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2019/06/18

परमेश्वर पर विश्वास केवल शान्ति और आशीषों को खोजने के लिए ही नहीं होना चाहिए।


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज, आपको सही रास्ते पर नियत अवश्य होना चाहिए क्योंकि तुम व्यावहारिक परमेश्वर में विश्वास करते हो। परमेश्वर में विश्वास करके, तुम्हें सिर्फ़ आशीषों को ही नहीं खोजना चाहिए, बल्कि परमेश्वर को प्रेम करने और परमेश्वर को जानने की कोशिश करनी चाहिए। इस प्रबुद्धता और तुम्हारी स्वयं की खोज के माध्यम से, तुम उसके वचन को खा और पी सकते हो, परमेश्वर के बारे में एक सच्ची समझ को विकसित कर सकते हो, और परमेश्वर के लिए एक सच्चा प्रेम रख सकते हो जो तुम्हारे हृदय से आता है।

2019/06/17

पवित्र शिष्टता जो परमेश्वर के विश्वासियों को धारण करनी चाहिए

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
शैतान के द्वारा भ्रष्ट होने से पहले, मनुष्य स्वभाविक रूप से परमेश्वर का अनुसरण करता था और उसके वचनों का आज्ञापालन करता था। वह स्वभाविक रूप से सही समझ और सद्विवेक का था, और सामान्य मानवता का था। शैतान के द्वारा भ्रष्ट होने के बाद, उसकी मूल समझ, सद्विवेक, और मानवता मंदी हो गईं और शैतान के द्वारा खराब हो गईं।

2019/06/14

परमेश्वर पर विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत तुम्हें अवश्य मालूम होना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य के द्वारा परमेश्वर का विरोध करने का कारण, एक ओर मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से, और दूसरी ओर, परमेश्वर के प्रति अज्ञानता और परमेश्वर के कार्य के सिद्धांतों की और मनुष्य के प्रति उनकी इच्छा की समझ की कमी से उत्पन्न होता है। इन दोनों पहलुओं का, परमेश्वर के प्रति मनुष्य के प्रतिरोध के इतिहास में विलय होता है। नौसिखिए विश्वासी परमेश्वर का विरोध करते हैं क्योंकि ऐसा विरोध उनकी प्रकृति में होता है, जबकि कई वर्षों से विश्वास वाले लोगों में परमेश्वर का विरोध, उनके भ्रष्ट स्वभाव के अलावा, परमेश्वर के प्रति उनकी अज्ञानता का परिणाम है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "वे सब जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वे ही परमेश्वर का विरोध करते हैं" से

2019/06/13

तुम सच्चे और झूठे अगुवों और सच्चे और झूठे चरवाहों के बीच अंतर कैसे बताते हो?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जो लोग पवित्र आत्मा के वर्तमान कार्य का अनुसरण नहीं करते हैं, उन्होंने परमेश्वर के वचनों के कार्य में प्रवेश नहीं किया है, और चाहे वे कितना भी काम करें, या उनकी पीड़ा कितनी भी बड़ी हो, या वे कितनी ही भाग-दौड़ करें, परमेश्वर के लिए इनमें से किसी बात का कोई महत्व नहीं है, और वह उनकी सराहना नहीं करेगा। आज, जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों का पालन करते हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा में हैं; जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों से अनभिज्ञ हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा के बाहर हैं, और परमेश्वर की सराहना ऐसे लोगों के लिए नहीं है।

2019/05/23

बचाए जाने एवं सिद्ध बनाए जाने के लिए तुम्हें परमेश्वर पर किस प्रकार विश्वास करना चाहिए?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यद्यपि बहुत से लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, किंतु बहुत कम लोग समझते हैं कि परमेश्वर पर विश्वास करने का अर्थ क्या है, और परमेश्वर के मन के अनुरूप बनने के लिये उन्हें क्या करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि यद्यपि लोग "परमेश्वर" शब्द और "परमेश्वर का कार्य" जैसे वाक्यांश से परिचित हैं, किंतु वे परमेश्वर को नहीं जानते हैं, और उससे भी कम वे उसके कार्य को जानते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि तब वे सभी जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं, वे दुविधायुक्त विश्वास रखते हैं।

2019/03/11

21. परमेश्वर का अनुसरण करना किसे कहते हैं?

21. परमेश्वर का अनुसरण करना किसे कहते हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का अनुसरण करने में प्रमुख महत्व इस बात का है कि हर चीज परमेश्वर के वास्तविक वचनों के अनुसार होनी चाहिए: चाहे तुम जीवन में प्रवेश कर रहे हो या परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति, सब कुछ परमेश्वर के वास्तविक वचनों के आस-पास ही केंद्रित होना चाहिए। यदि तुम्हारा समागम और अनुसरण परमेश्वर के वास्तविक शब्दों के आसपास केंद्रित नहीं होते हैं, तो तुम परमेश्वर के शब्दों के लिए एक अजनबी हो, और पवित्र आत्मा के कार्य से पूरी तरह से वंचित हो।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और परमेश्वर के चरण-चिन्हों का अनुसरण करो" से
पवित्र आत्मा का कार्य दिन ब दिन बदलता जाता है, हर एक कदम के साथ ऊँचा उठता जाता है; आने वाले कल का प्रकाशन आज से भी कहीं ज़्यादा ऊँचा होता है, कदम दर कदम और ऊपर चढ़ता जाता है।

2019/02/15

प्रश्न 37: यद्यपि पादरी और प्राचीन लोग धार्मिक दुनिया में सत्ता रखते हैं और वे ढोंगी फरीसियों के मार्ग पर चलते हैं, हम तो प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं, पादरी और प्राचीन लोगों में नहीं, तो तुम यह कैसे कह सकते हो कि हम भी फरीसियों के रास्ते पर चलते हैं? क्या हम वास्तव में धर्म के भीतर रहकर परमेश्वर में विश्वास करने के द्वारा बचाए नहीं जा सकते हैं?

उत्तर:
धर्म में ऐसे बहुत-से लोग हैं, जो फरीसियों में अंधा विश्वास करते हैं और उनकी आराधना और उनका अनुसरण करते हैं। इसलिए वे जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वह फरीसियों का रास्ता है या नहीं यह बात उस बारे में सोचने पर स्पष्ट हो जाती है। आप यह कहने की हिम्मत कर रही हैं कि आप फरीसियों की आराधना कर अपने दिल में उनको बचाती हैं, मगर उनके पापों से आपका कोई सरोकार नहीं है? आप यह कहने की हिम्मत करती हैं कि आप पाखंडी फरीसियों का अनुसरण करती हैं, लेकिन उन जैसी नहीं हैं, एक ऐसी इंसान जो परमेश्वर का विरोध करे? क्या हम ऐसे आसान सवाल को भी नहीं समझ सकते हैं? आप, जैसे इंसान का अनुसरण करती हैं वैसे ही रास्ते पर चलती हैं।

2019/01/17

तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, परमेश्वर में विश्वास, परमेश्वर को जानना,

तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है

एक सामान्य समस्या जो सभी मनुष्यों में पाई जाती है कि वे सत्य को समझते तो हैं लेकिन उसे अभ्यास में नहीं ला सकते हैं। एक तथ्य यह है कि मनुष्य मूल्य चुकाने के लिए तैयार नहीं है, और दूसरा यह है कि मनुष्य की सूझ-बूझ बहुत अपर्याप्त है; वह अतीत की उन कई कठिनाईयों की उपेक्षा करने में असमर्थ है जो वास्तविक जीवन में विद्यमान हैं और नहीं जानता है कि कैसे उन्हें उचित रूप से अभ्यास करे। चूँकि मनुष्य के पास सत्य का बहुत कम अनुभव, कमज़ोर क्षमता, और सत्य की सीमित समझ है, इसलिए वह उन कठिनाईयों को हल करने में असमर्थ है जिनका सामना वह जीवन में करता है। वह परमेश्वर में अपने विश्वास के लिए सिर्फ़ दिखावटी प्रेम कर सकता है, मगर परमेश्वर को अपने रोज़मर्रा के जीवन में लाने में असमर्थ है।

2018/12/07

5. परमेश्वर में सच्चा विश्वास वास्तव में क्या है? किसी को परमेश्वर में कैसे विश्वास करना चाहिए कि वह परमेश्वर से प्रशंसा प्राप्त कर सके?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर में विश्वास, परमेश्वर को जानना

XI. परमेश्वर और बाइबल के मध्य रहे सम्बन्ध की सच्चाई के पहलू पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

5. परमेश्वर में सच्चा विश्वास वास्तव में क्या है? किसी को परमेश्वर में कैसे विश्वास करना चाहिए कि वह परमेश्वर से प्रशंसा प्राप्त कर सके?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यद्यपि बहुत से लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, किंतु बहुत कम लोग समझते हैं कि परमेश्वर पर विश्वास करने का अर्थ क्या है, और परमेश्वर के मन के अनुरूप बनने के लिये उन्हें क्या करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि यद्यपि लोग "परमेश्वर" शब्द और "परमेश्वर का कार्य" जैसे वाक्यांश से परिचित हैं, किंतु वे परमेश्वर को नहीं जानते हैं, और उससे भी कम वे उसके कार्य को जानते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि तब वे सभी जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं, वे दुविधायुक्त विश्वास रखते हैं।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...