2019/07/09

वही देख पाएँगे परमेश्वर को जिनमें सत्य को खोजने की तड़प है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • वही देख पाएँगे परमेश्वर को जिनमें सत्य को खोजने की तड़प है
  • I
  • नया कार्य किया है परमेश्वर ने; हो सकता है स्वीकार न करो तुम।
  • परमेश्वर का मशवरा है, अपनी स्वाभविकता न दिखलाओ तुम,
  • शायद अजीब लगे तुम्हें।
  • सत्य की खोज में हासिल कुछ नहीं होता,
  • कहा-सुनी से, तकरार से।
  • परिणाम हासिल हो सकता है सिर्फ़ खोजने पर शांति से।

2019/07/04

अध्याय 8 विभिन्न प्रकार के लोगों और मनुष्य को की गई परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अंत।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
क्या अब तुम समझ गए कि न्याय क्या है और सत्य क्या है? यदि तुम अब समझ गए हो, तो मैं तुम्हें न्याय के प्रति समर्पित होने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, अन्यथा तुम्हें कभी भी परमेश्वर की प्रशंसा पाने का या परमेश्वर द्वारा उसके राज्य में ले जाए जाने का अवसर नहीं मिलेगा। जो केवल न्याय को ग्रहण करते हैं परन्तु कभी भी शुद्ध नहीं हो सकते हैं, अर्थात्, जो न्याय के कार्य के मध्य ही भाग जाते हैं, वे हमेशा के लिए परमेश्वर द्वारा नफ़रत किए और अस्वीकार कर दिए जाएँगे।

2019/07/01

सृष्टिकर्ता के अधिकार के तहत हर चीज़ अत्युत्तम है



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • सृष्टिकर्ता के अधिकार के तहत हर चीज़ अत्युत्तम है
  • I
  • परमेश्वर ने बनायीं हैं जो सभी चीज़ें,
  • चल-अचल सभी चीज़ें,
  • जैसे मछली, पक्षी, फूल और पेड़-पौधे,
  • पशुधन, जंगली जीव और कीड़े-मकौड़े,
  • परमेश्वर की नज़रों में वे भले थे,
  • थे परमेश्वर की नजरों में, उसकी योजना के हिसाब से
  • अपनी पूर्णता की चोटी पे,
  • परमेश्वर चाहता था जो, उस दर्जे को वे पा चुके थे।
  • II
  • कदम-दर-कदम उसने काम किया,
  • उसकी योजना में था जो वो सब किया।
  • एक एक कर प्रकट हुईं वो चीज़ें,
  • जिन्हें बनाने का उसने इरादा किया था।
  • हर एक चीज़ है अभिव्यक्ति उसके अधिकार की और है उसका नतीजा।
  • और इसके कारण ही, सभी प्राणी
  • हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी,
  • हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी।
  • III
  • जैसे जैसे स्पष्ट होने लगे,
  • अद्भुत कर्म परमेश्वर के,
  • ये जहाँ, एक एक कर भर गया
  • परमेश्वर द्वारा बनाई गयी चीज़ों से।
  • बदल गया ये जहाँ,
  • अव्यवस्था से स्पष्टता में,
  • अंधकार से उजाले में,
  • स्थिरता से सजीवता में,
  • मौत सी स्थिरता से, अनंत जीवन चेतना में।
  • IV
  • सृष्टि की सारी चीज़ों में,
  • सबसे बड़ी से सबसे छोटी तक,
  • छोटी से बहुत ही छोटी तक,
  • नहीं थी ऐसी कोई चीज़ जो बनाई न गयी,
  • परमेश्वर के अधिकार से, परमेश्वर के सामर्थ्य से।
  • हर एक प्राणी के अस्तित्व के पीछे,
  • थी एक अनूठी, निहित ज़रूरत और महत्व।
  • चाहे हो कोई भी रूप या आकार उनका,
  • उसके अधिकार के तहत ही अस्तित्व है सभी का।
  • V
  • सृष्टिकर्ता के अधिकार में,
  • सभी प्राणी उसकी प्रभुता के लिए नई धुन बजायेंगे, बजायेंगे,
  • नये दिन के उसके कार्य से पर्दा उठाएंगे, उठाएंगे।
  • और इसी क्षण में,
  • अपने प्रबन्धन के कार्य में,
  • सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।
  • हाँ, सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।
  • VI
  • सृष्टिकर्ता द्वारा निश्चित,
  • बसंत के अंकुरण, गर्मी की परिपक्वता,
  • शरद की कटनी और सर्दी के संचय
  • की व्यवस्था के अनुसार सभी चीज़ें,
  • परमेश्वर की प्रबन्धन योजना से गूंजेंगी,
  • अपने नये दिन का, नई शुरुआत का,
  • नये जीवन पथक्रम का स्वागत करेंगीं।
  • जल्द ही पीढ़ी दर पीढ़ी प्रजनन करेंगीं,
  • ताकि परमेश्वर के अधिकार की प्रभुता के अधीन,
  • वे करें स्वागत हर नये दिन का।
  • सब कुछ अत्युत्तम है।
  • सब कुछ अत्युत्तम है।
  •  "वचन देह में प्रकट होता है" से
अनुशंसित:परमेश्वर के भजन - चुने हुए भजनों को सूची - परमेश्वर प्रेम को ब्यक्त करना

2019/06/28

परमेश्वर द्वारा इन लोगों के चुने जाने का महान अर्थ



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर द्वारा इन लोगों के चुने जाने का महान अर्थ
  •  
  • I
  • इस धारा के व्यक्ति के रूप में,
  • तुम सबको वास्तव में ईश्वर की
  • महान योजना का, उसकी पूरी प्रबंधन योजना का,
  • उद्देश्य जानना चाहिए,
  • तथ्य जानो जो वो पहले ही पूरा कर चुका,
  • उसने क्यों लोगों के एक समूह को चुना,
  • इसके लक्ष्य और अर्थ क्या हैं,
  • और ईश्वर तुममें क्या पाना चाहता है।
  • बड़े लाल अजगर की भूमि में,
  • ईश्वर ने साधारण लोगों के एक समूह को ऊँचा उठाया है,
  • कई तरह से उनका परीक्षण लेते, पूर्ण करते हुए।
  • उसने अनगिनत वचन कहे और कार्य किए,
  • सेवा के लिए कई वस्तुएँ भेजते हुए।
  • परमेश्वर के कार्य का अर्थ महान है,
  • तुम लोग अब भी नहीं समझ सकते हो इसे पूरी तरह से।
  • II
  • परमेश्वर ने जो कार्य तुम लोगों पर किया है
  • उसे साधारण न समझो।
  • ईश्वर ने आज जो दिखाया है पर्याप्त है वो,
  • विचारने और समझने के लिए।
  • गर तुम लोग अच्छी तरह समझते हो इसे,
  • ज़्यादा गहराई से इसका अनुभव करोगे।
  • और सिर्फ़ इसी तरह से
  • अपने जीवन में प्रगति कर सकते हो।
  • बड़े लाल अजगर की भूमि में,
  • ईश्वर ने साधारण लोगों के एक समूह को ऊँचा उठाया है,
  • कई तरह से उनका परीक्षण लेते, पूर्ण करते हुए।
  • उसने अनगिनत वचन कहे और कार्य किए,
  • सेवा के लिए कई वस्तुएँ भेजते हुए।
  • परमेश्वर के कार्य का अर्थ महान है,
  • तुम लोग अब भी नहीं समझ सकते हो इसे पूरी तरह से।
  • III
  • लोग जो समझ सकते हैं
  • और कर रहे हैं अभी वो बहुत कम है।
  • ये ईश्वर के प्रयोजनों को संतुष्ट,
  • नहीं कर सकता पूरी तरह से।
  • ये मनुष्य की अपूर्णता है,
  • वो अपना कर्तव्य निभाने में विफल है।
  • यही कारण है कि जो परिणाम
  • अब तक प्राप्त होना चाहिए था
  • नहीं हो पाया है।
  •  
  • बड़े लाल अजगर की भूमि में,
  • ईश्वर ने साधारण लोगों के एक समूह को ऊँचा उठाया है,
  • कई तरह से उनका परीक्षण लेते, पूर्ण करते हुए।
  • उसने अनगिनत वचन कहे और कार्य किए,
  • सेवा के लिए कई वस्तुएँ भेजते हुए।
  • परमेश्वर के कार्य का अर्थ महान है,
  • तुम लोग अब भी नहीं समझ सकते हो इसे पूरी तरह से, पूरी तरह से।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से

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2019/06/25

सभी चीज़ें हैं प्रकटीकरण सृष्टिकर्ता के अधिकार का



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • सभी चीज़ें हैं प्रकटीकरण सृष्टिकर्ता के अधिकार का
  •  I
  • इस नये जहाँ में, मानवता से भी पहले,
  • सृष्टिकर्ता ने बनाया सांझ-सवेरा।
  • आकाश, धरती और सागर बनाये,
  • और बनाये घास-फूस, पेड़-पौधे सारे।
  • दिन और साल, मौसम और प्रकाश बनाये उसने
  • उस नये जीवन के लिए, जो थे जल्द ही रचे जाने वाले।
  • सृष्टिकर्ता द्वारा रची गयी हर नई चीज़,
  • थी उसके अधिकार और सामर्थ्य की अभिव्यक्ति।

2019/06/24

परमेश्वर उन्हें आशीष देता है जो ईमानदार हैं



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर उन्हें आशीष देता है जो ईमानदार हैं
  •  I
  • जब तुम ईश्वर को देते हो दिल और उसे धोखा नहीं देते हो,
  • जब तुम खुद से ऊँचे या नीचे लोगों को कभी नहीं छलते हो,
  • जब ईश्वर के प्रति साफ़दिल हो सब चीज़ों में,
  • जब तुम ईश्वर की चापलूसी वाले काम न करो,
  • है ये बनना ईमानदार।
  • ईमानदारी है अपने कार्यों और वचनों से अशुद्धि को दूर रखना,
  • और न ईश्वर न लोगों को ठगना।

2019/06/23

परमेश्वर की एकमात्र ख़्वाहिश धरती पर



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • परमेश्वर की एकमात्र ख़्वाहिश धरती पर
  •  
  • देहधारण किया है परमेश्वर ने इस बार,
  • निमंत्रण पर
  • इंसान के हालात को देखकर,
  • आपूर्ति करने इंसान को उसकी, जिसकी उसे ज़रूरत है।
  • I
  • आ रहा है वो हर इंसान को,
  • चाहे इंसान की काबिलियत या परवरिश कुछ भी हो,
  • परमेश्वर के वचन दिखाने,
  • उनमें परमेश्वर के अस्तित्व और
  • परमेश्वर की अभिव्यक्ति को दिखाने,
  • वचनों से परमेश्वर की पूर्णता को स्वीकार कराने।
  • उम्मीद है परमेश्वर को
  • बदलेगा विचार और धारणाएँ इंसान अपनी,
  • ताकि बस जाए मज़बूती से परमेश्वर का सच्चा चेहरा
  • इंसान के दिल की गहराइयों में।

2019/06/22

ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • ज़िंदगी का जीवित झरना है देहधारी परमेश्वर
  • I
  • जो कार्य प्रदान करे सटीक वचन,
  • अनुसरण के लिये स्पष्ट लक्ष्य,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • देखा और छुआ जा सके जिसे,
  • वो कार्य सबसे ज़्यादा मूल्यवान है भ्रष्ट इंसान के लिये।
  • सिर्फ़ वास्तविक कार्य और मार्गदर्शन जो समय पर होता है,
  • ऐसे कार्य हैं जो इंसान की रुचि के सबसे अनुकूल होते हैं।
  • हाँ, असली कार्य ही इंसान को
  • बचाता है दुराचरण और उसके भ्रष्ट स्वभाव से।

2019/06/21

तुलना से परे है राज्य के राजा की महिमामय मुखाकृति



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • तुलना से परे है राज्य के राजा की महिमामय मुखाकृति
  •  
  • I
  • नई शुरूआत की है परमेश्वर ने धरती पर,
  • गौरवान्वित हुआ है वो धरती पर।
  • आख़िरी ख़ूबसूरत नज़ारे की वजह से,
  • व्यक्त करता है परमेश्वर अपने दिल का जुनून।
  • उसके दिल की लय का अनुसरण करके,
  • नाचते हैं जल-स्रोत, कूदते हैं पर्वत,
  • चट्टानों से टकराती हैं लहरें।
  • परमेश्वर के लिये मुश्किल है ज़ाहिर करना अपने दिल को।
  • जो योजना बनाई परमेश्वर ने, परमेश्वर ने,
  • उसने पूरा किया है उसी को, उसी को,
  • और इसे पूर्व-निर्धारित किया था परमेश्वर ने।

2019/06/20

सम्राट की तरह शासन करता है सर्वशक्तिमान परमेश्वर



  • परमेश्वर के वचनों का एक भजन
  • सम्राट की तरह शासन करता है सर्वशक्तिमान परमेश्वर
  •  I
  • कितना सुंदर! उसके कदम हैं ज़ैतून के पर्वत पर।
  • सुनो, मिलकर गाते ऊँचे सुर में हम पहरेदार,
  • लौट आया सिय्योन में परमेश्वर
  • देख चुके हम यरूशलेम का सूनापन!
  • मिलकर गाएँ, गाएँ ख़ुशी से हम अब,
  • परमेश्वर ने हमें आराम दिया और यरूशलेम का उद्धार किया।
  • दिखलाता पवित्र भुजा अपनी परमेश्वर सकल देशों के सम्मुख,
  • सच में जैसा है वैसा दिखता परमेश्वर।
  • देखते परमेश्वर द्वारा उद्धार लोग सारे धरती पर।

2019/06/19

परमेश्वर के विश्वासियों को किस प्रकार की पीड़ा अवश्य सहनी चाहिए और पीड़ा का अर्थ।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज अधिकाँश लोग यह महसूस नहीं करत: वे मानते हैं कि दुःख उठाने का कोई महत्व नहीं है, वे संसार के द्वारा त्यागे जाते हैं, उनके पारिवारिक जीवन में परेशानी होती है, वे परमेश्वर के प्रिय भी नहीं होते, और उनकी अपेक्षाएँ काफी निराशापूर्ण होती हैं। कुछ लोगों के कष्ट एक विशेष बिंदु तक पहुँच जाते हैं, और उनके विचार मृत्यु की ओर मुड़ जाते हैं।

2019/06/18

परमेश्वर पर विश्वास केवल शान्ति और आशीषों को खोजने के लिए ही नहीं होना चाहिए।


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज, आपको सही रास्ते पर नियत अवश्य होना चाहिए क्योंकि तुम व्यावहारिक परमेश्वर में विश्वास करते हो। परमेश्वर में विश्वास करके, तुम्हें सिर्फ़ आशीषों को ही नहीं खोजना चाहिए, बल्कि परमेश्वर को प्रेम करने और परमेश्वर को जानने की कोशिश करनी चाहिए। इस प्रबुद्धता और तुम्हारी स्वयं की खोज के माध्यम से, तुम उसके वचन को खा और पी सकते हो, परमेश्वर के बारे में एक सच्ची समझ को विकसित कर सकते हो, और परमेश्वर के लिए एक सच्चा प्रेम रख सकते हो जो तुम्हारे हृदय से आता है।

2019/06/17

पवित्र शिष्टता जो परमेश्वर के विश्वासियों को धारण करनी चाहिए

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
शैतान के द्वारा भ्रष्ट होने से पहले, मनुष्य स्वभाविक रूप से परमेश्वर का अनुसरण करता था और उसके वचनों का आज्ञापालन करता था। वह स्वभाविक रूप से सही समझ और सद्विवेक का था, और सामान्य मानवता का था। शैतान के द्वारा भ्रष्ट होने के बाद, उसकी मूल समझ, सद्विवेक, और मानवता मंदी हो गईं और शैतान के द्वारा खराब हो गईं।

2019/06/16

परमेश्वर पर विश्वास में, तुम्हें परमेश्वर के साथ सामान्य सम्बन्ध स्थापित करना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर में विश्वास करने में तुम्हें कम से कम परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध रखने के विषय का समाधान करना चाहिए। परमेश्वर के साथ सामान्य संबंध के बिना परमेश्वर में विश्वास करने का महत्व खो जाता है। परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध को स्थापित करना परमेश्वर की उपस्थिति में अपने हृदय को शांत करने के द्वारा ही किया जा सकता है।

2019/06/15

सच्चे मार्ग की खोज में तुम्हें तर्कशक्ति से सम्पन्न अवश्य होना चाहिए

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर और मनुष्य को बराबर नहीं कहा जा सकता। उसका सार और उसका कार्य मनुष्य के लिये सर्वाधिक अथाह और समझ से परे है। यदि परमेश्वर व्यक्तिगत रूप में अपना कार्य न करे, और मनुष्यों के संसार में अपने वचन न कहें, तो मनुष्य कभी भी परमेश्वर की इच्छा को समझ नहीं सकता है, और इसलिए, यहाँ तक कि जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भी परमेश्वर को समर्पित कर दिया है, वे भी उसके अनुमोदन को पाने में सक्षम नहीं हैं।

2019/06/14

परमेश्वर पर विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत तुम्हें अवश्य मालूम होना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य के द्वारा परमेश्वर का विरोध करने का कारण, एक ओर मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से, और दूसरी ओर, परमेश्वर के प्रति अज्ञानता और परमेश्वर के कार्य के सिद्धांतों की और मनुष्य के प्रति उनकी इच्छा की समझ की कमी से उत्पन्न होता है। इन दोनों पहलुओं का, परमेश्वर के प्रति मनुष्य के प्रतिरोध के इतिहास में विलय होता है। नौसिखिए विश्वासी परमेश्वर का विरोध करते हैं क्योंकि ऐसा विरोध उनकी प्रकृति में होता है, जबकि कई वर्षों से विश्वास वाले लोगों में परमेश्वर का विरोध, उनके भ्रष्ट स्वभाव के अलावा, परमेश्वर के प्रति उनकी अज्ञानता का परिणाम है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "वे सब जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वे ही परमेश्वर का विरोध करते हैं" से

2019/06/13

तुम सच्चे और झूठे अगुवों और सच्चे और झूठे चरवाहों के बीच अंतर कैसे बताते हो?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जो लोग पवित्र आत्मा के वर्तमान कार्य का अनुसरण नहीं करते हैं, उन्होंने परमेश्वर के वचनों के कार्य में प्रवेश नहीं किया है, और चाहे वे कितना भी काम करें, या उनकी पीड़ा कितनी भी बड़ी हो, या वे कितनी ही भाग-दौड़ करें, परमेश्वर के लिए इनमें से किसी बात का कोई महत्व नहीं है, और वह उनकी सराहना नहीं करेगा। आज, जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों का पालन करते हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा में हैं; जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों से अनभिज्ञ हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा के बाहर हैं, और परमेश्वर की सराहना ऐसे लोगों के लिए नहीं है।

2019/06/12

बाहरी अच्छे कर्मों और स्वभाव में परिवर्तनों के बीच अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
धर्म के दायरे में, बहुत से लोग सारा जीवन निरर्थकता से कष्ट भोगते हैं, अपने शरीर को नियंत्रित करते हुए या अपना बोझ उठाते हुए, यहाँ तक कि अपनी अंतिम सांस तक पीड़ा सहते हुए! कुछ लोग अपनी मृत्यु की सुबह में भी उपवास रखते हैं। वे अपने पूर्ण जीवन के दौरान स्वयं को अच्छे भोजन और अच्छे कपड़े से दूर रखते हैं, और केवल पीड़ा पर ज़ोर देते हैं। वे अपने शरीर को वश में कर पाते हैं और अपने शरीर को त्याग पाते हैं।

2019/06/11

परमेश्वर का अनुसरण करने और लोगों का अनुसरण करने में अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का अनुसरण करने में प्रमुख महत्व इस बात का है कि हर चीज परमेश्वर के वास्तविक वचनों के अनुसार होनी चाहिए: चाहे तुम जीवन में प्रवेश कर रहे हो या परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति, सब कुछ परमेश्वर के वास्तविक वचनों के आस-पास ही केंद्रित होना चाहिए। यदि तुम्हारा समागम और अनुसरण परमेश्वर के वास्तविक शब्दों के आसपास केंद्रित नहीं होते हैं, तो तुम परमेश्वर के शब्दों के लिए एक अजनबी हो, और पवित्र आत्मा के कार्य से पूरी तरह से वंचित हो।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और परमेश्वर के चरण-चिन्हों का अनुसरण करो" से

2019/06/10

तुम सच्चे और झूठे मार्गों में, और सच्ची और झूठी कलीसियाओं में अंतर कैसे बता सकते हो?



परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
सच्चे मार्ग की तलाश करने में सबसे बुनियादी सिद्धान्त क्या है? तुम्हें देखना होगा कि क्या इसमें पवित्र आत्मा का कार्य है कि नहीं, क्या ये वचन सत्य की अभिव्यक्ति हैं या नहीं, किसके लिए गवाही देनी है, और यह तुम्हारे लिए क्या ला सकता है। सच्चे मार्ग और गलत मार्ग के मध्य अंतर करने के लिए बुनियादी ज्ञान के कई पहलुओं की आवश्यकता होती है, जिनमें सबसे बुनियादी है यह बताना कि क्या इसमें पवित्र आत्मा का कार्य है या नहीं।

Hindi Christian Song | सिर्फ़ वही प्रवेश करेंगे  अंतिम विश्राम में जो हो चुके हैं पवित्र उतरी है आदम हव्वा से, लेकिन भविष्य की म...