परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
क्या अब तुम समझ गए कि न्याय क्या है और सत्य क्या है? यदि तुम अब समझ गए हो, तो मैं तुम्हें न्याय के प्रति समर्पित होने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, अन्यथा तुम्हें कभी भी परमेश्वर की प्रशंसा पाने का या परमेश्वर द्वारा उसके राज्य में ले जाए जाने का अवसर नहीं मिलेगा। जो केवल न्याय को ग्रहण करते हैं परन्तु कभी भी शुद्ध नहीं हो सकते हैं, अर्थात्, जो न्याय के कार्य के मध्य ही भाग जाते हैं, वे हमेशा के लिए परमेश्वर द्वारा नफ़रत किए और अस्वीकार कर दिए जाएँगे।