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2018/11/29

2. क्या मसीह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र है या वह खुद ही परमेश्वर है?

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, परमेश्वर को जानना, अवतरण, मसीह

IX. मसीह स्वयं परमेश्वर की ही अभिव्यक्ति है, इस बारे में हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

2. क्या मसीह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र है या वह खुद ही परमेश्वर है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"फिलिप्पुस ने उससे कहा, 'हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे, यही हमारे लिये बहुत है।' यीशु ने उससे कहा, 'हे फिलिप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है। तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा? क्या तू विश्‍वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। मेरा विश्‍वास करो कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरा विश्‍वास करो'" (यूहन्ना 14:8-11)।
"मैं और पिता एक हैं" (यूहन्ना 10:30)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है, तथा मसीह परमेश्वर के आत्मा के द्वारा धारण किया गया देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है बल्कि आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण परमेश्वरत्व दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती है। उसकी सामान्य मानवता देह में उसकी समस्त सामान्य गतिविधियों को बनाए रखती है, जबकि दिव्यता स्वयं परमेश्वर के कार्य करती है।

2018/11/28

1. मसीह के दिव्य तत्व को कोई कैसे जान सकता है?

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, अवतरण, मसीह, सत्य

IX. मसीह स्वयं परमेश्वर की ही अभिव्यक्ति है, इस बारे में हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

1. मसीह के दिव्य तत्व को कोई कैसे जान सकता है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"यीशु ने उससे कहा, 'मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ' 'ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। मेरा विश्‍वास करो कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरा विश्‍वास करो'" (यूहन्ना 14:6, 10-11)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
ऐसी बात का अध्ययन करना कठिन नहीं है, परंतु हम में से प्रत्येक के लिए इस सत्य को जानने की अपेक्षा की जाती है: जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर का सार धारण करेगा, और जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर की अभिव्यक्ति धारण करेगा। चूँकि परमेश्वर देहधारी हुआ, वह उस कार्य को प्रकट करेगा जो उसे अवश्य करना चाहिए, और चूँकि परमेश्वर ने देह धारण किया, तो वह उसे अभिव्यक्त करेगा जो वह है, और मनुष्यों के लिए सत्य को लाने के समर्थ होगा, मनुष्यों को जीवन प्रदान करने, और मनुष्य को मार्ग दिखाने में सक्षम होगा।

2018/11/12

1. विभिन्न युगों में परमेश्वर को अलग-अलग नामों से क्यों बुलाया जाता है? परमेश्वर के नामों के महत्व क्या हैं?

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, अवतरण, यीशु का दूसरा आगमन, मसीह

IV. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों और उसके नामों के बीच रहे संबंध के विषय में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए

1. विभिन्न युगों में परमेश्वर को अलग-अलग नामों से क्यों बुलाया जाता है? परमेश्वर के नामों के महत्व क्या हैं?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
तुम्हें पता होना चाहिए कि मूल रूप से परमेश्वर का का कोई नाम नहीं था। उसने केवल एक, या दो या कई नाम धारण किए क्योंकि उसके पास करने के लिए काम था और उसे मानव जाति का प्रबंधन करना था। चाहे उसे किसी भी नाम से बुलाया जाए, क्या यह उसी के द्वारा स्वतंत्र रूप से चुना नहीं जाता है? क्या इसे तय करने के लिए उसे तुम्हारी, एक प्राणी की, आवश्यकता है?

2018/10/30

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, अवतरण, परमेश्वर को जानना, मसीह

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है" (युहन्ना 5:22)।
"वरन् उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, इसलिये कि वह मनुष्य का पुत्र है" (युहन्ना 5:27)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर की सम्पूर्ण प्रबंधकीय योजना के कार्य को व्यक्तिगत तौर पर स्वयं परमेश्वर के द्वारा किया गया है। प्रथम चरण-संसार की सृष्टि–को परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर किया गया था, और यदि इसे नहीं किया गया होता, तो कोई भी मानवजाति की सृष्टि करने में सक्षम नहीं होता; दूसरा चरण सम्पूर्ण मानवजाति का छुटकारा था, और इसे भी स्वयं परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर किया गया था; तीसरा चरण स्पष्ट है: परमेश्वर के सम्पूर्ण कार्य के अन्त को स्वयं परमेश्वर के द्वारा किये जाने की तो और भी अधिक आवश्यकता है।

2018/10/28

2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, अवतरण, यीशु का दूसरा आगमन, मसीह

2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?


2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।" (युहन्ना 1:14)।
"मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ" (युहन्ना 14:6)।
"यीशु ने उससे कहा, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है। तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा? तू विश्‍वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। मेरा विश्‍वास करो कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरा विश्‍वास करो" (युहन्ना 14:9-11)।
"मैं और पिता एक हैं" (युहन्ना 10:30)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
देहधारण का अर्थ यह है कि परमेश्वर देह में प्रकट होता है, और वह अपनी सृष्टि के मनुष्यों के मध्य देह की छवि में कार्य करने आता है। इसलिए, परमेश्वर को देहधारी होने के लिए, उसे सबसे पहले देह, सामान्य मानवता वाली देह अवश्य होना चाहिए; यह, कम से कम, सत्य अवश्य होना चाहिए।

2018/10/27

1. प्रभु यीशु ने स्वयं भविष्यवाणी की थी कि परमेश्वर आखिरी दिनों में देहधारण करेगा और कार्य करने के लिए मनुष्य के पुत्र के रूप में प्रकट होगा।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, अवतरण, मसीह, यीशु का दूसरा आगमन

1. प्रभु यीशु ने स्वयं भविष्यवाणी की थी कि परमेश्वर आखिरी दिनों में देहधारण करेगा और कार्य करने के लिए मनुष्य के पुत्र के रूप में प्रकट होगा।



संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा" (लूका 12:40)।
"क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से कौंध कर आकाश के दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ" (लूका 17:24-25)।
"आधी रात को धूम मची: 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो" (मत्ती 25:6)।
"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)।
"देख, मैं चोर के समान आता हूँ; धन्य वह है जो जागता रहता है, और अपने वस्त्र की चौकसी करता है कि नंगा न फिरे, और लोग उसका नंगापन न देखें" (प्रकाशितवाक्य 16:15)।
"तब मैं ने उसे, उस शब्द को जो मुझ से बोल रहा था, देखने के लिये अपना मुँह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश एक पुरुष को देखा, जो पाँवों तक का वस्त्र पहिने, और छाती पर सोने का पटुका बाँधे हुए था। उसके सिर और बाल श्‍वेत ऊन वरन् पाले के समान उज्ज्वल थे, और उसकी आँखें आग की ज्वाला के समान थीं। उसके पाँव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्ठी में तपाया गया हो, और उसका शब्द बहुत जल के शब्द के समान था। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिये हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी। उसका मुँह ऐसा प्रज्‍वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है" (प्रकाशितवाक्य 1:12-16)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यीशु ने कहा था कि वह उसी तरह से आएगा जैसे वह गया था, किन्तु क्या उसके वचनों के सही अर्थ को जानते हो? क्या वह वास्तव में तुमसे कह सका होगा? तुम केवल यही जानते हो कि वह बादल पर उसी तरह से आएगा जैसे वह गया था, किन्तु क्या तुम ठीक-ठीक जानते हो कि परमेश्वर स्वयं अपना कार्य कैसे करता है? यदि तुम वास्तव में देखने में सक्षम होते,तब यीशु के वचनों को कैसे समझाया जाता?

2018/10/25

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, अवतरण, मसीह, सत्य

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए



3. देह-धारी परमेश्वर के कार्य और आत्मा के कार्य के बीच क्या अंतर है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"मूसा ने कहा, "मुझे अपना तेज दिखा दे। उसने कहा, … तू मेरे मुख का दर्शन नहीं कर सकता; क्योंकि मनुष्य मेरे मुख का दर्शन करके जीवित नहीं रह सकता" (निर्गमन 33:18-20).
"और यहोवा सीनै पर्वत की चोटी पर उतरा; और मूसा को पर्वत की चोटी पर बुलाया, और मूसा ऊपर चढ़ गया। तब यहोवा ने मूसा से कहा, "नीचे उतर के लोगों को चेतावनी दे, कहीं ऐसा न हो कि वे बाड़ा तोड़ के यहोवा के पास देखने को घुसें, और उनमें से बहुत से नष्‍ट हो जाएँ" (निर्गमन 19:20-21)।
"सब लोग गर्जन और बिजली और नरसिंगे के शब्द सुनते, और धूआँ उठते हुए पर्वत को देखते रहे, और देख के, काँपकर दूर खड़े हो गए; 19और वे मूसा से कहने लगे, "तू ही हम से बातें कर, तब तो हम सुन सकेंगे; परन्तु परमेश्‍वर हम से बातें न करे, ऐसा न हो कि हम मर जाएँ" (निर्गमन 20:18-19)।
"तब यह आकाशवाणी हुई, मैं ने उसकी महिमा की है, और फिर भी करूँगा।" तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे उन्होंने कहा कि बादल गरजा। दूसरों ने कहा, "कोई स्वर्गदूत उससे बोला" (युहन्ना 12:28-29)।

2018/10/24

उन्तीसवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, अवतरण, यीशु का दूसरा आगमन, मसीह

उन्तीसवाँ कथन


जिस दिन सभी चीज़ें पुनर्जीवित हुईं थीं, मैं मनुष्यों के बीच आया, और मैंने उसके साथ अद्भुत दिन और रात बिताये हैं। केवल इस अवसर पर ही मनुष्य मेरी सुलभता को थोड़ा सा समझता है, और जैसे-जैसे मेरे साथ उसकी अंतःक्रिया बार-बार होने लगती है, तो वह जो मेरे पास है और जो मैं हूँ उसमें से थोड़ा सा देखता है—और परिणामस्वरूप, उसे मेरे बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त हो जाता है। सभी लोगों के बीच, मैं अपना सिर उठाता हूँ और देखता हूँ, और वे सभी मुझे देखते हैं।

2018/10/23

छब्बीसवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, यीशु का दूसरा आगमन, अवतरण, मसीह

छब्बीसवाँ कथन


मेरे घर में कौन रहा है? कौन मेरे लिए खड़ा हुआ है? किसने मेरे बदले दुःख उठाया है? किसने मेरे सामने अपने वचन की प्रतिज्ञा ली है? किसने वर्तमान तक मेरा अनुसरण किया है और अभी तक विरक्त नहीं हुआ है? सभी मनुष्य भावना रहित और संवेदनाशून्य क्यों हैं? मानवजाति ने मेरा परित्याग क्यों कर दिया है? मानवता मुझ से क्यों ऊब गई है? मानवीय संसार में कोई उत्साह क्यों नहीं है? जबकि सिय्योन में, मैंने उस उत्साह का स्वाद चखा है जो स्वर्ग में है, और जबकि सिय्योन में मैंने उन आशीषों का आनन्द उठाया है जो स्वर्ग में हैं।

2018/10/16

दसवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, मसीह, सत्य, वचन

दसवाँ कथन


आखिरकार, राज्य का युग बीते हुए समयों से अलग है। मनुष्य जो कुछ करता है यह उससे संबंधित नहीं है। उसके बजाए, पृथ्वी पर उतरने के बाद मैं व्यक्तिगत रूप से अपना कार्य करता हूँ-वह कार्य जिसका मनुष्य न तो अनुमान लगा सकते हैं और जिसे न ही पूरा कर सकते हैं। संसार की सृष्टि से लेकर आज तक, इन सारे वर्षों में यह हमेशा कलीसिया के निर्माण के विषय में था, किन्तु कोई भी राज्य के निर्माण के बारे में नहीं सुनता है।

2018/10/15

नौवाँ कथन

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन, परमेश्वर ने कहा, मसीह, सत्य

नौवाँ कथन


चूँकि तुम मेरे घराने के एक सदस्य हो, और चूँकि तुम मेरे राज्य में निष्ठावान हो, इसलिए तुम जो कुछ भी करते हो उसे उन मानकों को पूरा करना चाहिए जिसकी मैं अपेक्षा करता हूँ। मैं यह नहीं कहता हूँ कि तुम घुमक्कड़ बादल से ज्यादा और कुछ नहीं बनो, बल्कि तुम चमचमाती हुई बर्फ के समान बनो, और उसके सार को और उस से भी बढ़कर उसके मूल्य को धारण करो।

2018/09/01

पच्चीसवाँ कथन

परमेश्वर.मसीह, यीशु, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन

                सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन—पच्चीसवाँ कथन

समय गुज़रा, और पलक झपकते ही आज का दिन आ गया है। मेरे आत्मा के मार्गदर्शन में, सभी लोग मेरे प्रकाश के बीच में रहते हैं, और कोई भी अतीत के बारे में अब और नहीं सोचता है या बीते कल पर अब और ध्यान नहीं देता है। कौन वर्तमान दिन में कभी नहीं रहा है? किसने राज्य में खुबसूरत दिनों और महिनों को नहीं बिताया है? कौन सूर्य के नीचे नहीं रहा है? यद्यपि, राज्य लोगों के बीच उतर चुका है, फिर भी किसी ने भी वास्तव में उसकी गर्मी को महसूस नहीं किया है; मनुष्य इसके सार को नहीं समझते हुए इसे केवल बाहरी तौर पर ही समझता है। जब मेरा राज्य आकार लेता है उस दौरान, कौन उसकी वजह से खुश नहीं होता है?

2018/08/30

मार्ग... (5)

          सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन—मार्ग... (5)
ऐसा हुआ करता था कि कोई भी पवित्र आत्मा को नहीं जानता था, और विशेष रूप से उन्हें नहीं पता होता था कि पवित्र आत्मा का मार्ग क्या है। यही कारण है कि लोग हमेशा परमेश्वर के सामने स्वयं मूर्ख बन जाते थे। यह कहा जा सकता है कि लगभग सभी लोग जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, पवित्रात्मा को नहीं जानते हैं, बल्कि केवल एक भ्रमित प्रकार का विश्वास करते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि लोग परमेश्वर को नहीं समझते हैं, और भले ही वे कहते हों कि वे उस पर विश्वास करते हो, इसके सार के संदर्भ में, अपनी क्रियाओं के आधार पर वे स्वयं पर विश्वास करते हैं, परमेश्वर पर नहीं। अपने व्यक्तिगत वास्तविक अनुभव से, मैं देख सकता हूँ कि परमेश्वर देहधारी परमेश्वर की गवाही देता है, और बाहर से, सभी लोगों को उसकी गवाही को स्वीकार करने के लिए बाध्य किया जाता है, और यह केवल इतना ही कहा जा सकता है कि उनका मानना ​​है कि परमेश्वर का आत्मा पूरी तरह से त्रुटिहीन है।

2018/08/24

सोलहवाँ कथन

यीशु, परमेश्वर, मसीह, विश्वास, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन—सोलहवाँ कथन
ऐसा बहुत कुछ है जो मैं मनुष्य से कहना चाहता हूँ, बहुत सी चीजें हैं जो मुझे उसे अवश्य बतानी चाहिए। परन्तु मनुष्य में स्वीकृति की योग्यताओं का अत्यधिक अभाव हैः मेरे वचनों को, जिस अनुसार मैं प्रदान करता हूँ, उस अनुसार समझने में पूरी तरह से अक्षम है, और केवल एक ही पहलू को वह समझता है किन्तु दूसरे के प्रति अनभिज्ञ रहता है। फिर भी, मैं मनुष्य को उसकी शक्तिहीनता की वजह से मृत्यु नहीं देता हूँ, न ही मैं उसकी कमज़ोरी से व्यथित हूँ।

2018/08/21

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है

जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है।

2018/08/19

केवल वही जो परमेश्वर को जानते हैं, उसकी गवाही दे सकते हैं

परमेश्वर, मसीह, यीशु, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन—केवल वही जो परमेश्वर को जानते हैं, उसकी गवाही दे सकते हैं
यह स्वर्ग का नियम और पृथ्वी का सिद्धांत है कि परमेश्वर पर विश्वास किया जाए और उसको जाना जाए, और आज - इस युग के दौरान जब देहधारी परमेश्वर स्वयं अपना कार्य करता है - यह परमेश्वर को जानने के लिए विशेष अच्छा समय है। परमेश्वर को संतुष्ट करना उसकी इच्छा को समझने पर आधारित है, और परमेश्वर की इच्छा को जानने के लिए, परमेश्वर को अच्छी तरह से जानना आवश्यक है। परमेश्वर की यह जानकारी एक दर्शन है जो एक विश्वासी के पास होना चाहिए; यह परमेश्वर में मनुष्य के विश्वास का आधार है। यदि मनुष्य में यह ज्ञान न हो तो परमेश्वर पर उसका विश्वास अस्पष्ट होता है, और खोखले सिद्धांत में होता है।

2018/08/17

Love God Without Regrets | Hindi Christian Music Video "मुश्किल डगर पर परमेश्वर का अनुसरण करो"

Love God Without Regrets | Hindi Christian Music Video "मुश्किल डगर पर परमेश्वर का अनुसरण करो"

तुम खुद को ईश्वर के लिए व्यय करते हो, मैं खुद को उसे समर्पित करता हूँ, छोड़ा गया परिवार के द्वारा, संसार द्वारा बदनाम किया गया। ईश्वर के अनुसरण की राह बिल्कुल भी नहीं आसान। मैं अपना दिल और आत्मा लगाता हूँ ईश्वर के राज्य को बढ़ाने में। मैं विदा करता हूँ अपने जवानी के श्रेष्ठ सालों को। आने वाले सुख-दुख का मैं स्वागत करता हूँ। ईश्वर की अपेक्षाओं को संतुष्ट करने को, मैं उसकी व्यवस्था का पालन करता हूँ।

2018/08/15

Hindi Best Christian Movie | "मेरे काम में दखल मत दीजिए" | The Spiritual Awakening of Christians

Hindi Best Christian Movie | "मेरे काम में दखल मत दीजिए" | The Spiritual Awakening of Christians


ली छींगशिंग चीन की एक गृह कलीसिया में प्रचारक हैं, और अनेक वर्षों से प्रभु में आस्थावान रही हैं। वे हमेशा उत्साह के साथ सुसमाचार के प्रचार का प्रभु का कार्य करती हैं, वे चौकस होकर प्रभु के आने का इंतज़ार कर रही हैं ताकि वे स्वर्ग के राज्य में लायी जा सकें। हाल के वर्षों में, ली छींगशिंग ने देखा है कि विभिन्न
मसीहपंथ और कलीसिया पहले से कहीं अधिक वीरान होते जा रहे हैं। परंतु चमकती पूर्वी बिजली, चीन की कम्युनिस्ट सरकार और धार्मिक वर्गों द्वारा ज़बरदस्त निंदा और अत्याचार के बावजूद और ज़्यादा जोशपूर्ण हो गयी है। अलग-अलग सम्प्रदायों और पंथों की ज़्यादा-से-ज्यादा अच्छी भेड़ों और प्रधान भेड़ों ने चमकती पूर्वी बिजली को स्वीकार कर लिया है। इससे ली छींगशिंग का ध्यान थोड़ा आत्मचिंतन की ओर जाता है।

2018/08/14

मसीह न्याय का कार्य सत्य के साथ करता है

परमेश्वर, मसीह, यीशु, सत्य, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन

मसीह न्याय का कार्य सत्य के साथ करता है


अंत के दिनों का कार्य, सभी को उनके स्वभाव के आधार पर पृथक करना, परमेश्वर की प्रबंधन योजना का समापन करना है, क्योंकि समय निकट है और परमेश्वर का दिन आ गया है। परमेश्वर उन सभी को जिन्होंने उसके राज्य में प्रवेश कर लिया है अर्थात्, वे सभी लोग जो अंत तक उसके वफादार रहे हैं, स्वयं परमेश्वर के युग में ले जाता है। हालाँकि, जब तक स्वयं परमेश्वर का युग नहीं आ जाता है तब तक परमेश्वर जो कार्य करेगा वह मनुष्य के कर्मों को देखना या मनुष्य जीवन के बारे में पूछताछ करना नहीं, बल्कि उनके विद्रोह का न्याय करना है, क्योंकि परमेश्वर उन सभी को शुद्ध करेगा जो उसके सिंहासन के सामने आते हैं।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...