Hindi Gospel Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | ईश्वर का संरक्षण सदा मानवजाति के लिए है
देखते हैं ईश्वर अपनी सृष्टि, हैं देखते, दिन-प्रतिदिन, निहारते।
विनय से छिप कर वे, मानव-जीवन परखते, इंसाँ के हर काम देखते।
कौन हैं जो सच में प्रभु को समर्पित हुए?
किसी ने किया कभी सच्चाई की साधना?
किसने माना प्रभु को ह्रदय से, वादे निभाए और,
कर्तव्य पूरे किये?
किसने बसाया प्रभु को कभी अपने ह्रदय में?
किसने प्रभु को अपने प्राणों सा प्यारा माना?
किसने देखा उनके दिव्य पूर्ण रूप को,
और ईश्वर को छूना चाहा?
Hindi Gospel Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | है मसीह अंतिम दिनों के नित्य जीवन लेके आये
परमेश्वर ख़ुद जीवन और सच्चाई है, उनका जीवन और सच एक-दूजे से अलग नहीं।
जिसने उनका सच ना पाया, जीवन ना पाया।
बिन उनकी रहनुमाई के, बिन उनकी सच्चाई के,
बस ख़त है, मत है और मानव के पास उसकी मौत है।
प्रभु का जीवन और सच्चाई गुंथे हुए हैं, मौजूद सदा।
नहीं मिलेगा जीवन-पोषण, गर सच का आधार तुम्हें मालूम नहीं।
अंत समय के वो मसीह जीवन लाये, जो सदा रहे वो सच लाये।
जीवन पाना गर इंसां को, जीवन पाना गर इंसां को, सच के पथ पर चलना होगा।
इसी राह पर प्रभु मिलेंगे और मिले अनुमोदन उनका।
गर भूल गये जीवन-पथ को, जो अंत समय लाये मसीह
तो समझो तुमने त्याग दिया, यीशु का वो अनुमोदन भी
और दूर कर लिया तुमने ख़ुद को जन्नत से।
बन बैठे तारीख़ों के कैदी और कठपुलती तुम।
Hindi Gospel Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | जो नये काम को स्वीकारते हैं वो धन्य हैं
धन्य हैं वो सभी जो, हैं सक्षम आज्ञा पालन में
उस पवित्र आत्मा के, वास्तविक कथनों की।
फर्क नहीं पड़ता वो कैसे थे, कैसे पवित्र आत्मा,
कैसे पवित्र आत्मा, उनमें काम किया करती थी,
जिन्हों ने पा लिए नव अवसर, सबसे अधिक धन्य हैं वो।
नव अवसर पालन में, जो नाकाम हो जाएं वो तो लुप्त हो जायेंगे।
प्र भु उन्हें ही चाहतें हैं, नयी रोशनी को जो माने,
और उनके नए काम को जो, स्वीकारें और जानें।
क्यूँ होना है तुम्हें, एक पवित्र कुंवारी?
क्यूँ की वो ही है जो ढूंढ़ सके, कार्य पवित्र आत्मा के,
नयी चीज़ों को अपनाकर, वो त्याग सकती है पुराने विचार,
आज है सक्षम चलने में वो, प्रभु के आज्ञानुसार।
ये लोग जो स्वीकारते हैं, नव अवसरों को आज के,
जिन्हें नियुक्त किये प्रभुने दुनिया के आगे, वो सबसे ज़्यादा धन्य हैं।
तुम सुनते वाणी प्रभु की, निहारते उनकी मौजूदगी,
तो, हर काल-खंड और पीढ़ियों में, इस धरती अम्बर में,
कोई इतना धन्य है नहीं, जितने तुम हो, तुम सब हो।
“वचन देह में प्रकट हुआ” से
Hindi Gospel Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | ये है मानव-जाति जिसे प्रभु बचाना चाहते हैं
मानव-जाति कुचला गया,
कुचला गया शैतान के नीचे.
आदम और हव्वा अब ना रहे सृष्टि के प्रारंभ से.
ज्ञान से वो हैं भरे, कल्पना से और भावों से,
और उन सबसे जो है प्रभु के खिलाफ,
और भरा है उनमें भ्रष्ट आचरण,
लेकिन प्रभु की नज़रों में,
मानव जाति उनकी ही रचना है
प्रभु की नज़रों में, मानव जाति है वही,
है वही, उनकी जो रचना थी
अब भी मानव प्रभु के वश में है,
और उन्हीं की संचालन में,
मानव अब भी रहता, प्रभु की दर्शायी राहों में,
तो प्रभु की नज़रों में,
भ्रष्ट हो गया है इंसान,
शैतानों के हाथों,
वो धुल में सना और भूख से वो है बेहाल,
उसकी प्रतिक्रिया है मंद, मंद है उसकी स्मृति,
और आयु में भी है वो बड़े,
और उसकी क्रियाएं, और प्रतिक्रियाएं, रह गयी बिलकुल अनछुई.
इसी मानव की वो रक्षा करेंगे.
इसी मानवता की रक्षा करेंगे.
यही मानव, जब सुन लेगा पुकार,
जब सुन लेगा पुकार रचयिता की,
जब सुनेगा उनके स्वर,
वह उठकर होगा खड़ा
और खिंचा चला जायेगा स्वर की ओर.
जब यही मानव,
यही मानव जब, देखेगा रचयिता का यह रूप,
अर्पित कर देगा,
और प्राण भी उनको, अर्पित कर देगा खुद को.
यही मानव, जब सुन लेगा पुकार,
जब सुन लेगा पुकार रचयिता का,
और सुनेगा उनका__स्वर,
वह उठकर होगा खड़ा
और खिंचा चला जायेगा स्वर की ओर.
जब यही मानव,
यही मानव जब, देख लेगा रचयिता का रूप,
सब त्याग प्रभु के चरणों में अर्पित__ देगा कर,
और प्राण भी उनको कर देगा अर्पित.
और प्राण भी, प्राण भी उनको कर देगा अर्पित.
मानव का ह्रदय जब, समझेगा,
समझेगा प्रभु के मार्मिक शब्द,
तब वह त्याग कर दूर ही शैतान,
साथ देगा वह फिर से प्रभु का.
जब वह हो जायेगा फिर से निर्मल,
निर्मल और कुंठा विहीन,
तब फिर पायेगा, वह भरपाई, और रचयिता का पोषण और आशीष,
उसकी स्मृति भी लौट आएगी,
तब सचमुच में, वह लौट आएगा,
रचयिता के साम्राज्य में,
और फिर सच में वह, वह लौट आएगा
रचयिता के साम्राज्य में,
“वचन देह में प्रकट हुआ” से
Hindi Christian Song | परमेश्वर के वचनों का एक भजन | मानव जाति पर परमेश्वर की करुणा
"दया" को..... कई तरीकों से समझ सकते है
इसका मतलब तो प्यार, सुरक्षा और देखभाल है
"दया"... का मतलब प्रभु से लगाव है
लेकिन ज्यादा स्नेह किसी के नुकसान के लिए नहीं है
जो उसके प्यार और कोमलता का छाया मात्र है
और इस भावना को हम कभी भी खोना नहीं चाहेंगे
यह परमेश्वरका रहम और सहनशीलता है इंसानों पर
जबकि परमेश्वर ने सभी के लिए एक ही शब्द का प्रयोग किया
लेकिन इसमें उनके दिल की आवाज़ और नज़रिया है हमारे लिए
जब परमेश्वर बोले तो सब कुछ प्रकाशित हुआ
नीनवह की सड़के भी, सदोम की तरह,
भ्रष्ट, बुरी और हिंसक थी
लेकिन वो पछताए तो भगवान का दिल बदल गया
और उनका विनाश भी माफ़ हुआ
परमेश्वरके शब्द और शिक्षा के लिए
उनका रवैया सदोम के लोगों से अलग था
उनका समर्पण भगवान के लिए पूरा था
और अपने पापों के लिए पश्चाताप भी सच्चा था
वो हर तरीके से मेहनती और ईमानदार थे
तो परमेश्वर ने एक बार फिर करुणा दिखाई और उन पर कृपा की।
“वचन देह में प्रकट हुआ” से अनुशंसित: परमेश्वर के भजन- नये युग में स्तुति - प्रभु की वापसी का स्वागत करें
Hindi Christian Song | ईश्वर का प्रेम मानव के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है | The Meticulous Love of God
"परमेश्वर का हुक्म आदम के लिये" - बाइबल की तस्वीर ये,
मार्मिक भी है, दिल को भी छूती है।
हालाँकि सिर्फ परमेश्वर और इंसान हैं तस्वीर में,
मगर कितना अंतरंग रिश्ता है दोनों में,
हैरानी भी होती है हमें, अनुराग भी जागता है दिल में।
Hindi Worship Song | परमेश्वर बहाल कर देगा सृजन की पूर्व स्थिति | God's Kingdom Has Come on Earth
अपने गहरे होते वचन के साथ, परमेश्वर की नज़र है कायनात पर।
हर सृजन बनता है नया, परमेश्वर के वचनों की बुनियाद पर।
स्वर्ग बदल रहा है, धरती बदल रही है,
इंसान अपनी असलियत दिखा रहा है।
धरती बनाई जब परमेश्वर ने,
तो तराशी हर चीज़ उसके स्वभाव के अनुरूप।
मनुष्य का अपना कर्तव्य निभाना, वास्तव में, उस सबका निष्पादन है जो मनुष्य के भीतर अन्तर्निहित है, अर्थात्, जो मनुष्य के लिए संभव है, उसका निष्पादन है। यह इसके बाद ही है कि उसका कर्तव्य पूरा होता है। मनुष्य की सेवा के दौरान मनुष्य के दोष उसके प्रगतिशील अनुभवों और न्याय के अनुभव की उसकी प्रक्रिया के माध्यम से धीरे-धीरे कम होते जाते हैं; वे मनुष्य के कर्तव्य में बाधा हैं या प्रभाव नहीं डालते हैं। … मनुष्य के कर्तव्य और क्या वह धन्य या श्रापित है के बीच कोई सह-सम्बन्ध नहीं है। कर्तव्य वह है जो मनुष्य को पूरा करना चाहिए; यह उसका आवश्यक कर्तव्य है और प्रतिफल, परिस्थितियों या कारणों पर निर्भर नहीं होना चाहिए।
मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना
मनुष्य आज के कार्य एवं भविष्य के कार्य के विषय में थोड़ा बहुत ही जानता है, परन्तु वह उस मंज़िल को नहीं समझता जिसमें मानवजाति प्रवेश करेगी। एक प्राणी होने के नाते, मनुष्य को एक प्राणी के कर्तव्य को निभाना चाहिएः जो कुछ परमेश्वर करता है उसमें उसे उसका अनुसरण करना चाहिए, और जो भी तरीका मैं आप लोगों को बताता हूँ उसमें आप सब को आगे बढ़ना चाहिए। आपके पास स्वयं के लिए इंतज़ाम करने का कोई तरीका नहीं है, और आप स्वयं का नियन्त्रण करने में असमर्थ हैं; सब कुछ परमेश्वर की दया पर छोड़ दिया जाना चाहिए, और हर एक चीज़ उसके हाथों के द्वारा नियन्त्रित होती है।
जब उसे परमेश्वर के द्वारा ताड़ना दिया जा रहा था, पतरस ने प्रार्थना की, "हे परमेश्वर! मेरी देह अनाज्ञाकारी है, और तू मुझे ताड़ना देता है और मेरा न्याय करता है। मैं तेरी ताड़ना और न्याय में आनन्दित होता हूँ, और भले ही तू मुझे न चाहें, फिर भी मैं तेरे न्याय में तेरे पवित्र और धर्मी स्वभाव को देखता हूँ। जब तू मेरा न्याय करता है, ताकि अन्य लोग तेरे न्याय में तेरे धर्मी स्वभाव को देख सकें, तो मैं संतुष्टि का एहसास करता हूँ। भले ही यह तेरे स्वभाव को प्रकट कर सकता है, और सभी प्राणियों के द्वारा तेरे धर्मी स्वभाव को देखने देता है, और यदि यह मेरे प्रेम को तेरे प्रति अधिक शुद्ध कर सकता है, ताकि मैं उसके स्वरूप को प्राप्त कर सकूँ जो धर्मी है, तो तेरा न्याय अच्छा है, क्योंकि तेरी अनुग्रहकारी इच्छा ऐसी ही है।