- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- तुलना से परे है राज्य के राजा की महिमामय मुखाकृति
- I
- नई शुरूआत की है परमेश्वर ने धरती पर,
- गौरवान्वित हुआ है वो धरती पर।
- आख़िरी ख़ूबसूरत नज़ारे की वजह से,
- व्यक्त करता है परमेश्वर अपने दिल का जुनून।
- उसके दिल की लय का अनुसरण करके,
- नाचते हैं जल-स्रोत, कूदते हैं पर्वत,
- चट्टानों से टकराती हैं लहरें।
- परमेश्वर के लिये मुश्किल है ज़ाहिर करना अपने दिल को।
- जो योजना बनाई परमेश्वर ने, परमेश्वर ने,
- उसने पूरा किया है उसी को, उसी को,
- और इसे पूर्व-निर्धारित किया था परमेश्वर ने।
घर
- घर
- वचन देह में प्रकट होता है
- परमेश्वर के वचन के पाठ
- सुसमाचार फिल्में
- सुसमाचार मूवी ट्रेलर
- सुसमाचार गायक मंडली
- गायक-मंडली के गीत
- राज्य एमवी सीरीज
- नृत्य और गाने के वीडियो
- परमेश्वर के वचन के भजन
- स्तुति गीत का वीडियो
- ए कैप्पेला संगीत वीडियो श्रृंखला
- गायक-मंडली से विशेष वीडियो क्लिप
- फीचर्ड मूवी चयन
- परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य
- सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन
सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीजों को बनाया है
विजयी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
विजयी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
2019/06/21
तुलना से परे है राज्य के राजा की महिमामय मुखाकृति
2019/06/20
सम्राट की तरह शासन करता है सर्वशक्तिमान परमेश्वर
- परमेश्वर के वचनों का एक भजन
- सम्राट की तरह शासन करता है सर्वशक्तिमान परमेश्वर
- I
- कितना सुंदर! उसके कदम हैं ज़ैतून के पर्वत पर।
- सुनो, मिलकर गाते ऊँचे सुर में हम पहरेदार,
- लौट आया सिय्योन में परमेश्वर।
- देख चुके हम यरूशलेम का सूनापन!
- मिलकर गाएँ, गाएँ ख़ुशी से हम अब,
- परमेश्वर ने हमें आराम दिया और यरूशलेम का उद्धार किया।
- दिखलाता पवित्र भुजा अपनी परमेश्वर सकल देशों के सम्मुख,
- सच में जैसा है वैसा दिखता परमेश्वर।
- देखते परमेश्वर द्वारा उद्धार लोग सारे धरती पर।
2019/04/27
2019 Best Hindi Christian Song | स्वभाव में बदलाव पवित्र आत्मा के काम से अलग नहीं हो सकता
2019 Best Hindi Christian Song | स्वभाव में बदलाव पवित्र आत्मा के काम से अलग नहीं हो सकता
"परमेश्वर का हुक्म आदम के लिये" - बाइबल की तस्वीर ये,
मार्मिक भी है, दिल को भी छूती है।
हालाँकि सिर्फ परमेश्वर और इंसान हैं तस्वीर में,
मगर कितना अंतरंग रिश्ता है दोनों में,
हैरानी भी होती है हमें, अनुराग भी जागता है दिल में।
2019/01/14
मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना
मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना
मनुष्य आज के कार्य एवं भविष्य के कार्य के विषय में थोड़ा बहुत ही जानता है, परन्तु वह उस मंज़िल को नहीं समझता जिसमें मानवजाति प्रवेश करेगी। एक प्राणी होने के नाते, मनुष्य को एक प्राणी के कर्तव्य को निभाना चाहिएः जो कुछ परमेश्वर करता है उसमें उसे उसका अनुसरण करना चाहिए, और जो भी तरीका मैं आप लोगों को बताता हूँ उसमें आप सब को आगे बढ़ना चाहिए। आपके पास स्वयं के लिए इंतज़ाम करने का कोई तरीका नहीं है, और आप स्वयं का नियन्त्रण करने में असमर्थ हैं; सब कुछ परमेश्वर की दया पर छोड़ दिया जाना चाहिए, और हर एक चीज़ उसके हाथों के द्वारा नियन्त्रित होती है।
2018/11/20
2. बचाए जाने और उद्धार के बीच सारभूत अंतर क्या है?
VI. अनुग्रह के युग में बचाए जाने और राज्य के युग में उद्धार पाने के बीच रहे अंतर की सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए
2. बचाए जाने और उद्धार के बीच सारभूत अंतर क्या है?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है" (मत्ती 7:21)।
"इसलिये तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ" (लैयव्यवस्था 11:45)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यद्यपि यीशु ने मनुष्यों के बीच अधिक कार्य किया है, उसने केवल समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य को पूरा किया और वह मनुष्य की पाप-बलि बना, मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से छुटकारा नहीं दिलाया। शैतान के प्रभाव से मनुष्य को पूरी तरह बचाने के लिये यीशु को न केवल पाप-बलि के रूप में मनुष्यों के पापों को लेना आवश्यक था, बल्कि मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से पूरी तरह मुक्त करने के लिए परमेश्वर को और भी बड़े कार्य करने की आवश्यकता थी जिसे शैतान द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया था।
2018/11/10
4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, देखा जा सकता है।
III. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से सम्बंधित सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए
4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, देखा जा सकता है।
(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"तू ने मेरे धीरज के वचन को थामा है, इसलिये मैं भी तुझे परीक्षा के उस समय बचा रखूँगा जो पृथ्वी पर रहनेवालों के परखने के लिये सारे संसार पर आनेवाला है। मैं शीघ्र ही आनेवाला हूँ; जो कुछ तेरे पास है उसे थामे रह कि कोई तेरा मुकुट छीन न ले। जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्वर का नाम और अपने परमेश्वर के नगर अर्थात् नये यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर के पास से स्वर्ग पर से उतरनेवाला है, और अपना नया नाम उस पर लिखूँगा" (प्रकाशितवाक्य 3:10-12)।
"ये वे हैं जो स्त्रियों के साथ अशुद्ध नहीं हुए, पर कुँवारे हैं; ये वे ही हैं कि जहाँ कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं; ये तो परमेश्वर के निमित्त पहले फल होने के लिये मनुष्यों में से मोल लिए गए हैं। उनके मुँह से कभी झूठ न निकला था, वे निर्दोष हैं" (प्रकाशितवाक्य 14:4-5)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
अंत के दिनों का कार्य, सभी को उनके स्वभाव के आधार पर पृथक करना, परमेश्वर की प्रबंधन योजना का समापन करना है, क्योंकि समय निकट है और परमेश्वर का दिन आ गया है। परमेश्वर उन सभी को जिन्होंने उसके राज्य में प्रवेश कर लिया है अर्थात्, वे सभी लोग जो अंत तक उसके वफादार रहे हैं, स्वयं परमेश्वर के युग में ले जाता है।
2018/10/02
विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (4)
विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (4)
सिद्ध बनाए जाने का क्या अर्थ है? जीत लिए जाने का क्या अर्थ है? जीत लिए जाने के लिए एक व्यक्ति को किन मानदण्डों पर खरा उतरना अनिवार्य है? सिद्ध बनाए जाने के लिए एक व्यक्ति को किन मानदण्डों पर खरा उतरना अनिवार्य है? जीत लिया जाना और सिद्ध किया जाना दोनों मनुष्य में कार्य किए जाने के लिए हैं ताकि वह अपनी वास्तविक समानता में लौट सके और अपने भ्रष्ट शैतानी स्वभाव और शैतान के प्रभाव से स्वतन्त्र हो जाए।
2018/10/01
विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (3)
विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (3)
विजयी कार्य द्वारा मुख्य रूप से यह परिणाम हासिल करने का प्रयास किया जाता है कि मनुष्य की देह को विद्रोह से रोका जाए, अर्थात मनुष्य का मस्तिष्क परमेश्वर की नई समझ हासिल करे, उसका दिल पूरी तरह से परमेश्वर की आज्ञा का पालन करे, और वह परमेश्वर का होने के लिए संकल्प करे। किसी व्यक्ति के स्वभाव या देह कैसे परिवर्तित होते हैं, वह यह निर्धारित नहीं करता कि उस पर विजय प्राप्त की गई है या नहीं।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...
-
जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए क...
-
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन— केवल वही जो परमेश्वर को जानते हैं, उसकी गवाही दे सकते हैं यह स्वर्ग का नियम और पृथ्वी का सिद्धांत है कि...
-
Hindi Gospel Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | ये है मानव-जाति जिसे प्रभु बचाना चाहते हैं मानव-जाति कुचला गया, कुचला गया शैतान के...