सकते हैं लोग वचनों के कार्य के ज़रिये

Hindi Gospel Song | परमेश्वर को बेहतर जान सकते हैं लोग वचनों के कार्य के ज़रिये


अंत के दिनों का परमेश्वर मुख्यतः प्रयोग करता है वचन पूर्ण करने के लिए इंसान को, न कि संकेतों या चमत्कारों का, उसे दबाने या मनाने के लिए, क्योंकि ज्ञात नहीं होती इनसे सामर्थ्य परमेश्वर की। अगर परमेश्वर दिखाता संकेत और चमत्कार केवल, तो नामुमकिन होता समझाना परमेश्वर की वास्तविकता को। और नामुमकिन होता इस तरह पूर्ण करना इंसान को। परमेश्वर पूर्ण नहीं करता इंसान को संकेतों या चमत्कारों से, बल्कि सींचता है, चरवाही करता है वचनों से, ताकि इंसान आज्ञाकारी बन सके, परमेश्वर को जान सके। यही है लक्ष्य परमेश्वर के कार्य और वचनों का। परमेश्वर पूर्ण करने के लिए इंसान को, नहीं करता प्रयोग संकेतों, चमत्कारों का।

2019/04/30

Hindi Christian Song | एक दूसरा युग, दूसरा दिव्य कार्य | Do You Know the Work of God in the New Age?

Hindi Christian Song | एक दूसरा युग, दूसरा दिव्य कार्य | Do You Know the Work of God in the New Age?


अंतिम दिनों में, प्रमुख रूप से यह सत्य कि "वचन देहधारी हुआ" परमेश्वर के द्वारा पूर्ण किया जाता है। अपने वास्तविक कार्यों के द्वारा ज़मीं पे, ईश्वर कारण बनता है कि मानव उसे जाने, कारण बनता है कि मानव उससे जुड़ता है, और मानव को दिखाता है अपने असली कर्म। वह मानव को स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वो चिह्न और चमत्कार दिखाता है कभी और कभी नहीं दिखाता।

2019/04/29

Hindi Christian Song | ईश्वर का प्रेम मानव के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है | The Meticulous Love of God

Hindi Christian Song | ईश्वर का प्रेम मानव के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है | The Meticulous Love of God


"परमेश्वर का हुक्म आदम के लिये" - बाइबल की तस्वीर ये, मार्मिक भी है, दिल को भी छूती है। हालाँकि सिर्फ परमेश्वर और इंसान हैं तस्वीर में, मगर कितना अंतरंग रिश्ता है दोनों में, हैरानी भी होती है हमें, अनुराग भी जागता है दिल में।

2019/04/24

Hindi Christian Song | वह सत्य, मार्ग और जीवन है | Only God Can Express Truths to Save Mankind

Hindi Christian Song | वह सत्य, मार्ग और जीवन है | Only God Can Express Truths to Save Mankind

जान नहीं सकता हमारा हर विचार उसके अलावा कोई, हमारी प्रकृति और सार की ऐसी समझ रख नहीं सकता उसके अलावा कोई, इंसान के विद्रोहीपन का, भ्रष्टता का न्याय कर नहीं सकता उसके अलावा कोई, कार्य कर नहीं सकता, बोल नहीं सकता स्वर्ग के परमेश्वर की ओर से उसके अलावा कोई। ये मामूली, महत्वहीन कोई, नकार दिया जिसे हमने, क्या हमारे ख़्यालों में बसा यीशु मसीह नहीं है, कामना जिसकी हम दिन-रात करते हैं? यही है वो! हमारा परमेश्वर! सत्य, मार्ग और जीवन, सत्य, मार्ग और जीवन!

2019/04/11

प्रश्न 2: सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों में अपने न्याय का कार्य कैसे करते हैं? वे अपने वचनों से इंसान का न्याय कैसे करते हैं, उसे शुद्ध कैसे करते हैं और उसे पूर्ण कैसे करते हैं? ये जानने के लिए हम बेताब हैं। अगर हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर का कार्य समझते हैं, तो हम लोग सचमुच परमेश्वर की वाणी सुन सकते हैं और हमें परमेश्वर के सिंहासन के सामने उन्नत किया जा सकता है। हमें ज़रा और विस्तार से बताइये!

उत्तर: अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपना कार्य किस तरह करते हैं, इस बात को समझना सत्य का अनुसरण करके उद्धार पाने की हमारी क्षमता के लिए बहुत आवश्यक है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों में सत्य व्यक्त करके लोगों का न्याय और उन्हें शुद्ध करते हैं। वे मात्र अपने संतों को स्वर्ग के राज्य में उठाने के लिए ऐसा करते हैं। इसके बावजूद धार्मिक समुदाय में बहुत से विश्वासी परमेश्वर की इच्छा को नहीं समझते। उन्हें लगता है कि प्रभु वापस आकर सभी संतों को सीधे स्वर्ग के राज्य में उन्नत कर देंगे।

2019/04/09

प्रप्रश्न 4: प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को स्वर्ग का राज्य के रहस्यों के बारे में बताया, और क्या प्रभु यीशु की वापसी के रूप में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने भी अनेक रहस्य उजागर किए हैं? क्या आप लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा प्रकट किए गए कुछ रहस्यों के बारे में हमारे साथ संगति कर सकते हैं? इससे परमेश्वर की वाणी पहचानने में हमें बहुत सहायता मिलेगी।

उत्तर: प्रत्येक बार जब परमेश्वर देहधारण करते हैं, वे हमारे लिए अनेक सत्यों और रहस्यों को प्रकट करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं। मानवजाति को बचाने के लिए परमेश्वर देहधारण करते हैं, और इसलिए स्वाभाविक रूप से वे अनेक सत्यों को अभिव्यक्त करते हैं, और अनेक रहस्यों को प्रकट करते हैं। उदाहरण के लिए, अनुग्रह के युग में, देहधारी परमेश्वर, प्रभु यीशु ने उपदेश देने और अपना कार्य करने के क्रम में अनेक रहस्यों को प्रकट किया, "मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है" (मत्ती 4:17)। "जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा: परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है" (मत्ती 7:21)। इसके अतिरिक्त, प्रभु यीशु ने और भी अनेक रहस्य प्रकट किए, जिनके बारे में मैं अभी नहीं बोलूँगी।

2019/04/08

प्रश्न 4: आपकी बातों से मुझे एक बात समझ में आई है कि प्रभु की वापसी और आरोहण की हमारी उम्मीदें वाकई इंसानी मान्यताओं और कल्पनाओं की देन हैं। हम पहले ही प्रभु के वचनों को धोखा दे चुके हैं। ख़ैर, अब हम प्रभु की वापसी और आरोहण का इंतज़ार कैसे करें? इस पर थोड़ा और विस्तार से चर्चा कर लें?

उत्तर: आरोहित किए जाने की संतों की उम्मीदों का मुख्य आधार, स्वयं प्रभु यीशु के वचन हैं: "क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:2-3)। हम प्रभु यीशु के वचनों की व्याख्या अपनी कल्पनाओं के आधार पर करते हैं। हमें लगता है, चूँकि स्वर्ग में प्रभु यीशु का आरोहण एक बादल पर हुआ था, तो प्रभु ने मनुष्यों के लिये स्वर्ग में ही स्थान तैयार किया होगा। इसलिये हम लोग प्रभु यीशु की वापसी और स्वर्ग में उन्नत किये जाने का इंतज़ार कर रहे हैं।

2019/03/19

29. दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना क्या है? दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना कैसे प्रकट होता है?

29. दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना क्या है? दुष्टात्माओं के कब्ज़े में आ जाना कैसे प्रकट होता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मुझे बताओ, क्या तुम जानते हो तुम सब किस आत्मा के हो? क्या तुम अपनी आत्मा को महसूस करने के योग्य हो? क्या तुम अपनी आत्मा को छूने के योग्य हो? क्या तुम सब यह जानने के योग्य हो कि तुम सब की आत्मा क्या कर रही है? तुम सब नहीं जानते हो, है ना? यदि तुम ऐसी बातों को महसूस करने और समझने के योग्य हो, तो यह तुम्हारे भीतर एक अन्य आत्मा बलपूर्वक कुछ करवा रहा है-तुम्हारे कार्यों और शब्दों को नियन्त्रित कर रहा है। तुम में यह कुछ बाहर का है-यह तुम्हारा नहीं है।

2019/03/18

28. पवित्र आत्मा के कार्य और बुरी आत्माओं के काम के बीच क्या अंतर है?

28. पवित्र आत्मा के कार्य और बुरी आत्माओं के काम के बीच क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि यह पवित्र आत्मा का कार्य है, तो मनुष्य हमेशा से अधिक सामान्य बन जाता है, और उसकी मानवता हमेशा से अधिक सामान्य बन जाती है। मनुष्य को अपने स्वभाव का, जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया है और मनुष्य के सार का बढ़ता हुआ ज्ञान होता है, और उसकी सत्य के लिए हमेशा से अधिक ललक होती है। अर्थात्, मनुष्य का जीवन अधिकाधिक बढ़ता जाता है और मनुष्य का भ्रष्ट स्वभाव अधिकाधिक बदलावों में सक्षम हो जाता है - जिस सब का अर्थ है परमेश्वर का मनुष्य का जीवन बनना।

2019/03/15

25. पवित्र आत्मा का कार्य क्या है? पवित्र आत्मा का कार्य कैसे प्रकट किया जाता है?

25. पवित्र आत्मा का कार्य क्या है? पवित्र आत्मा का कार्य कैसे प्रकट किया जाता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जब पवित्र आत्मा कार्य करता है, तो लोग सक्रिय रूप से प्रवेश कर सकते हैं; वे निष्क्रिय नहीं होते और उन्हें बाध्य भी नहीं किया जाता, बल्कि वे सक्रिय रहते हैं। जब पवित्र आत्मा कार्य करता है तो लोग प्रसन्न और इच्छापूर्ण होते हैं, और वे आज्ञा मानने के लिए तैयार होते हैं, और स्वयं को दीन करने में प्रसन्न होते हैं, और यद्यपि भीतर से पीड़ित और दुर्बल होते हैं, फिर भी उनमें सहयोग करने का दृढ़ निश्चय होता है, वे ख़ुशी-ख़ुशी दुःख सह लेते हैं, वे आज्ञा मान सकते हैं, और वे मानवीय इच्छा से निष्कलंक रहते हैं, मनुष्य की विचारधारा से निष्कलंक रहते हैं, और निश्चित रूप से मानवीय अभिलाषाओं और अभिप्रेरणाओं से निष्कलंक रहते हैं।

2019/03/08

18. एक झूठा नेता या झूठा चरवाहा क्या होता है?

18. एक झूठा नेता या झूठा चरवाहा क्या होता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जो लोग पवित्र आत्मा के वर्तमान कार्य का अनुसरण नहीं करते हैं, उन्होंने परमेश्वर के वचनों के कार्य में प्रवेश नहीं किया है, और चाहे वे कितना भी काम करें, या उनकी पीड़ा कितनी भी बड़ी हो, या वे कितनी ही भाग-दौड़ करें, परमेश्वर के लिए इनमें से किसी बात का कोई महत्व नहीं है, और वह उनकी सराहना नहीं करेगा। आज, जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों का पालन करते हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा में हैं; जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों से अनभिज्ञ हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा के बाहर हैं, और परमेश्वर की सराहना ऐसे लोगों के लिए नहीं है। वह सेवा जो पवित्र आत्मा की वास्तविक उक्तियों से विभाजित हो, वह देह की और धारणाओं की सेवा है, और यह परमेश्वर की इच्छा के अनुसार होने में असमर्थ है।

2019/03/04

14. धार्मिक समारोह में शामिल होना क्या है?

14. धार्मिक समारोह में शामिल होना क्या है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
एक सामान्य आध्यात्मिक जीवन, प्रार्थना, गीत, कलीसिया का जीवन, परमेश्वर के वचनों का खान-पान और दूसरे ऐसे ही अभ्यासों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब है, एक निर्मल और जीवंत आध्यात्मिक जीवन जीना। यह तरीके के बारे में नहीं, बल्कि नतीजे से सम्बन्धित है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि एक सामान्य आध्यात्मिक जीवन पाने के लिए उन्हें प्रार्थना, गाना, परमेश्वर के वचनों को खाना-पीना, या परमेश्वर के शब्दों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। कोई परिणाम मिले या ना मिले, या चाहे सही समझ हो या ना हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, ये लोग बस बाहर की गतिविधियों से होकर गुज़रने पर ध्यान लगाते हैं, और नतीजे पर उनका ध्यान नहीं होता-वे धर्म के अनुष्ठानों में रहने वाले लोग हैं, कलीसिया के भीतर रहने वाले लोग नहीं, और उनका राज्य की प्रजा होने का संयोग तो और भी कम है।

2019/03/03

13. सच्चाई को समझने और सिद्धांत को समझने में क्या अंतर है?



13. सच्चाई को समझने और सिद्धांत को समझने में क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर के वचन के वास्तविक अर्थ की वास्तविक समझ पाना कोई आसान बात नहीं है। यह मत सोचो कि तुम परमेश्वर के वचनों के शाब्दिक अर्थ की व्याख्या सकते हो, और हर कोई कह देगा कि तुम्हारी व्याख्या अच्छी है और तुम्हारी प्रशंसा करेगा, तो इसका मतलब है कि तुम परमेश्वर के वचन समझते हो। यह परमेश्वर के वचन को समझने के समान नहीं है। यदि तुमने परमेश्वर के वचन के भीतर से कुछ प्रकाश प्राप्त किया है और तुमने परमेश्वर के वचन का वास्तविक अर्थ जान लिया है, यदि तुम बता पाते हो कि परमेश्वर के वचन का क्या महत्व है और इसका अंतिम प्रभाव क्या होता है, केवल जब यह सब स्पष्ट हो जाता है, तब ही तुम परमेश्वर के वचनों की कुछ समझ प्राप्त कर पाते हो। तो, परमेश्वर के वचन समझना इतना आसान नहीं है।

2019/02/07

प्रश्न 27: बाइबल परमेश्वर के कार्य का प्रमाण है; केवल बाइबल पढ़ने के द्वारा ही प्रभु पर विश्वास करने वाले लोग यह जान सकते हैं कि परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी और सभी चीजों को बनाया और इसी से वे परमेश्वर के अद्भुत कार्यों, उसकी महानता और सर्वशक्तिमानता को देख सकते हैं। बाइबल में परमेश्वर के बहुत सारे वचन और मनुष्य के अनुभवों की बहुत सारी गवाहियाँ हैं; यह मनुष्य के जीवन के लिए प्रावधान कर सकती है और मनुष्य के लिए बहुत लाभदायक हो सकती है, इसलिए मुझे जिसकी खोज करनी है वह यह है कि क्या हम वास्तव में बाइबल पढ़ने के द्वारा अनन्त जीवन को प्राप्त कर सकते हैं? क्या बाइबल के भीतर वास्तव में अनन्त जीवन का कोई मार्ग नहीं है?

प्रश्न 27: बाइबल परमेश्वर के कार्य का प्रमाण है; केवल बाइबल पढ़ने के द्वारा ही प्रभु पर विश्वास करने वाले लोग यह जान सकते हैं कि परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी और सभी चीजों को बनाया और इसी से वे परमेश्वर के अद्भुत कार्यों, उसकी महानता और सर्वशक्तिमानता को देख सकते हैं। बाइबल में परमेश्वर के बहुत सारे वचन और मनुष्य के अनुभवों की बहुत सारी गवाहियाँ हैं; यह मनुष्य के जीवन के लिए प्रावधान कर सकती है और मनुष्य के लिए बहुत लाभदायक हो सकती है, इसलिए मुझे जिसकी खोज करनी है वह यह है कि क्या हम वास्तव में बाइबल पढ़ने के द्वारा अनन्त जीवन को प्राप्त कर सकते हैं? क्या बाइबल के भीतर वास्तव में अनन्त जीवन का कोई मार्ग नहीं है?

बाइबल पढ़ने से हम यह समझ पाए कि परमेश्‍वर सभी चीजों का सृष्टिकर्ता है और हमने उसके चमत्कारिक कर्मों को पहचानना शुरू कर दिया। इसका कारण यह है कि बाइबल परमेश्वर के कार्य के प्रथम दो चरणों की गवाही है। यह परमेश्‍वर के वचनों और कार्य का अभिलेख है और व्यवस्था के युग और अनुग्रह के युग के दौरान मनुष्य की गवाही है। इसलिए, हमारे विश्वास के लिए बाइबल बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बारे में सोचो, यदि बाइबल नहीं होती, तो मनुष्य कैसे परमेश्‍वर और परमेश्‍वर के वचनों को समझ पाता? और किस तरह से मनुष्‍य परमेश्‍वर के कर्मों की गवाही दे पाता और परमेश्‍वर में सच्‍चा विश्‍वास करना शुरू कर पाता?

2019/02/05

प्रश्न 25: धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग बाइबल में पौलुस के इन शब्दों को थामे रहते हैं: "सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्‍वर की प्रेरणा से रचा गया है", वे ऐसा विश्वास करते हैं कि बाइबल की हर बात परमेश्वर का ही वचन है, लेकिन तुम कहते हो कि बाइबल के शब्द पूरी तरह से परमेश्वर के वचन नहीं हैं, तो यह सब क्या है?

प्रश्न 25: धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग बाइबल में पौलुस के इन शब्दों को थामे रहते हैं: "सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्‍वर की प्रेरणा से रचा गया है", वे ऐसा विश्वास करते हैं कि बाइबल की हर बात परमेश्वर का ही वचन है, लेकिन तुम कहते हो कि बाइबल के शब्द पूरी तरह से परमेश्वर के वचन नहीं हैं, तो यह सब क्या है?

उत्तर:
आरंभ में, हमें यह समझने की ज़रूरत है कि बाइबल कैसे और कब बनी। बाइबल की मूल किताब पुराने नियम का उल्लेख करती है। इज़राइली लोगों ने, अर्थात यहूदियों ने, केवल पुराने नियम को ही पवित्र शास्त्र कहा था। और फिर, अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु ने छुटकारे के कार्य का एक चरण किया। प्रभु के समय से तीन सौ से अधिक वर्षों के बाद, कलीसियाओं के तत्कालीन नेताओं ने मिलकर एक बैठक बुलाई। उनको लगा कि अंतिम दिन आ रहे थे और उन वचनों को जो प्रभु यीशु ने कहे थे, और उन धर्मपत्रों को जिन्हें शिष्यों ने लिखा था, सभी को एक साथ मिलाकर पुराने नियम की तरह एक किताब बनाकर समझाया जाना चाहिए और इसे सभी जगहों पर कलीसियाओं को भेजा जाना चाहिये।

2019/02/04

प्रश्न 24: तुम यह प्रमाण देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में वापस आ चुका है, कि वह पूरी सच्चाई को अभिव्यक्त करता है जिससे कि लोग शुद्धिकरण प्राप्त कर सकें और बचाए जा सकें, और वर्तमान में वह परमेश्वर के घर से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को कर रहा है, लेकिन हम इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं करते। यह इसलिए है क्योंकि धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का हमें बहुधा यह निर्देश है कि परमेश्वर के सभी वचन और कार्य बाइबल में अभिलेखित हैं और बाइबल के बाहर परमेश्वर का कोई और वचन या कार्य नहीं हो सकता है, और यह कि बाइबल के विरुद्ध या उससे परे जाने वाली हर बात विधर्म है। हम इस समस्या को समझ नहीं सकते हैं, तो तुम कृपया इसे हमें समझा दो।

प्रश्न 24: तुम यह प्रमाण देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में वापस आ चुका है, कि वह पूरी सच्चाई को अभिव्यक्त करता है जिससे कि लोग शुद्धिकरण प्राप्त कर सकें और बचाए जा सकें, और वर्तमान में वह परमेश्वर के घर से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को कर रहा है, लेकिन हम इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं करते। यह इसलिए है क्योंकि धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का हमें बहुधा यह निर्देश है कि परमेश्वर के सभी वचन और कार्य बाइबल में अभिलेखित हैं और बाइबल के बाहर परमेश्वर का कोई और वचन या कार्य नहीं हो सकता है, और यह कि बाइबल के विरुद्ध या उससे परे जाने वाली हर बात विधर्म है। हम इस समस्या को समझ नहीं सकते हैं, तो तुम कृपया इसे हमें समझा दो।

उत्तर:
धार्मिक समुदाय का इस प्रकार का दृष्टिकोण परमेश्वर के वचन पर आधारित नहीं है; यह बिलकुल बाइबल की गलत व्याख्या के परिणामस्वरूप ही अस्तित्व में आया था। बाइबल परमेश्वर के कार्य के पहले दो चरणों की गवाही देती है; यह सच है। हालांकि, बाइबल में जो आलेखित है, वह सीमित है, और इसमें परमेश्वर द्वारा अपने कार्य के दो चरणों में कहे गए सारे वचन और इस कार्य की सारी गवाहियां शामिल नहीं हैं। बाइबल के संकलनकर्ताओं के बीच चूक और वाद-विवादों के कारण, भविष्यवक्ताओं की कुछ भविष्यवाणियां, प्रेरितों के कुछ अनुभव और उनकी गवाहियां छोड़ दी गईं थीं; यह एक मान्यता-प्राप्त तथ्य है।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...